Wednesday, 21 December 2011

एक साथ दो बेटों की अर्थियां देख बेसुध हुई मां, पिता भी खड़े ना हो पाए!



जोधपुर.जिले के जोलियाली गांव निवासी धीमाराम बेनीवाल को सपने में भी गुमान न था कि जिन कंधों के सहारे जिंदगी की गाड़ी आसान लग रही है उन्हें बेरहम कुदरत इस तरह छीन लेगी।

ट्रक लेकर पश्चिम बंगाल गए धीमाराम के दोनों बेटों फूसाराम (23) व सत्यनारायण (21) की लुटेरों ने 14 दिसंबर की रात कोलकाता के पास नृशंस हत्या कर उनका ट्रक लूट लिया। धीमाराम को इस बारे में कोई जानकारी न होने के कारण रविवार तक तो वे इस उम्मीद में थे कि एक-दो दिन में ही उनके बेटे घर आने वाले हैं। 

उनकी जगह सोमवार को जब दोनों जवान बेटों के शव घर पहुंचे तो धीमाराम की आंखों के सामने अंधेरा छा गया। उनकी पत्नी अपने बेटों की मौत का समाचार सुनकर बेहोश हो गई। वह अस्पताल में बेसुध पड़ी है। 

दोनों की पत्नियों व भाइयों की अकेली बहन का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है तो फूसाराम व सत्यनारायण की मासूम बेटियों को इल्म तक नहीं है कि उनके सिर से पिता का साया उठ चुका है। इनमें से फूसाराम की छोटी बेटी तो महज तीन महीने की है। गांव में जिस किसी ने इस अनहोनी के बारे में सुना, स्तब्ध रह गया। 

हर किसी के कदम धीमाराम के घर की ओर मुड़ गए। पूरा गांव शोक में डूब गया और किसी घर में चूल्हे नहीं जले। हर कोई धीमाराम को ढाढ़स बंधाने में जुटा था लेकिन उन पर टूटे दुखों के पहाड़ को कम करने की क्षमता किसी में नहीं थी। घर में बच्चे, महिलाएं और बड़े-बुजुर्गो में कोहराम मचा था। 

किसी को यकीन नहीं हो रहा कि धीमाराम के दोनों बेटे इस दुनिया से एक साथ कूच कर गए। एक साथ जब घर के दो चिरागों की अर्थियां उठीं तो पिता धीमाराम पैरों पर खड़े नहीं हो सके। लोगों के संबल के बाद डगमगाते पैरों से उन्होंने अपने जीवन के सहारों की अर्थियों को कंधा दिया। 

रवाना होते ही घर किया था फोन 

दोनों भाई 10 दिसंबर को जोधपुर से खड़गपुर के लिए ट्रक लेकर रवाना हुए थे। 13 दिसंबर को वे वहां पहुंच गए। 14 दिसंबर को खड़गपुर से ही बिजली लाइन की केबल ट्रक में भरकर वे वापस जोधपुर के लिए रवाना हुए थे। उस वक्त उन्होंने घर पर फोन कर अपने रवाना होने की सूचना भी दी थी लेकिन कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। 

14 दिसंबर की रात को बांकुड़ा जिले के बिष्णुपुर थाना क्षेत्र में लुटेरों ने ट्रक पर धावा बोल दिया। उन्होंने फूसाराम को गोली मार दी जबकि सत्यनारायण पर धारदार हथियार से एक के बाद एक कई वार कर उसकी हत्या कर दी। 

इसके बाद लुटेरे ट्रक लेकर फरार हो गए। 16 दिसंबर को विष्णुपुर थाना पुलिस ने दोनों भाइयों के शव बरामद किए। इनके कपड़ों में मिले मोबाइल में नंबरों के आधार पर विष्णुपुर के थानाधिकारी ने धीमाराम के भाई भेंपाराम को फोन पर हादसे की जानकारी दी। 

अचानक मिली इस सूचना से वे भी एकबारगी हतप्रभ रह गए। उन्होंने अपने भाई सहित परिजनों को इस हादसे की जानकारी देने के बजाय दोनों भतीजों के शव लेने खुद ही पश्चिम बंगाल जाने का निश्चय किया। घर वालों के सामने ट्रक का छोटा-मोटा एक्सिडेंट होने की बात कह कर वे वहां के लिए रवाना हो गए। सोमवार को जब वे शवों सहित लौटे तो कोहराम मच गया। 

धीमाराम के घर में कमाने वाले सदस्य उसके दोनों बेटे ही थे। पचपन वर्ष की उम्र में अपने दोनों सहारों को एक साथ खो देने से पूरे परिवार का भार उनके कंधों पर आ गया है।

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