Wednesday 23 October 2013

2020 तक मोबाइल करेगा 22 लाख करोड़ रुपये का योगदान

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देश में मोबाइल फोन और इंटनरेट के बढ़ते उपयोग से वर्ष 2020 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में मोबाइल दूरंसचार उद्योग की भागीदारी 400 अरब डालर अर्थात 21.6 लाख करोड़ रुपये की होगी।   
     
जीएसएम सेवा प्रदान करने वाली कंपनियो के वैश्विक स्तर के प्रमुख संगठन जीएसएमए की भारतीय इकाई जीएसएमए इंडिया के वरिष्ठ निदेशक संदीप करांवल ने यह रिपोर्ट जारी की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में मोबाइल सेवा से जुडे़ उद्योगों की हिस्सेदारी भारत के सकल घरेलू उत्पाद [जीडीपी] में 5.3 प्रतिशत रही थी।
  
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 तक इस उद्योग से 41 लाख रोजगार के अतिरिकत अवसर सृजित होंगे और बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 9 अरब डालर अर्थात 48300 करोड़ रुपये का निवेश किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मोबाइल सेवा केवल देश की अर्थव्यवस्था में ही नहीं, बल्कि सामाजिक आर्थिक बदलाव में भी बडी़ भूमिका निभा रही है। शिक्षा  चिकित्सा  वित्तीय सेवाओं और दूसरे वर्ग में भी इसका उपयोग बढा़ है।
करांवल ने कहा कि 3जी और 4जी सेवाओं के साथ ब्रॉडबैंड कनेकशन बढ़ने पर अर्थव्यवस्था में इस उद्योग की हिस्सेदारी और बढे़गी। देश में अभी 3जी और 4जी के ग्राहकों की संख्या 10.7 करोड़ है जो वर्ष 2017 में बढकर 40.9 करोड़ पर पहुंच जायेगी। 
     
देश में मोबाइल फोन और इंटरनेट के उपयोग में हो रही बढो़तरी से इसके कनेकशन की संख्या के बढ़कर 90 करोड़ के पार पहुंचने के बीच जीएसएमए इंडिया ने दावा किया है कि भारत में मात्र 35 करोड़ ही मूल ग्राहक है। करांवल ने बोस्टन कंसलटिंग ग्रुप द्वारा तैयार इस रिपोर्ट को जारी करने के दौरान कहा कि केवल भारत में ही मूल ग्राहकों की संख्या कनेकशन से कम नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया की यही स्थिति है। पूरी दुनिया करीब सात अरब कनेकशन है जिनमें से मात्र 3.3 अरब ग्राहक उपयोग करते हैं। उन्होंने कहा कि एक ग्राहक के पास दो तीन या उससे अधिक कनेक्‍शन हैं।

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