Tuesday 3 January 2012

ऑस्ट्रेलियन मीडिया क्या लिखता है हमें फर्क नहीं



पहला टेस्ट हारने के बाद टीम इंडिया पर दबाव बनाने के लिए ऑस्ट्रेलियन मीडिया कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। इसका उदाहरण एक ऑस्ट्रेलियन अखबार में देखने को मिला जब पुराने हो चुके भज्जी और साइमड्स एपिसोड को फिर से उभारने की कोशिश की गई। यही नहीं इसमें सचिन तेंडुलकर को भी धसीटा गया। लेकिन टीम इंडिया पर इन चीजों का बिलकुल असर नहीं है। यह कहना है कि भारतीय टीम के मीडिया मैनेजर जीएस वालिया का। 

ऑस्ट्रेलिया से फोन पर भास्कर से बातचीत में वालिया ने कहा कि ऑस्ट्रेलियन मीडिया क्या लिख रहा है और क्या नहीं, हम इस बारे में बिलकुल भी नहीं सोचते। क्या आप सोच सकते हैं कि सचिन, द्रविड़, धोनी और तमाम दूसरे खिलाड़ी अखबारों में छप रहे आर्टिकल को लेकर कोई राय बनाते होंगे। 

सभी खिलाड़ी प्रोफेशनल है और अपने काम को बखूबी जानते हैं। जब वालिया से यह पूछा गया कि क्या भारतीय खिलाड़ी अखबार नहीं पढ़ते? वालिया ने कहा कि सभी के कमरों में अखबार आते हैं और खिलाड़ी पढ़ते भी हैं। टीम का फोकस इस सीरीज और अपनी प्रैक्टिस पर है। हम अपना काम शैडूयल के मुताबिक कर रहे हैं। अखबार अपना काम कर रहे हैं और हम अपना। सभी को मालूम है कि हम यहां पर क्रिकेट खेलने आए हैं। हमारा ध्यान दूसरे टेस्ट मैच पर लगा है। 

धटना को तूल नहीं देना चाहिए 

ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री गिलार्ड से मिलने के लिए समय से पहले पहुंची टीम इंडिया को सड़क पर कुछ देर इंतजार करने की खबर को ज्यादा तूल नहीं देना चाहिए। वालिया ने कहा कि हम थोड़ा पहले पहुंच गए थे। दो चार मिनट के बाद टीम अंदर चली गई थी। यह कोई बड़ी बात नहीं है।

ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने सचिन पर साधा निशाना

सिडनी: ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने दूसरे टेस्ट से पहले सचिन तेंडुलकर पर निशाना साधा है। एक ऑस्ट्रेलियाई अखबार ने 2008 के हरभजन-साइमंड्स विवाद (मंकीगेट कांड) का जिक्र करते हुए सिडनी को सचिन्स सिन सिटी (सचिन के गुनाह का शहर) करार दिया है। हेराल्ड सन में मैल्कम कॉन ने सचिन्स सिन सिटी शीर्षक से कॉलम लिखा है। 

उन्होंने लिखा, क्रिकेट जगत सिडनी टेस्ट में सचिन के महाशतक की उम्मीद लगाए हुए है। वहीं, कुछ ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अभी तक मंकीगेट कांड के लिए उन्हें माफ नहीं कर पाए हैं। यह विवाद तेंडुलकर को हमेशा सताता रहेगा। सचिन ने हरभजन-साइमंड्स मामले में मुख्य गवाह के तौर पर एकदम से उल्टा रवैया अपनाकर अपनी इज्जत खो दी थी। मंकीगेट विवाद तब पैदा हुआ था, जब साइमंड्स ने सिडनी टेस्ट में आरोप लगाया कि हरभजन ने उन पर नस्लीय टिप्पणी की थी। सचिन उन खिलाड़ियों में शामिल थे, जो इस मामले में गवाह के रूप में पेश हुए थे। सचिन ने कहा था कि हरभजन ने हिंदी में ऐसे शब्द का उपयोग किया था, जो अंग्रेजी के मंकी (बंदर) जैसा था। कॉमेंट्रेटर हर्ष भोगले ने ट्वीट किया, मैल्कम कॉन से मेरे अच्छे रिश्ते हैं। लेकिन मुझे इस पर असहमति जताने में खुशी है कि सिडनी 2008 सचिन के लिए शर्म की बात है।

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