लोकपाल बिल संसद के मौजूदा सत्र में पारित हो पाएगा, ऐसा सरकार को नहीं लगता। नागरिक उड्डयन मंत्री वायलार रवि ने कहा कि इस सत्र में बिल पारित कराना मुश्किल लगता है, क्योंकि बहस के लिए कहां वक्त मिलेगा? हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार चाहती है कि बिल इसी सत्र में लाया जाए।
बुधवार की सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर सहमति नहीं बनने और संसद सत्र का अंत करीब आते जाने के मद्देनजर संसदीय कार्यमंत्री पवन कुमार बंसल ने भी सकारात्मक संदेश नहीं दिए हैं। उन्होंने कहा, 'शीतकालीन सत्र खत्म होने में सात दिन ही बचे हैं। सर्वदलीय बैठक में 35 दलों ने हिस्सा लिया लेकिन लोकपाल पर आम सहमति नहीं बन सकी। इससे सरकार का काम बढ़ गया है।’ बंसल ने कहा कि सरकार लोकपाल बिल पर कानूनी राय लेगी, इसमें कुछ वक्त लग सकता है। हालांकि सरकार इस सत्र में बिल पेश करने की पूरी कोशिश कर रही है।
संसद का मौजूदा सत्र 22 दिसंबर को खत्म हो रहा है। लेकिन कई दलों ने लोकपाल पारित करने पर सरकार को कोई जल्दीबाजी नहीं करने की सलाह दी है। लोकपाल बिल में जोड़-घटाव करने के लिए 18 दिसंबर को फिर कैबिनेट की बैठक होनी है।
'आरक्षण नहीं तो लोकपाल नहीं'
लोजपा अध्यक्ष रामविलास पासवान की अगुवाई में एससी/एसटी सांसदों ने आज भी संसद में धरना दिया। ये सांसद लोकपाल में समाज के पिछड़ा वर्ग के लोगों को आरक्षण दिए जाने की मांग कर रहे हैं। भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दे रहे पासवान से हाथ मिलाने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव पहुंचे तो लोजपा नेता ने उन्हें भी धरने पर बिठा दिया।
No comments:
Post a Comment