नाइफ से किया गया रंगों का संयोजन और बनारस के घाटों का सौंदर्य श्रीवाडकर की इस चित्र श्रंखला का प्रमुख आकर्षण है। स्वभाव से घूमने के शौकीन श्रीवाडकर अपनी कृतियों में अक्सर उस जगह के सौंदर्य और वहां की प्राकृतिक संपदा को इस अंदाज में उकेरने में माहिर हैं कि वो घर बैठे पर्यटन का माध्यम बन जाती हैं।
कहां : आर्ट चिल गैलरी, आमेर
कब तक : 17 से 24 दिसंबर
संपर्क : 9829011964
बनारस की स्थापत्य कला:
उनके चित्रों में बनारस शहर की ऐतिहासिक पहचान, शहर के चरित्र और वहां की स्थापत्य कला का विहंगम नजारा देखा और महसूस किया जा सकता है। खासकर बनारस के घाट पर अस्थायी तिरपालों और गोल-गोल छतरियों की छाया में बैठकर कर्मकांड करने वाले पंडों के चित्र श्रंखला को और भी आकर्षक बना रही हैं।
आकर्षक है छाया प्रकाश का संयोजनत्नचित्रों में रंगों के साथ छाया प्रकाश का काम बेहतर है। किसी पेंटिंग में बिल्डिंगों पर शाम के धुंधलके, कहीं सर्दी की धुंध भरी सुबह में सिमटी तो कहीं गर्मियों की चटख धूप से झिलमिलाती घाट की इमारतें वास्तविक सौंदर्य की अनुभूति करवा रही हैं।
दूर तक बस्तियां ही बस्तियांत्नश्रीवाडकर ने अपने इस सृजन को थ्री डी प्रभाव से भी सजाया है। यही वजह है कि दूर से देखने पर उनकी पेंटिंग में घाट की सीमा से दूर-दूर तक फैली बस्तियों और असंख्य मंदिरों के गुंबजों का समूह दिखाई देता है। उनके सभी चित्र सीमाओं के बंधन से मुक्त हैं।
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