Thursday 14 November 2013

मेला घूमना चाहते हो, बाल संगम आओ ना

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एक बड़ा सा मेला, जिसमें लोक कला और क्राफ्ट की चीजें दिख रही हों, कहीं 15-20 फुट लंबे आदमी टहल रहे हों और कहीं जादू का खेल हो रहा हो, ये सब देखने को मिल जाए तो कितना मजा आए। अगर तुम ऐसे मेले का आनन्द लेना चाहते हो तो 14 से 20 नवम्बर के बीच मंडी हाउस पहुंच सकते हो। यहां राष्ट्रीय नाटय़ विद्यालय यानी एनएसडी ‘बाल संगम’ मेले का आयोजन कर रहा है। आओ जानें इस मेले के बारे में सत्य सिंधु से तुमने कई तरह के मेलों के बारे में सुना होगा। शायद तुमने कुछ मेले देखे भी होंगे, लेकिन क्या कभी दिल्ली में ऐसा मेला देखा है, जहां देशभर के कलाकार तरह-तरह के कार्यक्रम प्रस्तुत करते हैं। उनमें अधिकतर कार्यक्रम तो तुम्हारे जैसे बच्चे ही प्रस्तुत करते हैं। अगर अब तक तुमने यह मेला नहीं देखा है तो इस बार देखने की योजना बना लो। राष्ट्रीय नाटय़ विद्यालय मंडी हाउस में स्थित अपने कैंपस में इस मेले का आयोजन करने जा रहा है। इस मेले का नाम है बाल संगम। इसमें बाल कलाकार तरह-तरह के पारंपरिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे। अगर तुम्हें नाटक से प्यार है तो तुम यहां कई नाटक भी देख सकते हो। अपने पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन पर यानी 14 नवम्बर से यह मेला शुरू होने वाला है और 20 नवम्बर तक तुम इस मेले का आनन्द उठा सकते हो। एनएसडी की ट्राई (थिएटर इन एजुकेशन) कंपनी द्वारा आयोजित इस मेले के पहने दिन यानी 14 नवम्बर को राजस्थानी कलाकार कोहिनूर लांगा अपनी प्रस्तुति देंगे। मेले में देशभर के कई ग्रुप लोक एवं पारंपरिक प्रस्तुति देंगे। इस बार पूर्वोत्तर राज्यों के कई ग्रुप मेले में शामिल होने आ रहे हैं, जो अपने-अपने राज्यों की लोक कलाओं से दिल्ली के दर्शकों का मनोरंजन भी करेंगे और अपनी कलाओं की खूबियां भी बताएंगे। इनमें असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और सिक्किम के कलाकार शामिल होंगे। मेले में नौ नाटकों का भी मंचन होने वाला है। तुम रोज शाम 6 और 7 बजे इन नाटकों को देख सकते हो, लेकिन इसके लिए तुम्हें यहां एक घंटा पहले पहुंचना पड़ेगा। नाटक देखने वाले काफी लोग होंगे और सीटें कम होंगी, इसलिए तुम पहले पहुंच कर ऑडिटोरियम में अपनी जगह सुरक्षित कर सकते हो। मेले में बाली वध और द्वापर लीला नाटक का मंचन होगा, जिसे झारखंड के कलाकार प्रस्तुत करेंगे। यक्षगान डांस ड्रामा, गोसाएं पाथेर, लव कुश, दर्ज-ए-पाथेर, महिषासुर मर्दनी, माच और अंकिया भाओना का भी मंचन होगा। मेला शाम 4 बजे शुरू होगा और 8 बजे तक तुम घूम सकते हो।

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