Thursday 14 November 2013

देश के होनहार बच्चे

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आज बाल दिवस है। यह दिन तुम सभी के लिए खास है। स्कूल में भी खूब प्रोगाम होते हैं, मस्ती होती है, लेकिन हमने सोचा क्यों न मस्ती से अलग इस बार हम तुम्हें कुछ ऐसे बच्चों से रूबरू करायें, जिन्होंने अपनी प्रतिभा का डंका दुनिया में बजा रखा है और हमारे देश का नाम रोशन किया है। जिनका हुनर एक मिसाल है और जो प्रेरित करते हैं कुछ अलग करने के लिए। तो देर किस बात की, चलो मिलते हैं ऐसे ही तुम्हारे दोस्तों से...
सत्यम कुमार
उम्र- 13 साल
उपलब्धि- आईआईटी क्लीयर किया
देश के प्रतिष्ठित प्रौद्योगिक संस्थान आईआईटी में दाखिला लेने का सपना तो सभी का होता है, लेकिन अगर कोई खेलने की उम्र में ही अपना यह सपना पूरा कर ले तो थोड़ी हैरानी होती है। मगर ऐसा कर दिखाया बिहार के भोजपुर जिले के बखोरापुर गांव के सत्यम ने। सत्यम एक साधारण किसान का बेटा है। इस होनहार ने मात्र 13 साल की छोटी उम्र में ही 292 अंक हासिल करके आईआईटी प्रवेश परीक्षा 679वीं रैंक के साथ क्लीयर कर ली है। सत्यम ने पिछले साल 12 साल की उम्र में ही आईआईटी परीक्षा पास कर ली थी, लेकिन अपने रैंक से संतुष्ट न होकर सत्यम इस साल फिर से इस प्रवेश परीक्षा में बैठा और दोबारा अच्छी रैंक के साथ अपने लिए सीट सुरक्षित की। सत्यम इस परीक्षा में सफल होने वाला सबसे कम उम्र का अभ्यर्थी है। मुशीर खान
उम्र- 8 साल
उपलब्धि- क्रिकेटर

तुमसे कोई कहे कि 8 साल की उम्र का कोई बच्चा 20-25 साल के युवाओं के साथ प्रोफेशनल क्रिकेट खेल रहा है तो क्या तुम यकीन करोगे? गेंद थामने के लिए उंगलियां छोटी, बैट थामने के लिए कद छोटा, लेकिन हौंसले बुलंद। इस नन्हे होनहार का नाम है मुशीर खान। मुशीर दुनिया का सबसे छोटा क्रिकेटर है। उम्र है महज 8 साल, लेकिन टीम में साथी खिलाड़ी हैं 20 से लेकर 25 साल के। मुशीर ने कांगा लीग में अपने ही भाई का बनाया रिकॉर्ड तोड़ दिया। मुशीर के बड़े भाई सरफराज ने 10 साल की उम्र में कांगा लीग में खेलने का रिकॉर्ड बनाया था, जो छोटे से मुशीर ने तोड़ दिया। रोचक बात यह है कि कि इस छोटी उम्र में मुशीर विश्व चैंपियन युवराज सिंह को भी आउट कर चुका है। मुशीर जब 6 साल 10 महीने का था, तब उसे बीसीसीआई की कमेटी ने अंडर 14 ग्रुप में जगह दे दी थी। अरिवद महाकाली
उम्र- 13 साल
उपलब्धि- स्पेलिंग चैंपियन

जब बात नन्हे उस्तादों के टैलेंट की आती है तो अमेरिका में सालाना होने वाली ‘स्क्रिप्स स्पेलिंग बी’ प्रतियोगिता को कैसे भूल सकते हैं। इस प्रतियोगिता में बच्चे बहुत तेजी से अपने शब्द ज्ञान का परिचय देते हैं। मई में अमेरिका में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता पर इस बार भारतीय मूल के अरविंद महाकाली का दबदबा रहा था। 13 साल के अरविंद ने एक जर्मन शब्द का अर्थ बता कर प्रतियोगिता जीत कर भारतीय मूल के लाखों लोगों को गर्व करने का मौका दिया था। अरविंद मूल रूप से हैदराबाद के रहने वाले आईटी कंसल्टेंट पिता और डॉक्टर मां के बेटे हैं। तेरह वर्षीय अरविंद बेसाइड हिल्स, न्यूयॉर्क में रहते हैं। कौटिल्य पण्डित
उम्र- 6 साल
उपलब्धि- जनरल नॉलेज
हरियाणा के करनाल जिले के कोहंड गांव के कौटिल्य का दिमाग असाधारण है। 6 साल का कौटिल्य देश-विदेश के भूगोल के सवालों के ऐसे उत्तर देता है कि बड़े-बड़े भी मुंह ही ताकते रह जायें। इस प्रतिभाशाली बच्चे को चर्चित शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में भी खेलने के लिए आमंत्रित किया गया है। आदित्य सिंघल
उम्र-13 साल
उपलब्धि- एक्टर

अपने शांत स्वभाव के लिए जाने जाने वाले इंडियाज बेस्ट ड्रामेबाज के विजेता आदित्य सिंघल खुद भले ही शांत रहते हों, लेकिन उनकी एक्टिंग की प्रतिभा उनके बारे में काफी कुछ बोलती है। 13 साल के आदित्य की एक्टिंग की प्रतिभा ने शो का खिताब जिताने में उनकी बहुत मदद की। यह एक ऐसा रियलिटी शो था, जिसमें 5 से 15 साल तक के बच्चों ने हिस्सा लिया था। जिसमें बच्चे के अभिनय और रचनात्मकता की प्रतिभा की परख होनी थी। इसमें आदित्य सिंघल ने बाजी मारी। इस शो को अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे, निर्देशक अनुराग बसु व अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने जज किया था। यह शो छोटे परदे पर काफी लोकप्रिय रहा था। शो में आदित्य ने शुरुआत से ही अपने हुनर का डंका बजा रखा था। सलोनी डैनी
उम्र- 12 साल
उपलब्धि- कॉमेडियन

