Thursday, 8 December 2011

गरजा वीरू का बल्ला सहवाग के विस्फोटक दोहरे शतक के बाद जीत के करीब टीम इंडिया

होल्कर स्टेडियम में गुरुवार को जारी चौथे एकदिवसीय मुकाबले में भारत द्वारा दिए गए 419 रनों के पहाड़ सरीखे लक्ष्य का पीछा करने उतरी कैरेबियाई टीम ने 148 रन के कुल योग पर अपने सात विकेट गंवा दिए हैं।

मेहमान टीम ने 25 ओवरों की समाप्ति तक सात विकेट पर 148 रन बनाए हैं। 

कैरेबियाई टीम ने लेंडल सिमंस (36), कीरन पॉवेल (7) और मार्लन सैमुएल्स (33) के विकेट गंवाए हैं। पॉवेल रन आउट हुए जबकि सिमंस को रवींद्र जडेजा ने और सैमुएल्स को अपना पहला एकदिवसीय मैच खेल रहे युवा स्पिनर राहुल शर्मा ने आउट किया।
इससे पहले, विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (219) के एकदिवसीय मैचों के इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी पारी की बदौलत भारतीय टीम ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए 5क् ओवरों में पांच विकेट के नुकसान पर 418 रन बनाए।
एकदिवसीय मैचों में भारत का यह अब तक का सबसे बड़ा स्कोर है। भारतीय टीम ने इससे पहले 2009 में राजकोट में श्रीलंका के खिलाफ सात विकेट पर 414 रन बनाए थे। भारतीय टीम एकदिवसीय मैचों में अब तक सर्वाधिक चार बार 400 रनों का आंकड़ा पार कर चुकी है।
भारत ने 2007 में बरमुडा के खिलाफ 413 रन और 2010 में ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 401 रन बनाए थे। इसी मैच में सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 200 रन बनाए थे।
सहवाग के अलावा गौतम गम्भीर ने 67 और सुरेश रैना ने 55 रनों का योगदान दिया। सहवाग ने अपनी 149 गेंदों की पारी में 25 चौके और सात चौके लगाए।
उन्होंने ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 2क्क् रनों की नाबाद पारी खेलने वाले सचिन का सर्वोच्च व्यक्तिगत योग का रिकार्ड ध्वस्त किया। सचिन ने अपनी इस पारी में 147 गेंदों पर 25 चौके और तीन छक्के लगाए थे।
सहवाग ने किसी एकदिवसीय पारी में सर्वाधिक 25 चौके लगाने के सचिन के रिकार्ड की भी बराबरी की। वह एकमात्र ऐसे भारतीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने टेस्ट मैचों में तिहरा शतक और एकदिवसीय मैचों में दोहरा शतक लगाया है। अपनी इस शानदार पारी के दौरान सहवाग ने एकदिवसीय मैचों में 8000 रन के आंकड़े का भी पार किया।
गम्भीर के साथ पारी की शुरुआत करने आए सहवाग ने पहली ही गेंद के साथ अपना रंग दिखाना शुरू किया और गम्भीर के साथ पहले विकेट के लिए 176 रन जोड़े। होल्कर में यह पहले विकेट के लिए अब तक की सबसे बड़ी साझेदारी है।
इससे पहले, रोबिन उथप्पा (86) और राहुल द्रविड़ ने 2006 में इंग्लैंड के खिलाफ इस मैदान पर पहले विकेट के लिए 166 रन जोड़े थे।
बहरहाल, गम्भीर 67 गेंदों पर 11 चौकों की मदद से 67 रन बनाने के बाद दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट हुए, लेकिन इससे सहवाग के रन बनने की गति पर कोई असर नहीं पड़ा।
गम्भीर के स्थान पर उनका साथ देने विकेट पर आए रैना ने उसी उत्साह के साथ सहवाग का साथ निभाना शुरू किया, जिस उत्साह से गम्भीर निभा रहे थे।
यही कारण था कि दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 17.3 ओवरो में 140 रन जोड़ डाले। रैना का विकेट गिरने तक भारत के खाते में 316 रन जुड़ चुके थे।
इस श्रृंखला में अपनी नाकामी को धोते हुए रैना ने 44 गेंदों पर छह चौकों की मदद से 55 रन बनाए। रवींद्र जडेजा (10) ने निराश किया लेकिन रोहित शर्मा (27) ने तेज पारी खेली। रोहित ने 16 गेदों पर तीन चौके लगाए।
विराट कोहली 11 गेंदों पर तीन चौकों की मदद से 23 रन बनाकर नाबाद लौटे। इस तरह भारतीय टीम चौथी बार एकदिवसीय मैचों में 400 रन और अपना अब तक का सबसे बड़ा स्कोर बनाने में सफल रही।

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