Saturday, 31 December 2011

नववर्ष-रविवार की पहली सुबह बोलें यह सूर्य मंत्र..होगा भाग्योदय





सूर्य प्राण शक्ति देने वाले देवता हैं। हिन्दू धर्म के पंचदेवों  सूर्य, शिव, शक्ति, श्री गणेश, विष्णु में सूर्य ही ऐसे देवता माने जाते हैं, जो हर दिन हर प्राणी और प्रकृति जगत की क्रियाओं और कार्य के साक्षी हैं। 

रविवार को सूर्य पूजा का विशेष दिन होता है। धार्मिक मान्यताओं में सूर्य बल, यश, निरोगी जीवन के साथ सौंदर्य देने वाले देवता भी हैं। इस कारण शक्ति और स्वास्थ्य के लिए हर रोज भी सूर्य उपासना का महत्व बताया गया है। इस तरह जीवन में वास्तविक सुंदरता यानी चेहरे के साथ सुंदर मन पाने के लिए भी सूर्य उपासना शुभ मानी गई है, क्योंकि निरोगी तन, मन ही आत्मविश्वास बढ़ाकर कामयाबी तय करता है। 

इस बार नए वर्ष का आगाज भी रविवार के साथ हो रहा है। इसलिए इस दिन व पूरे साल की हर सुबह उगते सूरज को शास्त्रों के विशेष मंत्र के साथ प्रणाम करना भाग्य के साथ भविष्य संवारने वाला साबित होगा। जानते हैं यह विशेष सूर्य मंत्र और सरल पूजा विधि - 

- रविवार या हर रोज सुबह सूर्योदय के पहले जागकर स्नान करें। सफेद व स्वच्छ वस्त्र पहनें। 

- सूर्य के उदय होने पर पूर्व दिशा की ओर मुख कर गंगा जल से अर्घ्य दें। 

- घर या किसी मंदिर में सूर्य की प्रतिमा की पंचोपचार पूजा करें। 

- पूजा में खासतौर पर सूर्य को गंध या लाल चंदन, लाल रंग के फूल, अक्षत चढ़ाकर धूप और दीप जलाकर आरती करें। 

- सूर्य अर्घ्य व सूर्य पूजा में इस सूर्य मंत्र का स्मरण करें - 

नमामि देवदेवशं भूतभावनमव्ययम्। 

दिवाकरं रविं भानुं मार्तण्डं भास्करं भगम्।

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