Tuesday 5 November 2013

श्रीहरिकोटा से लांच हुआ मंगलयान

Image Loadingभारत की प्रमुख स्पेस एजेंसी इसरो के ऐतिहासिक मंगल अभियान की शुरुआत उस समय हो गई जब 2 बजकर 28 मिनट पर मंगलयान लांच हो गया। इसरो के 44 साल के लंबे इतिहास में पहली बार पृथ्वी के प्रभावक्षेत्र के बाहर कोई अभियान शुरू हुआ है।
इससे पहले चेन्नई से 100 किलोमीटर दूर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के अभियान नियंत्रण कक्ष में काफी चहल-पहल है। यहां वैज्ञानिक मंगल पर भारत के पहले अभियान की शुरुआत के लिए काउंटडाउन टाईम (सीडीटी) पर नजर बनाए हुए हैं। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने बताया कि काउंटडाउन सामान्य रूप से आगे बढ़ रहा है। सभी व्हीकल सिस्टमों को सुबह 6 बजकर 8 मिनट से अंतिम साढ़े आठ घंटे के काउंटडाउन के लिए शुरू कर दिया गया है। इसरो के सूत्रों ने कहा कि 44.4 मीटर लंबे रॉकेट को ढंकने वाला 76 मीटर लंबा मोबाइल सर्विस टावर प्रक्षेपण के लिए लगभग 150 मीटर की दूरी पर उतार लिया गया है। वर्ष 1969 में अपनी स्थापना के बाद से अब तक इसरो ने विभिन्न उददेश्यों के लिए सिर्फ पथ्वी के आसपास के अभियान और चंद्रमा के लिए एक अभियान को ही अंजाम दिया है। ऐसा पहली बार है जब राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी पथ्वी के प्रभाव क्षेत्र से बाहर के किसी खगोलीय पिंड का अध्ययन करने के लिए एक अभियान भेज रही है। भारत के मंगल ऑर्बिटर (यान) की सितंबर 2014 तक लाल गह की कक्षा में पहुंच जाने की संभावना है। वहां यह जीवन का संकेत देने वाली मिथेन गैस की उपस्थिति की संभावनाएं तलाशेगा। इसरो ने दुनिया भर में स्टेशनों का पूरा नेटवर्क बनाया है, जो यहां से दोपहर 2 बजकर 38 मिनट पर पहले लॉन्च पैड से मंगल ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) को लॉन्च किए जाने के बाद इस पर नजर रखेंगे। अन्य पीएसएलवी अभियानों से अलग, पीएसएलवी सी 25 मंगल ऑर्बिटर को पथ्वी की कक्षा में प्रविष्ट कराम्ने में 40 मिनट का अतिरिक्त समय लेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि लॉन्च के लिए इसका तटानुगमन (लॉन्ग कास्टिंग फेस) का चरण 1700 सेकेंड का समय लेता है और उपग्रह व पृथ्वी के बीच निकटतम दूरी वाले बिंदु का कोण 276.4 डिग्री रखना होता है। वाहन के मार्ग की निगरानी कई निरीक्षण स्टेशनों से की जाएगी, जिनमें यहां अंतरिक्ष केंद्र के अलावा बेंगलूर के पास ब्यालुलू में इंडियन दीप स्टेशन नेटवर्क, भारत के पोर्ट ब्लेयर में डाउन रेंज स्टेशन शामिल हैं। इसके साथ ही इंडोनेशिया के बियाक और ब्रुनेई से भी इसपर नजर रखी जाएगी।

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