जयपुर.डायनासोर, जिनकी आवाज की कल्पना करते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। जिनके कदम पड़ते ही धरती हिलने लगती है, यदि ये आपके शहर में आ जाएं तो कैसा होगा? शायद आप घरों से बाहर तक नहीं निकल पाएंगे।
पर घबराइए नहीं, डायनासोर आपके शहर में जरूर आए हैं, लेकिन डराने नहीं, बल्कि सिखाने। लाखों वर्ष पहले विलुप्त हो चुके डायनासोर अब आप साइंस पार्क में जल्द ही देख पाएंगे। स्टीवन स्पिलबर्ग की साइंस फिक्शन जुरासिक पार्क से लोगों के दिलों दिमाग पर छाने वाले ये डायनासोर अब आपके अपने ही शहर में अपनी कहानी बताएंगे।
नेशनल काउंसिल ऑफ साइंस म्यूजियम के रीजनल साइंस सेंटर जयपुर के साथ बन रहे इस डायनासोर पार्क में विभिन्न प्रजातियों के 11 डायनासोर लगाए जा रहे हैं। इससे पहले साइंस पार्क में एक ही डायनासोर है।
डिसप्ले बोर्ड पर इतिहास
यहां सभी मॉडल्स के पास ओरिजिन, एवरेज एज, वेट, पीरियड, बिहेवियर, डाइट, बॉडी स्ट्रक्चर, मूवमेंट आदि की जानकारियां डिसप्ले बोर्ड पर लिखी होंगी, जो साइंस के स्टूडेंट्स और रिसर्च स्कॉलर्स के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैं। ये सभी मॉडल्स कोलकाता, मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु सेंटर से आए हैं।
देश के साइंस पार्क
अभी तक हरियाणा के कैथल साइंस पार्क, साइंस सिटी कोलकाता, दिल्ली, मुंबई और पटना में डायनासोर मॉडल्स और रोबो लगे हुए हैं। इनमें कोलकाता में इवोल्यूशन पार्क की गैलेरी में रोबोटिक डायनासोर है।
ये हैं प्रजातियां
दिल्ली से आए टेक्निकल एक्सपर्ट नंदकिशोर ने बताया कि पार्क में स्टेगोसॉरस (पंख वाला), एंकायलोसॉरस, ट्रायसिराटॉप्स (सींग वाला), ट्रियसिक (मांसाहारी), ओवीरैप्टर (अंडे चुराने वाला), स्केलिडोसॉरस प्रजातियों के मॉडल लगाए जा रहे हैं। ये सभी फाइबर ग्लास से बने हैं। इनके साथ उड़ने वाला एक डायनासोर भी ऊंचे पेड़ पर लगाया जाएगा। इन्हें देखने के लिए स्पेशल ट्रैक तैयार किया जा रहा है, जिसके चारों ओर लैंडस्केपिंग की जाएगी।
"राजस्थान में यह पहला डायनासोर पार्क है। इसका उद्घाटन जनवरी महीने के अंत में कर सकते हैं। इसके साथ ही अहमदाबाद और कोलकाता साइंस सेंटर से यहां और मॉडल्स लाएंगे।"
डॉ. राजकुमार शर्मा, विज्ञान व प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री
"साइंस में इंट्रेस्ट रखने वाले विद्यार्थियों और सामान्य लोगों के लिए यह नया अनुभव होगा। जुरासिक पार्क फिल्म का रोमांच यहां देखने को मिलेगा।"
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