शहर के मेट्रो प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री की सैद्धांतिक सहमति मिलने के बाद अब राज्य शासन का डीएमआरसी के साथ औपचारिक कांट्रेक्ट होगा। इसके बाद डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने का काम शुरू होगा। शहर के लिए प्रस्तावित तीन कॉरिडोर की यह विशेषता है कि यह चारों कोनों को जोड़ेगा।
ये हुई मुख्यमंत्री और डीएमआरसी के डायरेक्टर मंगू सिंह के बीच बातचीत-
सीएम- मंगू सिंह जी बताएं, भोपाल और इंदौर में मेट्रो ट्रेन कितनी उपयोगी है?
एमडी- यस सर, दोनों शहर मेट्रो के लिए फिट हैं। इसकी संभावनाएं फिजिबिलिटी सर्वे में ही दिख गईं थी। प्रोजेक्टों की डीपीआर बनाएंगे तो स्पष्ट स्थिति सामने आ जाएगी।
सीएम- कितना खर्च आएगा?
एमडी- भोपाल में करीब 8 हजार करोड़ और इंदौर में 8 हजार 500 करोड़ खर्च होंगे।
सीएम- दोनों शहरों में कितने-कितने कॉरिडोर बनेंगे?
एमडी- तीन-तीन कॉरिडोर उपयुक्त रहेंगे।
सीएम- बनने में कितने साल लगेंगे?
एमडी- 2016 तक एक कॉरिडोर का काम पूरा हो सकता है।
सीएम- फायनेंशियल मॉडल क्या हैं?
एमडी- तीन मॉडल हैं। हम तीनों के प्रपोजल तैयार करेंगे। फस्र्ट - डीएमआरसी मॉडल, सेंकेंड- बीओटी और थर्ड - पीपीपी।
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