
उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड में गुजरात
पुलिस के निलंबित पुलिस अधिकारी नरेन्द्र अमीन की जमानत रद्द करने के लिए
केन्द्रीय जांच ब्यूरो की याचिका पर इस अधिकारी से सोमवार को जवाब तलब
किया।
प्रधान न्यायाधीश अलतमस कबीर, न्यायमूर्ति एफएमआई कलीफुल्ला और
न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन की तीन सदस्यीय खंडपीठ को केन्द्रीय जांच ब्यूरो
ने सूचित किया कि यह अधिकारी इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में भी
अभियुक्त है। अमीन अभी न्यायिक हिरासत में है। न्यायालय ने नरेन्द्र अमीन
को नोटिस जारी करने के साथ ही इस याचिका को चार सप्ताह बाद सूचीबद्ध करने
का निर्देश दिया।
जांच ब्यूरो ने गुजरात के निलंबित पुलिस अधिकारी अमीन को चिकित्सा आधार पर
जमानत देने के बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। शीर्ष अदालत के
आदेश पर ही सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ कांड मुकदमा मुंबई की अदालत
में स्थानांतरित कर दिया गया था।
गुजरात के ही इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में भी सीबीआई ने अमीन को आरोपी
बनाया है। इस मामले में जांच ब्यूरो ने हाल ही में अहमदाबाद की अदालत में
आरोप पत्र दायर किया है। इस मामले में अमीन के साथ ही गुजरात पुलिस के कई
अन्य अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विश्वास पात्र और पूर्व गृह मंत्री
अमित शाह भी सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ कांड में आरोपी हैं। अमित शाह इस
समय जमानत पर हैं। गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते ने सोहराबदुद्दीन शेख और
उसकी पत्नी कौसर बी को नवंबर, 2005 में कथित रूप से अगवा करने के बाद
गांधीनगर के निकट फर्जी मुठभेड़ में उनकी हत्या कर दी थी।
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