Sunday 8 January 2012

अमेरिकी भी रह गए दंग, कहा, 'गजब का है ये गांव'


कैलिफोर्निया से अन्ना हजारे के गांव आकर तीन युवक दंग हैं। टिकाऊ विकास क्या होता है यह उन्हें समझ में आ रहा है। विकास ही नहीं लीडरशिप, शिक्षा, महिला सशक्तीकरण जैसे विषयों पर रोज उन्हें सीखने को मिल रहा है। जॉय ऑफ गिविंग क्या होता है यह उन्होंने रालेगण सिद्धि के लोगों से ही जाना।

लोकपाल आंदोलन के बाद चर्चा में आए इस गांव के बारे में जानने के लिए कैलिफोर्निया (अमेरिका) के क्लेयरमोंट मैककेना कॉलेज के छात्र शांतनु गर्ग भारत आ रहे थे। तो उनके साथ बेन फेल्डमैन और एंडी विलिस भी हो लिए हैं। शांतनु मूल रूप से भोपाल के हैं।

शांतनु के पश्चिमी दोस्तों को आते ही तब आश्चर्य हुआ, जब उन के गाइड ने गांव में उनका रहना सुखद बनाने के लिए अपना स्टीरियो देने की पेशकश की। जिसे उसने उसी दिन खरीदा था। शांतनु बताते हैं, अमेरिका में शेयरिंग की भावना कम है। वहां मेरी चीज मेरी है और आपकी चीज आपकी।

सम्मान करेंगे पर शेयर नहीं। इसलिए बेन व एंड्रयू को गाइड की सदाशयता पर अचरज हुआ। बेन अन्ना के वॉटरशेड प्लान से चकित है। वे कहते हैं उन्होंने इसे लंबी अवधि तक चलाने के लिए फंड भी बनाए हैं। इसका फायदा लेने वाले हर किसान से फंड के लिए नियमित पैसा लिया जाता है। अभी फंड इतना बड़ा है कि अगले सौ साल तक वॉटरशेड की देखभाल हो सके।

बेन के मुताबिक पश्चिम में लीडर के पास फॉर्मल अथॉरिटी होती है। मतलब उसके पास पद होता है, जिससे उसे लोगों को नियंत्रण करने के अधिकार मिलते हैं। अन्ना के पास कोई फार्मल अथॉरिटी नहीं है। उनके पास मॉरल अथॉरिटी है, जो नि:स्वार्थ काम करने से आई है।

फेल विद्यार्थियों का स्कूल

बेन व एंड्रयू को रालेगण सिद्धि में फेल विद्यार्थियों का स्कूल देखकर ताज्जूब हुआ। वहां तीन-तीन बार फेल हुए विद्यार्थी पढ़कर एक ही बार में पास हो जाते हैं। 1985 से चल रहे स्कूल का रिजल्ट 99 फीसदी रहता है। पाठ्यक्रम में किताबी ज्ञान के साथ नैतिक शिक्षा, बॉडी बिल्डिंग, देशभक्ति, मानसिक व शारीरिक सेहत के गुर भी दिए जाते हैं।

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