अजमेर.दसवीं पास नहीं होने पर भी रेलवे में नौकरी मिल सकेगी। रेलवे बोर्ड ने देश भर में करीब 30 से 40 हजार लोगों के लाभांवित होने के दृष्टिगत यह अहम फैसला किया है।
जिन लोगों की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर मामले में भूमि अधिग्रहण की गई है और जो लोग अनुकंपा के आधार पर नौकरी पाने वाले है एवं संरक्षा संबंधी सेवा में रहते हुए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पा चुके हैं ऐसे कर्मचारियों के आश्रितों को दसवीं पास किए बिना ही नौकरी पर लिया जा सकेगा।इन्हें तब तक ग्रेड-पे का लाभ नहीं मिलेगा जब तक वह दसवीं पास नहीं कर लेते।
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल सचिव मुकेश माथुर ने बताया कि यूनियन की मांग पर रेलवे बोर्ड ने यह कदम उठाया है। दसवीं पास किए बिना ही आश्रितों को 5200 से 20200 वेतनमान पर रखा जाएगा। यूनियन लंबे समय से इस मांग को उठाती रही है। हालांकि बोर्ड के इस फैसले से यूनियन पूरी तरह संतुष्ट नहीं है।
यूनियन की मांग है कि फिलहाल ग्रेड-पे का भी लाभ मिलता रहना चाहिए। ताकि परिवार को आर्थिक हानि ना हो।
ग्रेड पे का नहीं मिलेगा लाभ
बोर्ड के फैसले के अनुसार जब तक आश्रित दसवीं पास नहीं कर लेते उन्हें ग्रेड-पे का लाभ नहीं मिल सकता। दसवीं पास करने के बाद ही अन्य सुविधाओं का लाभ मिल सकेगा। तब तक आश्रित प्रशिक्षु के तौर पर काम कर सकेंगे। बोर्ड के इस निर्णय में यह स्पष्ट नहीं है कि प्रशिक्षु कर्मचारी को कितने वर्षो में उत्तीर्ण करना होगा।
30 से 40 हजार लोगों को मिलेगा लाभ
बोर्ड के इस फैसले से देश भर में करीब 30 से 40 हजार लोगों को इसका लाभ मिलेगा। सबसे ज्यादा लाभ उन्हें मिलेगा जिनकी जमीन डीएफसीसी द्वारा अधिग्रहण की गई है।। पूर्व में निर्णय लिया गया था कि जिन लोगों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है ऐसे लोगों के परिवार के एक सदस्य को रेलवे में नौकरी प्रदान की जाएगी।
वहीं अनुकंपा के आधार पर व स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति पाने वाले कर्मचारियों के परिवार के सदस्यों को भी इस निर्णय का लाभ होगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में बोर्ड ने दसवीं पास को ही नौकरी देने की बात कही थी।
बोर्ड का कदम सराहनीय
रेलवे बोर्ड का यह कदम सराहनीय है। लेकिन यूनियन बोर्ड के निर्णय से पूरी तरह संतुष्ट नहीं है। इस निर्णय से देश भर में हजारों लोगों को इसका लाभ होगा।
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