25 नवंबर की सुबह मुंबई की महिलाओं के लिए चौंकाने वाली थी। जब उन्हें पता चला, खूबसूरत, सभ्रांत गुजराती युवती, अंग्रेजी अखबार की पत्रकार जिग्ना वोरा ने अंडवर्ल्ड डॉन छोटा राजन से मिलकर बेहद सरल और सहज पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या की साजिश की है। मुंबई ही क्यों पूरा देश अचरज में पड़ गया।
खुद जे डे की मां ने कहा भी, कोई महिला ऐसा क्यों करेगी? आखिर क्यों किया जिग्ना ने ऐसा? जिग्ना और जे डे के पत्रकार दोस्तों से मिले तो ये बातें सामने आई - जे डे की मदद से एक टीवी चैनल के पत्रकार ने छोटा राजन का इंटरव्यू किया था। जिग्ना इस बात से नाराज थी कि अब तक वह इंटरव्यू नहीं कर पाई है। जबकि वह काफी समय से राजन और उसके सहयोगियों से जुड़ी हुई थी। बौखला कर वह जे डे को दुश्मन मान बैठी थी।
जिग्ना को पत्रकारिता में लाने वाले मुंबई में गुजराती के वरिष्ठ पत्रकार निलेश दवे कहते हैं, वह हद से ज्यादा महत्वाकांक्षी थी। कभी किसी से डरी नहीं, फिर चाहे वह पुलिस की बेवजह पूछ-परख या फिर अंडरवर्ल्ड से मिलने वाली धमकियां। एक्सक्लूजिव स्टोरी करने की महत्वाकांक्षी जिग्ना इस दौरान अंडवर्ल्ड की दुश्मनी का हिस्सा बन गई थी। उसका मकसद पुलिस और अंडरवर्ल्ड के बीच खबरों के पक्के सूत्र बनाना था।
जिसके लिए वह खुद राजन की खबरी बन गई थी। इसी बीच उसने जे डे खिलाफ राजन को इतना जहर भर दिया कि उसकी हत्या कर दी गई। दोस्तों के अनुसार जिग्ना लंबे समय से राजन के सहयोगी फरीद तनाशा पर इंटरव्यू करवाने का जोर डाल रही थी। जे डे फरीद के साथ मिलकर राजन पर किताब लिख रहा था।
तनाशा से जे डे की नजदीकी जिग्ना को अखरने लगी थी। वह लगातार राजन को जे डे खिलाफ भड़का रही थी। उसने यह भी कहा कि ये दाऊद का आदमी है। जे डे भी और तनाशा भी। इसने जे डे को लेकर आग में घी का काम किया। इसी बीच तनाशा ने जिग्ना को राजन का इंटरव्यू करवाया। जिस दौरान जिग्ना ने जे डे के नाम पर और जहर भरा। इसी बीच जे डे लंदन और फिलिपिंस गया। वहां उसने राजन से मिलने का आग्रह किया। लेकिन राजन ने इंकार कर दिया।
पुलिस की थ्योरी भी लगभग यही कहती है। एडशिनल सीपी क्राइम देवेन भारती कहते हैं, उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। महिला पत्रकार वोरा ने छोटा राजन को ज्योतिर्मय डे के खिलाफ भड़काया है। उस पर भड़काने, उकसाने और साजिश में मदद करने का आरोप है। एशियन ऐज में काम करनेवाले सहयोगी एशियन एज के ही एक पत्रकार ने बताया राजन का इंटरव्यू करने के बाद वह सातवें आसमान पर थी। बोली, अब मैं बताऊंगी सबको।
जिग्ना और जे डे से जुड़े लोगों पर डॉन का आतंक है। हत्या के बाद से लगातार धमकियां मिल रही हैं। इसी वजह से खबर के लिए किसी भी हद तक जाने वाली जिग्ना के घर के दरवाजे पर ताला है। अंदर मां और बूढ़े नाना-नानी कैद होकर रह गए हैं। मां हर्षा वोरा दरवाजे में लगी जाली से झांककर देखती हैं। कोई बात किए बिना दरवाजा बंद कर देती हैं। फिर कई बार डोरबैल बजाने पर भी दरवाजा नहीं खुलता। घर का लैंडलाइन भी काट दिया गया हैं।
दिन-रात काम की लत, उस पर सिंगल पेरेंट होना। बच्चों की परवरिश पर ध्यान देना मुश्किल था। जिग्ना ने बेटे को पंचगनी के होस्टल में डाल दिया। कोर्ट में रिपोर्टिग के दौरान उसके संपर्क में आए एडवोकेट परेरा कहते हैं जिग्ना क्राइम की बरखा दत्त बनना चाहती थी। कोर्ट में रहकर अंडरवर्ल्ड में अपने संपर्क बनाए।
फिर 5-6 साल में काफी बड़ी स्टोरी की और नाम कमाया। जबकि इस दौरान मुंबई में उनके साथ काम करनेवाले कई क्राइम रिपोर्टर अपनी बीट चेंज कर चुके हैं। यह पहला मामला है जब किसी महिला पत्रकार को मकोका (महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑग्रेनाइज्ड क्राइम एक्ट) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
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