जब बात छोटे परदे की होती है तो कॉमेडी रियलिटी शो नहीं भुलाए जा सकते तो फिर हम अपनी गंगूबाई यानी सलौनी डैनी को कैसे भूल सकते हैं। अपनी प्रतिभा से ये दर्शकों को खूब गुदगुदाती हैं। 12 साल की हो चुकी सलौनी तीन साल की उम्र से ही परदे पर प्रतिभा दिखा रही हैं। खनक जोशी
उम्र- 8 साल
उपलब्धि- शास्त्रीय गायिका

हरिद्वार के हरीपुल कलां गांव के राजेश जोशी और कोमल जोशी की 8 साल की यह बच्ची इतनी छोटी सी उम्र में बड़े-बड़ों को हैरान कर देती है। खनक के पिता बताते हैं कि वह जब तीन साल की थी, तभी से हारमोनियम बजाती है। बचपन से ही हारमोनियम बजाने का ऐसा शौक है कि आज भी स्कूल जाने से पहले एक घंटा हारमोनियम का अभ्यास करना नहीं भूलती है। हाल में कटक में संगीत श्री पुरस्कार से सम्मानित खनक गांव में सुविधाएं उपलब्ध न होने के कारण हर रविवार को दिल्ली में डीयू की संगीत विभाग की डीन विदुषी उमा गर्ग से संगीत की तालीम लेने आती है और फिर शाम को वापस ट्रेन पकड़ कर अपने गांव जाती है। इस संघर्ष में उनके पिता का उन्हें भरपूर सहयोग मिल रहा है। हरिद्वार में खनक के कोच हैं श्री आरपी सिंह, जिन्होंने उन्हें संगीत की प्रारंभिक तालीम दी। संगीत के अलावा खनक को किताबें पढ़ने और कविताओं का भी शौक है। अपने पिता के साथ वो तुकबंदी करती है। खनक हरिद्वार के भागीरथी विद्यालय की कक्षा तीन की छात्रा है। खनक को अभी तक उड़ीसा में संगीत श्री का खिताब, राष्ट्रीय बाल कला उत्सव 2013 और 2012 (जूनियर) में प्रथम स्थान मिला है, यूनिवर्सल रंग महोत्सव 2012 में पहला स्थान हासिल किया, मधुरिमा संगीत समिति द्वारा आयोजित वोकल कॉम्पिटीशन में दो साल से प्रथम स्थान पर रही है और इसी तरह कई सम्मान हासिल किए हैं।
दिल्ली के ये होनहार, फिल्मों में कलाकार पाना है बहुत कुछ- हर्ष मयार
दिल्ली के एक सरकारी स्कूल में दसवीं क्लास में पढ़ रहे हर्ष मयार करीब सात साल की उम्र से एक्टिंग कर रहे हैं। अपनी पहली फिल्म ‘आई एम कलाम’ के लिए कई इंटरनेशनल अवॉर्डस के अलावा बैस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट का नेशनल अवॉर्ड पा चुके हर्ष ने इसके बाद ‘जलपरी’ में भी काम किया और अभी भी वह अपनी पढ़ाई के साथ-साथ लगातार फिल्में कर रहे हैं। हर्ष बताते हैं कि हाल ही में उन्होंने हॉलीवुड की एक फिल्म ‘डिजायर ऑफ द हार्ट’ और सोहा अली खान के साथ एक हिन्दी फिल्म ‘चारफुटिया छोकरे’ पूरी की है। हर्ष बताते हैं कि ‘चारफुटिया छोकरे’ बच्चों की तस्करी पर आधारित है और उनकी एक और फिल्म भी जल्द पूरी होने वाली है। हर्ष का मानना है कि हमारे यहां बच्चों के लिए अच्छी फिल्में बनाने का चलन कभी रहा ही नहीं, क्योंकि हमारे यहां का बाजार इसके पक्ष में नहीं है। हर्ष कहते हैं कि मैं ज्यादा फिल्मों की बजाय सिर्फ उन्हीं फिल्मों में काम करना चाहता हूं, जिनमें मुझे लीड रोल मिले ताकि मैं अपने टेलेंट को खुल कर दिखा सकूं। एक्ट्रैस बनने का सपना- लहर खान
दिल्ली की ही रहने वाली हैं लहर खान। मानव स्थली स्कूल में नवीं क्लास में पढ़ रही लहर ने पिछले साल रिलीज हुई फिल्म ‘जलपरी’ में काम किया था। डांस, बास्केट बॉल और पेंटिंग में भी आगे रहने वाली लहर ने पिछले दिनों एक और जबर्दस्त अचीवमैंट भी हासिल की। अमेरिका की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित किए जाने वाले ओडिसी ऑफ द माइंड कॉम्पिटीशन में लहर की टीम भारत में फर्स्ट आई थी। इसके बाद वह अमेरिका गईं, जहां 65 टीमों में से उनकी टीम 13वें नंबर पर रही। फिल्मों, टीवी में काम करने के बारे में लहर का कहना है कि टीवी सीरियल्स के ऑफर्स तो बहुत सारे आते हैं, लेकिन उनमें काम करते हुए पढ़ाई का जो नुकसान होगा, उसके चलते मैंने उन्हें करना ठीक नहीं समझा। लहर बड़ी होकर एक्ट्रैस ही बनना चाहती हैं, लेकिन पहले वह अपनी पढ़ाई पूरी कर लेना चाहती हैं।

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