Wednesday 30 October 2013

पटाखे, मिठाई और दीपों वाली दीपावली

दीपावली नजदीक है। त्योहारों के इस मौसम में भला कौन तुम्हें मस्ती करने से रोक सकता है। हम भी यही कहेंगे कि दोस्तों के साथ जमकर मजे करो। पर ये याद रखना कि जो भी करो एक हद में करना, अगर ज्यादा मस्ती की, तो भुगतना भी पड़ सकता है तुम्हें। कैसे, बता रहे हैं पंकज घिल्डियाल रविवार को दीपावली है। कल धनतेरस से तुम्हारी 3 दिन की छुट्टी। ये दिन हैं मस्ती करने के, खूब खेलने के, पकवान खाने के और नए-नए कपड़े पहनने के। तुम सभी को पता ही होगा कि दिवाली के दिन भगवान श्रीराम, बुराई के प्रतीक रावImage Loadingण को मारकर अयोध्या लौटे थे। उनके आने की खुशी में राज्य के लोगों ने दीप जलाकर खुशियां मनाई थीं, तभी से इस दिन को दीपावली के नाम से त्योहार के रूप में मनाया जाता है। इसलिए इस दिन तुम्हें भी सारे अच्छे काम करने हैं। एक भी काम ऐसा न हो, जिससे मम्मी-पापा को या दादू-दादी को बुरा लगे। हर साल की तरह इस साल भी तुम जमकर मस्ती करो, पर हां, यह याद रखना कि किसी भी काम को हद से ज्यादा करोगे तो नुकसान भी भुगतना होगा।
बाहर खूब खेलो, पर ध्यान से
फायदे

बाहर ग्रुप में खेलोगे तो तुम में टीम भावना आएगी। विश्वास करने, निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित होगी। 
उछल-कूद से तुम व्यायाम कर खुद को फिट भी करते हो। 
खेलने से तुम ताजगी महसूस करते हो। यह ताजगी तुम्हारे लिए पढ़ाई में रुचि लेने में मददगार हो सकती है।
हार-जीत से तुम यह सीखते हो कि जीवन में उतार-चढ़ाव चलते रहते हैं। हार जहां कुछ सुधारकर आगे के लिए तैयार होना सिखाती है, वहीं जीत से लगातार बेहतर करने का उत्साह बना रहता है। 
खेलने से तुम समाज से जुड़ते हो, उनके सुख-दुख को महसूस करते हो और मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाने का पाठ भी पढ़ते हो।
नुकसान
सावधानी नहीं बरती तो तुम्हें चोटें आ सकती हैं।
 
खेलते हुए बात-बात पर झगड़ने की आदत तुम्हारा स्वभाव गुस्सैला बना सकती है। 
अधिक देर तक खेलने की आदत से तुम समय पर खान-पान व नींद से भी दूर हो सकते हो।
कभी-कभी खेल को खेल की तरह न लेने से तुम जरूरत से ज्यादा मानसिक दबाव भी महसूस करोगे।
सजाओ घर, पर सावधानी बरतकर
फायदे

जब तुम घर की सजावट के लिए सोचना शुरू करोगे, उसके लिए जरूरी सामान जुटाना शुरू करोगे तो अपना बढ़ा हुआ आत्मविश्वास दूसरों के अलावा खुद महसूस करोगे। 
दिवाली जैसे मौके पर तुम्हारे करीबी घर पर आएंगे और तुम्हारी की गई सजावट की तारीफ करेंगे तो तुम्हें अच्छा लगेगा। तुम खुश हो जाओगे। 
बाजार की बनी बनावटी चीजों से घर सजाना और खुद की कलाकारी से घर को साजना, इसमें बहुत बड़ा अंतर होता है। इससे तुम क्रिएटिव भी बनते हो।
तुम्हारे पापा तुम्हारे कहे अनुसार सामान लाकर देंगे, मम्मी तुम्हारे कहे अनुसार तुम्हारा साथ देंगी, छोटे-बड़े भाई-बहन जब तुम्हारे निर्देशों का पालन कर रहे होंगे तो तुम में एक नेतृत्व भावना भी विकसित हो रही होगी। 
घर में किसी भी कार्य में योगदान कैसे दिया जाता है, यह भी तुम्हें सीखने को मिलेगा।
नुकसान
कई बार ठीक-ठीक अनुमान न होने से यह कार्य काफी खर्चीला हो जाता है। 
चीजों का इस्तेमाल सही प्रकार से न करने के कारण बहुत सी चीजें व्यर्थ हो जाती हैं।
अत्यधिक थकान तुम्हें बीमार भी कर सकती है। 
इन दिनों बिजली की लडिम्यां आदि की तारें कहीं-कहीं खुली रह सकती हैं, सावधानी नहीं बरती गई तो करंट आदि लगने का खतरा हो सकता है।
पटाखों संग मस्ती, पर प्रदूषण का रखना ध्यान
फायदे

ईकोफ्रेंडली पटाखे वातारण में प्रदूषण को नहीं बढ़ाते। 
धूम-धड़ाम करने वाले पटाखे मस्ती को दोगुना कर देते हैं। 
रोशनी के इस त्योहार में आकाश में रंगबिरंगी रोशनी हममें उत्साह का संचार करती है। 
नए पटाखे नया रोमांच।
नुकसान
सही तरीके से इस्तेमाल न करने पर पटाखे शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
तुम्हारे शहर सहित देश में प्रदूषण का स्तर ऊंचे स्तर पर होता है।
दमा के रोगी व दादू-दादी के उम्र के लोगों को इनसे खासतौर से परेशानी होती है। 
ध्वनि प्रदूषण से सुनने की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है। 
कई घरों व फैक्टरियों में अकसर इनके कारण दिवाली की रात आग भी लग जाती है।
मिठाइयां खाओ, पर पेट संभालकर
फायदे

