Wednesday 6 November 2013

100 करोड़ यूजर्स के साथ किसने दी Facebook की बादशाहत को चुनौती?

भारत में परिणीति करती हैं We Chat का विज्ञापन
न वह ट्विटर है, न गूगल प्लस और न ही लिंक्डइन. लेकिन जिस रफ्तार से उसकी लोकप्रियता बढ़ रही है, उसने फेसबुक का नंबर-1 सोशल नेटवर्किंग साइट का ताज खतरे में डाल दिया है. यह एक कंपनी है जिसके बारे में पश्चिम के ज्यादातर लोग नहीं जानते. धमाकेदार ग्रोथ करने वाली यह कंपनी है चीन की 'टैंसेट' और उसकी मोबाइल मैसेजिंग एप्लीकेशन 'वीचैट'.
अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की वेबसाइट पर छपी खबर के मुताबिक, टेंसेट ने हाल ही में घोषणा की कि उसकी एप्प 'वीचैट' के यूजर्स की संख्या पिछले साल के मुकाबले 8.5 करोड़ बढ़ गई है. टेंसेट और वीचैट के मंथली एक्टिव यूजर्स 100 करोड़ के पार पहुंच गए हैं.
भारत में वीचैट का प्रचार बॉलीवुड एक्टर परिणीती चोपड़ा और वरुण धवन करते हैं.
पिछले हफ्ते, सोशल नेटवर्किंग के बेताज बादशाह फेसबुक ने माना कि टीन यूजर्स उससे अलग हो रहे हैं और 'मंथली एक्टिव यूजर्स' के मामले में इसकी ग्रोथ 18 फीसदी की दर से घट रही है.

इस कंपनी की तरक्की के समाजशास्त्रीय कारण भी हैं. दरअसल चीन में पश्चिमी सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर बैन है और यह दुनिया का सबसे सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश है.
पिछले दशक की तुलना में यहां लोगों की आय 1430 डॉलर से बढ़कर 6100 डॉलर (करीब 3 लाख 75 हजार रुपये) हो गई है. बल्कि शंघाई और गुआंझू जैसे विकसित शहरों के अमीर तो न्यूयॉर्क में रहने वाले लोगों से बेहतर स्थिति में हैं.
टेंसेंट सिर्फ चीन तक ही सीमित नहीं है. बल्कि मई से सितंबर 2013 के बीच इसके विदेशी यूजर्स की संख्या 5 करोड़ से बढ़कर 10 करोड़ हो गई.
आखिर ऐसा क्या है टेंसेंट और वीचैट में? सबसे खास बात इसमें कुछ ऐसे कमाल के फीचर्स हैं जो यूजर्स को बार-बार लौट आने पर मजबूर करते हैं. मैसेजिंग की बात करें तो 'होल्ड टू टॉक' के जरिए वॉकी-टॉकी स्टाइल में मैसेज भेज सकते हैं, जिसके बाद वॉइस मेल की जरूरत ही नहीं पड़ती.
वीचैट ने कई स्तरों पर ट्विटर और फेसबुक दोनों की एप्रोच का मिला-जुला रूप है. यहां आप दुनिया भर में किसी को फॉलो कर सकते हैं तो म्यूच्युअल फ्रेंड्स वाले स्थानीय नेटवर्क पर भी काम कर सकते हैं.

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