Monday 16 January 2012

बड़ी खबर-एक 10 साल के बच्चे ने रोक दिया बड़ा रेल हादसा


मंडावली में रविवार सुबह कूड़ा बीनने वाले 10 वर्षीय एक बच्चे ने रेल हादसा होने से बचा लिया। उसने टूटी हुई पटरी को देखकर तुरंत रेलवे कर्मचारियों को सूचना दी, जिसके बाद आने वाली सभी गाड़ियों को टूटी हुई लाइन से पहले ही रोक दिया गया। इससे लगभग नौ गाड़ियां प्रभावित हुईं। सबसे ज्यादां पटना राजधानी को 55 मिनट तक रुके रहना पड़ा।
घटना सुबह सात बजकर 20 मिनट की है। मंडावली रेलवे स्टेशन के पास रेलवे लाइन पर अक्सर कूड़ा बीनने के लिए आने वाला 10 वर्षीय दीपक जब यहां पहुंचा तो रेलवे लाइन पर एक ट्रेन तेजी से गुजर रही थी। दीपक ने देखा कि लाइन पर एक स्थान से जब-जब पहिया गुजर रहा है तब-तब चिंगारियां उठ रही हैं।
वह कुछ समझ पाता इससे पहले यह ट्रेन गुजर गई। इसके बाद वह नीचे उतरा और लाइन पर पहुंचा। यहां उसने टूटी हुई लाइन देखी और कुछ सोचने के बाद तुरंत दौड़ कर इलेक्ट्रिक सिग्नल मेंटेनर (ईएसएम) दौलत सिंह के पास पहुंचकर इस संबंध में जानकारी दी।
ईएसएम ने बुकिंग क्लर्क सुरेंद्र को लाइन टूटे होने की सूचना मिलने की बात कही। दौलत सिंह व सुरेन्द्र उस तरफ भागे, जहां लाइन टूटी हुई थी। यह देखकर एक बार तो इन दोनों के भी होश उड़ गए, क्योंकि पटना राजधानी तेजी से दौड़ी चली आ रही थी।
गनीमत यह रही कि दौलत सिंह ने लाल रंग का स्वेटर पहन रखा था। उसने जल्दी से स्वेटर उतारा और पटरी पर उतरकर उसे हवा में लहराने लगा। सवारियों से भरी पटना राजधानी इस कारण टूटी पटरी से पहले ही रुक गई। मौके पर पहुंचे स्टाफ ने देखा कि 3/25 व 326 जीएफ के बीच की पटरी तीन से चार ईंच तक टूटी हुई थी।
उन्होंने तुरंत पटरी की मरम्मत शुरू कर दी और इस दौरान पटना राजधानी को लगभग 55 मिनट तक रुके रहना पड़ा। इसके बाद आने वाली दो मेल, एक राजधानी व पांच पैसेंजर ट्रेन भी रोकी गई, जिन्हें पटरी ठीक होने के बाद रवाना किया गया।
हालांकि नॉर्दर्न रेलवे के सीनियर प्रवक्ता वाईएस राजपूत ने पटरी में मिले क्रेक को ज्यादा गंभीर नहीं बताया है। उनका कहना है कि निश्चित ही रेल लाइन टूटी थी, लेकिन मौसम के कारण इस तरह के क्रेक होते रहते हैं। मगर खतरे का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि देर शाम तक पूरी पटरी को ही बदलना पड़ गया।

 

बच्चा दीपक: को किया जाएगा सम्मानित रेलवे प्रवक्ता वाईएस राजपूत के मुताबिक टूटी हुई पटरी की जानकारी देने वाले बच्चे को सम्मानित करने के लिए अधिकारियों से बात की जा रही है। मंडा वली इलाके में ही रहने वाले दीपक के पिता दलीप पीओपी की काम करके रोजी-रोटी चलते हैं, जबकि दीपक भी कूड़ा बीनकर अपने गरीब परिवार की रोजी-रोटी जुटाने में मदद करता है। वह कूड़ा बीनने पहुंचा तो सुबह 7:20 बजे श्रमजीवी एक्सप्रेस ट्रेन गुजरने के दौरान लाइन से चिंगारियां उठते हुए देखी थीं।

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