इन दिनों घर में अलग-अलग तरह की मिठाइयां चखने का मौका मिलता है।
मिठाइयां लेकर दोस्तों  व रिश्तेदारों के घरों में जाने का भी अलग फन होता है।
नुकसान
ज्यादा मिठाइयां हमें बीमार भी कर सकती हैं। 
अगर तुम्हारे दादू या दादी डायबिटीज के रोगी हैं तो उनका शुगर लेवल बढ़ सकता है।
सजो, पर सहूलियत का रखना ध्यान
फायदे
ट्रेडिशनल लुक में बिलकुल अलग लग सकते हो। 
अच्छे दिखते हो तो आत्मविश्वास बढ़ता है।
नुकसान
कॉटन के कपड़ों का चुनाव न करने से चिंगारी की चपेट में आने की संभावना अधिक रहती है। 
कपड़े फिट न हों तो तुम सही से मजे नहीं कर पाओगे।
पेपर लैंप बनाना है आसान
दीपावली पर पुराने जमाने से चली आ रही कुछ ऐसी प्रथाएं हैं, वो आज भी उतना ही महत्व रखती हैं, जैसे लक्ष्मी-गणेश पूजा, द्वार पर बंदनवार लगाना, लडियों की माला सजाना, रंगोली बनाना और रंग-बिरंगे लैम्पों की सजावट। ये सब कई सालों से हमारी परंपरा का हिस्सा रहे हैं। कहते हैं कि इन सबसे लक्ष्मी खुश होती हैं और दिवाली वाले दिन तुम्हारे घर आती हैं। आजकल लैम्पों के विभिन्न आकार हो गए हैं। लेकिन हम तुम्हें बता रहे हैं, एरोप्लेन के आकार का लैम्प कैसे बना सकते हो।
क्या चाहिए- बांस की कमानियां, बांधने के लिए धागे, रंगीन कागज, चिपकाने के लिए आटे की लोई।
ऐसे बनाओ- पहले एरोप्लेन का ढांचा तैयार कर लो। बांस की कमानियां इसमें बांध दो। अब इसको रंगीन कागज से कवर कर दो। जैसे दोनों साइड वाली पंखियों को ब्लू पेपर से कवर करो। एरोप्लेन की बॉडी को पिंक से कवर करो। बॉडी को कवर करते वक्त ऊपर की ओर दो छोटी-छोटी कमानियां को खुला छोड़ देना। एरोप्लेन कागज से बिलकुल कवर हो जाना चाहिए। कहीं से भी कमानियां दिखें नहीं। छोटी-छोटी इन्हीं दो कमानियों में धागे बांधकर किसी ऊंचे स्थान पर टांगना है। टांगने से पहले खुले हिस्से में एक होल्डर में बल्ब लगाकर कमानी में फिक्स कर देना।
पेट्स को बचाकर रखना
जब तुम आतिशबाजी का मजा ले रहे होते हो, उस समय तुम्हारे घर के पालतू जानवर, जैसे कुत्ते, बिल्ली डर से सहमे रहते हैं। हम जानते हैं कि तुम उन्हें बहुत प्यार करते हो, उन्हें तुम तकलीफ में नहीं देख सकते हो, इसलिए दीपावली के दिन उनके नजदीक कोई भी धमाका मत करना और उस दिन उन्हें कहीं ऐसे स्थान में बांध कर रखना, जहां शोर न पहुंच रहा हो।
इन बातों का रखना ध्यान
बड़ों की निगरानी में ही पटाखों का इस्तेमाल करो, ताकि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वे तुम्हारे साथ रहें। 
पटाखों के लिए किसी खुले स्थान का प्रयोग करो, आसपास ऐसी वस्तुओं को तुरंत हटा दो, जिनसे आग लगने का खतरा हो। 
उन्हीं पटाखों की खरीदरी करो, जो लाइसेंस युक्त विश्वसनीय हों। 
बीच सड़क पर पटाखों का इस्तेमाल मत करो। इससे आने-जाने वालों को चोट आ सकती है। 
पटाखे जलाते हुए उससे उचित दूरी बनाए रखो। कभी भी अपने चेहरे को उसके करीब में मत लाओ। 
दिवाली के दिन फर्स्ट-एड बॉक्स तुम्हारे करीब होना चाहिए।
सुबह नहाने के भी हैं फायदे 
दिवाली पर मम्मी तुम्हें सुबह उठकर नहाने को बोलती हैं तो तुम्हें आलस लगता है, लेकिन यह तुम्हारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इस मौसम में सुबह के समय शरीर पर तेल लगाकर नहाने से शरीर से टॉक्सिन निकल जाते हैं और तुम काफी हेल्दी रहते हो। हमारी मान्यताओं और परंपराओं के अनुसार दीपावली के दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। तुमने देखा होगा कि दिवाली के दिन तुम्हारे मम्मी-पापा, दादू-दादी व अन्य परिवार के सदस्य लक्ष्मी-पूजा करते हैं, इसलिए इस बार देखना कि कैसे पूजा की तैयारियां की गईं। अगर संभव हो तो उसमें सहयोग करना। पूजा के दौरान मंदिर में ही बैठना।

No comments:

Post a Comment