Wednesday 16 October 2013

ऑस्ट्रेलियाई एवरेस्ट को भारत ने हवा में उड़ाया, जीता मैच

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रोहित शर्मा, विराट कोहली और शिखर धवन ने ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के पांच बल्लेबाजों के रिकार्ड से बने एवरेस्ट जैसे स्कोर को बौना साबित करके भारत को दूसरे वनडे में नौ विकेट की जीत दिलाई। भारत इस तरह से सात मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर की। ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम के पांचों बल्लेबाजों ने अर्धशतक लगाकर नया रिकार्ड बनाया लेकिन रोहित (नाबाद 141), कोहली (नाबाद 100) और धवन (95) की बेमिसाल पारियों से भारत ने 39 गेंद शेष रहते ही जीत दर्ज करके सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का अपना नया रिकार्ड बना दिया। फिलिप हयूज (83), एरोन फिंच (50) और शेन वाटसन (59) ने मंच तैयार किया जिसे कप्तान जार्ज बैली (नाबाद 92) और ग्लेन मैक्सवेल (53) ने अच्छी तरह से भुनाया। ऑस्ट्रेलिया इस तरह से भारतीय आक्रमण की धज्जियां उड़ाकर पांच विकेट पर 359 रन बनाने में सफल रहा। जब ऑस्ट्रेलिया की जीत पर दांव लग रहे थे तब रोहित और धवन ने पहले विकेट के लिए रिकार्ड 176 रन की साझेदारी करके भारत को बेहतरीन शुरुआत दिलाई। कोहली ने केवल 52 गेंदों पर शतक जड़कर नया भारतीय रिकार्ड बनाया और जो स्कोर पहाड़ जैसा लग रहा था भारत ने उसे 43.3 ओवर में एक विकेट पर 362 रन बनाकर पार कर दिया। रोहित ने अपनी पारी में 123 गेंद खेली तथा 17 चौके और चार छक्के लगाए लेकिन वह कोहली थे जिन्होंने भारत की जीत बिल्कुल आसान बनाई। उन्होंने 52 गेंद की पारी में आठ चौके और सात छक्के लगाए। कोहली ने वीरेंद्र सहवाग के न्यूजीलैंड के खिलाफ हैमिल्टन में 2009 में 60 गेंद पर बनाए गए शतक का रिकार्ड भी तोड़ा। उन्होंने वनडे में सातवां सबसे तेज शतक भी लगाया। कोहली और रोहित ने दूसरे विकेट के लिए केवल 17.2 ओवर में 186 रन की अटूट साझेदारी की। उनकी इस तूफानी भागीदारी से भारत ने जहां सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का नया रिकार्ड बनाया वहीं ऑस्ट्रेलिया को दूसरी बार बड़ा स्कोर बनाने के बावजूद मुंह की खानी पड़ी। दक्षिण अफ्रीका ने 2006 में जोहानिसबर्ग में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नौ विकेट पर 438 रन बनाकर जीत दर्ज की थी। भारत ने इससे पहले मार्च 2012 में पाकिस्तान के खिलाफ ढाका में बाद में बल्लेबाजी करते हुए 330 रन बनाकर जीत दर्ज की थी जो अब तक उसका सबसे बड़ा लक्ष्य हासिल करने का रिकार्ड था। यही नहीं भारत ने नवंबर 2009 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही हैदराबाद में बाद में बल्लेबाजी करते हुए 347 रन बनाये थे लेकिन तब वह तीन रन से हार गया था। पिच बल्लेबाजी के लिये अनुकूल थी और उसमें दोनों टीमों की गेंदबाजी का कत्लेआम देखने को मिला। भारत के तीन गेंदबाजों इशांत शर्मा, और विनयकुमार और रविंदर जडेजा ने 70 या इससे अधिक रन लुटाये जबकि ऑस्ट्रेलिया की तरफ से मिशेल जानसन, क्लाइंट मैकाय, जेवियर डोहर्टी, जेम्स फाकनर सभी मुख्य गेंदबाज महंगे साबित हुए। धवन और रोहित ने शुरू से ही गेंदबाजों पर हावी होने की रणनीति अपनायी और उन्होंने जो नींव रखी आखिर में वह मजबूत साबित हुइ। धवन का शुरू में भाग्य ने पूरा साथ दिया। जब वह 18 रन पर थे तब क्लाइंट मैकाय की गेंद पर विकेटकीपर ब्रैड हैडिन ने उनका कैच छोड़ा। इसके बाद 42 रन के निजी योग पर वह रन आउट की विश्वसनीय अपील से बचे। भारत ने पहले पावरप्ले में ही स्कोर 69 रन पहुंचा दिया था। रोहित पहले 50 रन तक पहुंचे लेकिन धवन भी डोहर्टी के अगले ओवर में अपनी पारी का छठा चौका लगाकर 50 रन के पार पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने अधिक तेजी दिखायी और जल्द ही अपने साथी बल्लेबाज से आगे निकल गये। जानसन, फाकनर और वाटसन किसी को भी धवन ने नहीं बख्शा। बाएं हाथ का यह बल्लेबाज हालांकि अपना चौथा शतक पूरा नहीं कर पाया। फाकनर की गुडलेंथ गेंद उनके बल्ले को चूमती हुई हैडिन के दस्तानों में चली गयी। धवन ने अपनी पारी में 86 गेंद खेली तथा 14 चौके लगाये। उन्होंने और रोहित ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले विकेट के लिए सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली के 1998 में कानपुर में बनाए गए 175 रन की साझेदारी के रिकार्ड को तोड़ा। कोहली ने आते ही लंबे शाट खेलने शुरू कर दिए। उन्होंने डोहर्टी पर अपनी पारी का दूसरा छक्का जड़कर 30वें ओवर में स्कोर 200 रन के पार पहुंचा दिया। अब भारतीय बल्लेबाजों ने टी20 की शैली में बल्लेबाजी करना शुरू कर दिया था और छक्कों की बरसात होने लगी थी। कोहली ने हर गेंदबाज को कड़ा सबक सिखाया। सवाई मानसिंह स्टेडियम में उनकी बल्लेबाजी देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो यह दुनिया का सबसे आसान काम हो। रोहित ऐंठन के बावजूद कसर नहीं छोड़ रहे थे। उन्होंने जानसन पर चौका जड़कर अपना तीसरा और सलामी बल्लेबाज के रूप में पहला शतक पूरा किया। कोहली ने भी जल्द ही अपना 16वां वनडे शतक पूरा किया जबकि रोहित ने पारी के 44वें ओवर में मैक्सेवल की तीन गेंदों पर चौका, छक्का और फिर चौका जड़कर भारत को लक्ष्य तक पहुंचाया। इससे पहले कप्तान जार्ज बेली (नाबाद 92) और ओपनर फिलिप ह्यूज (83) सहित शीर्ष क्रम के पांच बल्लेबाजों के तूफानी अर्धशतकों से ऑस्ट्रेलिया ने 50 ओवरों में पांच विकेट पर 359 रन का रिकार्ड स्कोर बना दिया। ऑस्ट्रेलिया का भारतीय जमीन पर यह सर्वाधिक स्कोर है। इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ 359 रन के अपने पिछले रन के सर्वाधिक स्कोर की भी बराबरी कर ली है। ऑस्ट्रेलिया ने 2003 में जोहानसबर्ग में और 2004 में सिडनी में भारत के खिलाफ 359 रन बनाए थे।
 
