Friday 23 December 2011

‘अल्‍पसंख्‍यकों को आरक्षण मिला तो सिविल वॉर’


 बीजेपी ने अल्‍पसंख्‍यकों को आरक्षण देने के फैसले को 'खतरनाक' करार देते हुए चेतावनी दी है कि ऐसा करने से ‘सिविल वॉर’ के हालात पैदा हो सकते हैं। बीजेपी के वाइस प्रेसिडेंट मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने शुक्रवार को कहा, ‘कोटे के भीतर कोटे का प्रावधान करना कांग्रेस पार्टी का खतरनाक राजनीतिक खेल है। इससे विभिन्‍न समुदायों और जातियों के बीच सिविल वॉर के हालात पैदा हो जाएंगे।’
 
बीजेपी नेता ने कहा कि उनकी पार्टी मुसलमानों के सामाजिक-आर्थिक विकास के पक्ष में है। उन्‍होंने कांग्रेस पार्टी पर पिछले 60 सालों से अपने राजनीतिक फायदे के लिए मुसलमानों का शोषण करने का आरोप लगाया।
 
बीजेपी नेता ने कहा कि कोटे के भीतर कोटे का लॉलीपॉप कांग्रेस के सियासी अभियान का एक हिस्‍सा है। यह कांग्रेस का सबसे बड़ा धोखा है। एक तरफ तो यह संवैधानिक तौर पर गलत है वहीं दूसरी तरफ मुसलमानों को इससे कोई फायदा नहीं होने जा रहा है।’ नकवी ने कहा, ‘आरक्षण का कोकीन देकर कांग्रेस मुस्लिम वोट को हाइजैक करने की साजिश रच रही है। हम उनके इस गंदे और खतरनाक खेल को कामयाब नहीं होने देंगे।’   
 
कांग्रेस की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरियों और शिक्षा संस्‍थानों में अल्‍पसंख्‍यकों को 4.5 फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है। इस बारे में लिए गए कैबिनेट के फैसले के मुताबिक यह आरक्षण 27 फीसदी के ओबीसी कोटे में से ही दिया जाएगा। आरक्षण एक जनवरी से लागू होगा। बीजेपी के साथ साथ समाजवादी पार्टी ने भी इसका विरोध किया है। सपा नेता कमाल फारुकी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने मुसलमानों के साथ ज्‍यादती की है।
यूपी में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में विरोधी दल केंद्र सरकार के इस फैसले को कांग्रेस की चुनावी चाल कह रहे हैं। यूपी में 18.5 मुस्लिम वोटर हैं। देश में 59.1 फीसदी मुसलमान साक्षर हैं। शहरों में इनकी तादाद 70 फीसदी है जबकि गावों में 62 फीसदी मुसलमान पढ़े-लिखे हैं।

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