Sunday 13 October 2013

MP: रतनगढ़ मंदिर में भगदड़, 64 मरे

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यहां से लगभग साठ किलोमीटर दूर रतनगढ़ स्थित देवी मंदिर में नवरात्रि पर्व के अंतिम दिन रविवार को देवी दर्शन के लिए हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं में भगदड़ मचने से मरने वालों की संख्या 64 तक पहुंच गई है, वहीं 100 से अधिक श्रद्धालु घायल हैं, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने निर्वाचन आयोग की सहमति से घटना की न्यायिक जांच की घोषणा कर दी है।
चम्बल रेंज के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) डीके आर्य ने बताया कि भगदड़ की इस घटना की वजह से अब तक 64 लोगों के शव मिल चुके हैं और 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। उधर, मुख्यमंत्री निवास के अधिकारियों ने भोपाल में बताया कि मुख्यमंत्री चौहान ने निर्वाचन आयोग से मंजूरी लेकर मारे गए लोगों के परिवारों को डेढ़-डेढ़ लाख रुपये गंभीर रूप से घायलों को पचास-पचास हजार और अन्य घायलों को पच्चीस-पच्चीस हजार रुपये की तात्कालिक मदद की घोषणा राज्य शासन की ओर से की है। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता अजय सिंह राहुल ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख का मुआवजा देने और घटना की न्यायिक जांच कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने चुनाव आयोग से अनुमति लेकर रतनगढ़ मंदिर में मची भगदड की घटना की न्यायिक जांच कराने की घोषणा की। डीआईजी आर्य ने बताया कि रतनगढ़ मंदिर जाने वाले इस मार्ग पर स्थित सिंध नदी का पुल टूटने की अफवाह के चलते यह भगदड़ मची, जिसमें लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और कई श्रद्धालु तो नदी में कूद गए। दतिया जिले का रतनगढ़ मंदिर प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 320 किलोमीटर दूर है। उन्होने कहा कि मंदिर पहुंच मार्ग पर वाहनों के लगे लंबे जाम को हटाया जा रहा है और इस समय एक ओर का रास्ता खोल दिया गया है, जिससे घायलों को अस्पतालों में ले जाने का काम शुरू हो चुका है तथा राहत एवं बचाव दल और सामग्री वहां तक पहुंचने लगी है। उन्होने कहा कि घटनास्थल पर अब हालात काबू में हैं तथा युद्ध स्तर पर बचाव एवं राहत कार्य चल रहा है। आधिकारिक सूत्रों ने शाम को बताया कि घटना की अद्यतन जानकारी लेने और राहत एवं बचाव कार्य की निगरानी करने के लिए राज्य शासन के मुख्य सचिव एंटोनी डिसा तथा पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे हेलीकाप्टर से घटनास्थल के लिए भोपाल से रवाना हुए हैं। घटनास्थल से संवाददाता ने बताया कि सिंध नदी के पुल पर इस समय नदी से निकाले गए शव रखे हैं और लापता लोगों के परिजन उनमें अपनों को ढूंढ़ रहे हैं। दूसरी ओर, प्राथमिक सूचनाओं में कहा गया था कि कुछ श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन की लाइन को तोड़कर आगे जाने का प्रयास किया, जिन्हें काबू में करने के लिए पुलिस ने हलका बल प्रयोग किया जिससे यह भगदड़ मची। डीआईजी ने बताया कि भगदड़ के बाद पथराव कर रही उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हलका बल प्रयोग करना पड़ा। पथराव की वजह से एक अनुविभागीय अधिकारी पुलिस (एसडीओपी) को गंभीर चोटें आई हैं, जबकि कुछ पुलिसकर्मी भी इसमें घायल हुए हैं। प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रतनगढ़ मंदिर में भगदड़ की घटना पर गहरा शोक प्रकट किया है। राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री ने भगदड़ की वजह से घायल श्रद्धालुओं को तत्काल उचित उपचार मुहैया कराने और राहत एवं बचाव कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इससे पहले मिली जानकारी में कहा गया था कि पुलिस ने मंदिर की ओर भारी संख्या में बढ़ रहे श्रद्धालुओं के बीच व्यवस्था बनाने के लिए जब हलका बल प्रयोग किया, तो उनमें भगदड़ मच गई और सभी लोग सिंध नदी के निकट स्थित पुल की ओर भागे। इसी बीच पुल की रेलिंग टूट गई और कुछ श्रद्धालु नदी में गिर गए। नदी में गोताखोर, डूबे लोगों को ढूंढ़ने का प्रयास कर रहे हैं।

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