ऑस्ट्रेलिया का इससे पहले भारतीय जमीन पर सर्वाधिक स्कोर 28 अक्टूबर 2009 को नागपुर में सात विकेट पर 354 रन था। ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष क्रम ने लगातार दूसरे मैच में भारतीय गेंदबाजों की तबीयत से धुनाई की। ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में पहले वनडे में 304 का स्कोर बनाया था। ऑस्ट्रेलियाई पारी में 36 चौके और 12 छक्के लगे। कप्तान बैली ने एक और शानदार पारी खेलते हुए मात्र 50 गेंदों में आठ चौके और पांच छक्के उड़ाते हुए नाबाद 92 रन ठोके। ह्यूज ने 103 गेंदों पर 83 रन की पारी में आठ चौके और एक छक्का लगाया। आरोन फिंच ने 53 गेंदों पर 50 रन में सात चौके और एक छक्का मारा। शेन वाटसन से 53 गेंदों में 59 रन में छह चौके और तीन छक्के ठोके। ग्लेन मैकसवेल ने 32 गेंदों पर 53 रन में सात चौके और एक छक्का उड़ाया। एडम वोग्स ने 11 रन में एक छक्का जड़ा।
 
फिंच और ह्यूज ने पहले विकेट के लिए 15.2 ओवर में 74 रन, वाटसन और ह्यूज ने दूसरे विकेट के लिए 16.4 ओवर में 108 रन, मैक्सवेल और बैली ने चौथे विकेट के लिए 8.3 ओवर में 96 रन तथा वोग्स और बैली ने पांचवें विकेट के लिए 3.1 ओवर में 39 रन ठोक डाले। भारतीय गेंदबाजी ने पहले मैच में हुई पिटाई से कोई सबक नहीं लिया और दूसरे मैच में बेहद खराब गेंदबाजी का नमूना पेश किया। इशांत शर्मा ने नौ ओवर में 70 रन, आर विनय कुमार ने नौ ओवर में 73 रन और रवींद्र जडेजा ने 10 ओवर में 72 रन लुटाये। भुवनेश्वर कुमार ने 10 ओवर में 54 रन, रविचंद्रन अश्विन ने आठ ओवर में 50 रन और युवराज सिंह ने चार ओवर में 35 रन दिए। विनय को दो और अश्विन को एक विकेट मिला। 

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