Sunday, 18 December 2011

जंतर का मंतर हिंदी में ही क्यों?



.यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल होने के बाद जंतर-मंतर के इतिहास को रोचक तरीके से प्रस्तुत करने के लिए शुरू किया गया लाइट एंड साउंड शो केवल देसी पर्यटकों के ही समझ आएगा। 

वजह है विदेशी पर्यटकों की हिंदी भाषा में असहजता। दरअसल शो का अंग्रेजी वर्जन जनवरी के दूसरे सप्ताह में शुरू करने की योजना है। ऐसे में विदेशी पर्यटकों को इसे समझने के लिए फिलहाल इसके विजुअल इफेक्ट्स से ही संतोष करना पड़ेगा।


जाहिर है विश्व विरासत का खिताब मिलने के बाद इस वेधशाला को देखने लिए विदेशी पर्यटकों की उत्सुकता और संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। 

पर्यटन विभाग के अनुसार जंतर-मंतर में हर साल लगभग 7 लाख पर्यटक आते हैं। शो इसलिए भी खास है क्योंकि राज्य के अन्य मोन्यूमेंट्स में होने वाले इस तरह के शो से अलग इसमें पहली बार लाइट एंड साउंड तकनीक के साथ 3डी एनिमेशन और ग्राफिक्स का इस्तेमाल किया गया है।

एंटरटेनिंग नहीं, एजुटेनमेंट है वेधशाला का शो

आमेर में होने वाला शो एंटरटेनिंग है, जबकि जंतर मंतर का शो वृहद सम्राट, जयप्रकाश व राशि वलय यंत्र के जरिए खगोलीय गणना जानने के लिहाज से एंटरटेनिंग न होकर एजुटेनमेंट (एजुकेशन व एंटरटेनमेंट का मिश्रण) है। 

लाइट एंड साउंड शो बनाने वाली कंपनी इंटीग्रेटेड डिजिटल सॉल्यूशन के प्रोजेक्ट हैड मुकेश भार्गव कहते हैं, नॉलेजिबल होने के कारण विदेशी पर्यटकों के लिए अंग्रेजी वर्जन की स्क्रिप्ट और डबिंग पर कार्य किया जा रहा है। इसमें अभी कुछ समय और लगेगा। शो का अंग्रेजी वर्जन जनवरी के दूसरे सप्ताह तक शुरू हो पाएगा।

आमेर पैलेस के शो की स्थिति

आमेर फोर्ट में 2008 में शुरू हुए लाइट एंड साउंड शो में हिंदी और अंग्रेजी के दोनों शो आयोजित होते हैं। आमेर में 3 डी एनिमेशन तकनीक नहीं होने के साथ वह विश्व धरोहर की सूची में शामिल होने की प्रक्रिया में है, जबकि जंतर मंतर विश्व विरासत में तब्दील हो चुका है। 

आमेर में इस साल लाइट एंड साउंड शो की दर्शक संख्या

1490 अप्रैल

2590 अक्टूबर

2791 नवंबर

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