Sunday, 8 September 2013

मुजफ्फरनगर में स्थिति नाजुक, मृतकों की संख्या 14 हुई

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उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में शनिवार देर शाम भड़की हिंसा में मरने वालों की संख्या 14 तक पहुंच गई है। हिंसा में कम से कम 35 लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि मृतकों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। जिलाधिकारी ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए हैं। जिले में शनिवार को आहूत महापंचायत के बाद लौट रही भीड़ पर शरारती तत्वों द्वारा पथराव किए जाने के बाद जिले में हिंसा भड़क उठी। हिंसा जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेजी से फैल गयी। ताजा हिंसा में अलग-अलग जगहों पर हुई वारदातों में 14 लोगों की मौत हो चुकी है। रविवार सुबह भी जिले के कई क्षेत्रों में झड़पें लगातार हो रही थीं और लोगों के घायल होने की खबरें सामने आ रही है। कई लोग अभी भी गम्भीर हालत में अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं और कई लोगों के घर न पहुंचने की खबरें आ रही हैं। जिला प्रसासन और सेना की टुकड़ियों के लगाए जाने के बाद भी कई जगहों पर लगतार गोलीबारी की घटनाएं सामने आ रही हैं। जिलाधिकारी ने उपद्रवियों से सख्ती से निपटने का आदेश दिया है। इससे पूर्व हिंसा की कवरेज कर रहे दो पत्रकारों की भी गोली लगने से मौत हो गयी। जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसके अलावा हिंसा का असर आसपास के जिलों पर भी पड़ा है। हिंसा भड़कने के बाद देर रात मुख्यमंत्री ने आला अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति पर चर्चा की और अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी हालत में उपद्रवियों को बक्शा न जाए और जिले में शांति-व्यवस्था तत्काल बहाल की जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) सहित कई बड़े अधिकारियों को जिले में कैंप करने को कहा है। नोएडा एक बैठक में हिस्सा लेने गए प्रमुख गृह सचिव आरएम श्रीवास्तव आनन-फानन में बैठक बीच में ही छोड़कर देर रात राजधानी लौट आए। मुजफ्फरनगर की हिंसा के बाद घटना की गम्भीरता को देखते हुए गृह विभाग द्वारा पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी गयी हैं। 15 कम्पनी अतिरिक्त पीएसी और पांच कम्पनी आरएएफ मुजफ्फरनगर भेजी गयी है। आईजी (जोन), एडीजी को मौके पर कैम्प करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा 28 कंपनी अतिरिक्त पुलिस बल प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर तैनात करने के भी निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर की हिंसक घटना को दु:खद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि सांप्रदायिक सद्भाव एवं सौहार्द हर कीमत पर बरकरार रखा जाए। अफवाह और हिंसा फैलाने वाले असमाजिक तत्वों को चिन्हित कर कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर की हिंसक घटना के लिए जिम्मेदार व दोशी व्यक्तियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) अरुण कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट के मद्देनजर पुलिस कर्मियों का अवकाश रद्द कर दिया गया है। संवेदनशील जिलों में 28 कंपनी अतिरिक्त पीएसी तैनात की जा रही है। पुलिस आधुनिकीकरण की योजना की बैठक के सिलसिले में दिल्ली गये प्रमुख सचिव (गृह) आरएम श्रीवास्तव को तुरंत वापस लखनऊ बुलाया गया है। प्रमुख सचिव (गृह) ने फोन पर बताया कि शांति और सौहार्द बनाये रखने के लिए हर संभव कदम उठाये जा रहे हैं। वह मुजफ्फरनगर में तैनात अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में हैं, हालात को काबू पाने का प्रयास जारी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुजफ्फरनगर में दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में मारे गए टेलीविजन पत्रकार के परिजनों को 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और हिंसा में मारे गए अन्य व्यक्तियों के परिजनों को 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। उल्लेखनीय है कि राज्य स्तर से 5 कंपनी पीएसी एवं 5 कंपनी रैपिड एक्शन फोर्स अतिरिक्त भेजा गया है। आईजी कानून व्यवस्था एवं आईजी मेरठ जोन को स्थिति सामान्य होने तक मुजफ्फरनगर में कैम्प करने के निर्देश दिए गए हैं।

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