Tuesday 22 October 2013

जेल के भीतर कायदे-कानून तोड़ रहे हैं लालू, पुलिस ने जताया खतरे का अंदेशा

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फाइल फोटो: कभी रैलियों में यूं दहाड़ते थे लालू
आरजेडी अध्यक्ष और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद जेल में नियमों को ताक पर रखकर बड़े आराम से रह रहे हैं. वे टीवी देख रहे हैं, रोजाना नेताओं और रिश्तेदारों से मिल रहे हैं. इस बारे में एक याचिका दायर की गई है.
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दूसरी ओर, झारखंड पुलिस का कहना है कि लालू प्रसाद जेल में पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं, उनकी जान को खतरा है. लालू कथित रूप से रोज घंटों जेलर के रूम में बिताते हैं, लोगों से मिलते हैं और कई मुद्दों पर चर्चा करते हैं. उन्होंने कुछ जेलकर्मियों को अपने अंदाज में धमकाया भी है. जेल में उनके इस 'अंदाज' को लेकर जनहित याचिका भी दायर की गई है.
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पुलिस की विशेष शाखा के एक अधिकारी ने चिंता जाहिर करते हुए कहा, 'लालू प्रसाद की जान को खतरा है और उन्हें जेल में पर्याप्त सुरक्षा दी जानी चाहिए.' विशेष शाखा ने जेल प्रशासन को लालू की सुरक्षा को लेकर सावधान भी किया है.
लालू प्रसाद को जेल में अलग सेल में रखा गया है, जहां वे दूसरे कैदियों से अलग रहते हैं. उन्हें जेल में वीआईपी कैदियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. उन्‍हें अलग सोने का कमरा, मच्छरदानी, खाट व अन्य सुविधाएं मिली हुई हैं. उनके सेल में एक टीवी सेट भी लगा हुआ है, जिस पर वे न्‍यूज देखते हैं और रोजाना अखबार भी पढ़ते हैं.
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फाइल फोटो: कभी रैलियों में यूं दहाड़ते थे लालू
बिसरा मुंडा केंद्रीय कारागार के एक सूत्र ने कहा, 'जेल अधिकारियों को लालू प्रसाद पर कड़ी निगाह रखने के लिए कहा गया है. हमें रांची पुलिस जेल की बाहरी सुरक्षा को भी कड़ी करने कररखंड| पशुपालन घोटाल ने के लिए कहा गया है.'
जेल सूत्रों ने कहा कि हमें दो बिंदुओं पर लालू की सुरक्षा को लेकर चिंता है. पहला, उनसे मिलने कई हाई प्रोफाइल लोग आते हैं. दूसरा, जेल में कई नक्सली भी कैद हैं.
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गौरतलब है कि झारखंड की मौजूदा हेमंत सरकार में लालू की पार्टी आरजेडी भी साझेदार है. उनकी पार्टी के मंत्री सुरेश पासवान और अन्नपूर्णा देवी जैसे कई रसूखदार उनसे जेल में मिलने आते हैं. इनके अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के सांसद सुबोधकांत सहाय भी हाल-चाल लेने जेल में पहुंचते हैं.
उधर, लालू को मिल रही सुविधाएं और उनके मुलाकातियों से मिलने के दस्तूर को लेकर अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है.
याचिका दायर करने वाले वकील राजीव कुमार ने कहा, 'जेल नियमों के मुताबिक, किसी कैदी का रिश्तेदार 15 दिनों में एक बार मुलाकात कर सकता है. जेल नियम 1001 कहता है कि जेल के भीतर कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हो सकती. लेकिन लालू प्रसाद हर रोज राजनीतिक नेताओं सहित करीब 100 लोगों से मुलाकात करते हैं. वे जेल में राजनीतिक चर्चा भी करते हैं.'

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