Wednesday 6 November 2013

शिवसेना का मोदी पर हमला, राम मंदिर भूलकर कर रहे हैं बुर्केवाली रैली

चुनावी मौसम में धर्मनिरपेक्षता को लेकर चल रहे जोरदार बहस के
नरेंद्र मोदी
बीच शिवसेना ने अपने साथी बीजेपी और एनडीए के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है.
शिवसेना ने इशारों ही इशारों में कहा कि बीजेपी भी छद्म धर्मनिरपेक्षता का चोंगा ओढ़ने को बेकरार है. राम मंदिर के निर्माण का दावा करने वाली पार्टी अब मुस्लिमों का तुष्टीकरण कर रही है जैसा अब तक कांग्रेस करती आई है.
शिवसेना ने ये बातें अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कही हैं. मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने कहा कि सत्ता पाने के लिए राम मंदिर, समान नागरिक कानून जैसे मुद्दों को हासिये पर कर दिया गया और खुद को सेकुलर बताने के लिए रैली में बुर्केवाली महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किया जाता है.
आपको बता दें कि राम मंदिर निर्माण का मुद्दा बीजेपी का अस्तित्व से जुड़ा मसला रहा है हालांकि पार्टी अब इसे चुनावी मुद्दा नहीं मानती. वहीं मोदी की रैलियों में मुसलमानों की उपस्थिति दिखाने के लिए इस समुदाय के पुरुषों को टोपी और महिलाओं को बुर्का पहनकर आने के लिए कहा जाता है.
यह छपा है शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में
मुस्लिम तुष्टीकरण इस देश को लगा भयंकर श्राप है. इस श्राप के चलते देश की प्रगति कुंठित हो चुकी है. सत्ता प्राप्ति के लिए राम मंदिर, समान नागरिक कानून जैसे मुद्दों को बगल रख दिया जाता है और सार्वजनिक सभाओं में बुर्केवाली महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किया जाता है. हर किसी को धर्मनिरपेक्ष होने की जल्दी है और मुसलमानों का तारणहार बनकर डंका पीटना है.
कांग्रेस द्वारा किए गए पाप नष्ट करने की बजाय जिसे देखो वही कमर के ऊपर की छोड़कर मुसलमानों के तुष्टीकरण की प्रतियोगिता में उतर पड़ा है. धर्मनिरपेक्षता एक जहर है. धर्मनिरपेक्षता एक अधर्म है. मुसलमानों का तुष्टीकरण एक दिन इस देश के अस्तित्व और संस्कृति को नष्ट कर देगा.
आपको बता दें कि शिवसेना ने ये सारी बातें कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर के बयान में संदर्भ में कही जो उन्होंने हाल ही में दुबई में दिया था. मणिशंकर अय्यर ने हाल ही में कहा था कि जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं सभी पार्टियां मुसलमानों को लुभाने में जुट जाती है.
यह बयान दिया था मणिशंकर अय्यर ने
'मुसलमान समाज की ओर से एकमुश्त मतदान किया जाता है. विशिष्ट दलों के उम्मीदवारों को मुसलमानों का एकमुश्त समर्थन मिले इसी के चक्कर में हिंदुस्तान के तमाम राजनीतिक दल मुसलमानों का तुष्टीकरण करते हैं. चुनाव के समय उनकी इस मक्खनबाजी में बाढ़ आ जाती है.'

No comments:

Post a Comment