Tuesday, 27 December 2011

जाको राखे सांईया मार सके न कोय, इस मासूम संग हुआ चमत्कार






मुजफ्फरपुर.
जाको राखे सांईया मार सके न कोय। यह उक्ति रविवार को उस समय चरितार्थ हुई जब करजा थाना क्षेत्र के खलीलपुर गांव में एक चार वर्षीय बच्ची के गर्दन में आठ फीट लंबा सरिया (रॉड) घुस गया। घायल अवस्था में उसे मां जानकी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर रॉड को 
बाहर निकाला। 


 
क्या है मामला ?
 
करजा थाना के खलीलपुर निवासी बाबूलाल शर्मा की चार वर्षीय बेटी मनीषा रविवार की सुबह अर्धनिर्मित दीवाल पर चढ़ कर लालटेन उतार रही थी। इसी दौरान वह नीचे गिर गई। गिरने के क्रम में दीवाल के बगल में बने पिलर से निकले आठ फीट लंबा रॉड उसके गर्दन के बीचो-बीच आरपार हो गया।
 
रॉड को काट कर बच्ची को नीचे उतारा गया। गर्दन में फंसे रॉड के साथ उसे अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर मनीषा के गर्दन में फंसे रॉड को बाहर निकाला।
 
चार साल की छोटी बच्ची उर्मिला के गर्दन में पांच फीट लोहे का रॉड धंसा देख कर किसी को विश्वास नहीं हो रहा था कि इस नन्हीं बच्ची की जान बचेगी। हालाँकि, डॉक्टर धीरेंद्र कुमार ने सहयोगी डॉ. बी मोहन के साथ 40 मिनट के सफल ऑपरेशन के बाद उर्मिला के गले में धंसा रॉड सफलतापूर्वक निकाल कर उसकी जान बचा ली।
 
ऑपरेशन के चार घंटे बाद जब उर्मिला को होश आया तो वह कुछ देर तक बातचीत करने के बाद फिर सो गयी।
 
 

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