Thursday 24 October 2013

इलाज में लापरवाही पर लगा 6 करोड़ रुपये का मुआवजा

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उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को कोलकाता स्थित एएमआरआई अस्पताल को तथा तीन डॉक्टरों को वर्ष 1998 के चिकित्सकीय लापरवाही के एक मामले में आदेश दिया कि वे अमेरिका में बसे भारतीय मूल के एक डॉक्टर कुणाल साहा को 5.96 करोड़ रुपये बतौर मुआवजा दें।
चिकित्सकीय लापरवाही के चलते डॉ कुणाल साहा की पत्नी अनुराधा साहा की एएमआरआई अस्पताल में मौत हो गई थी। डॉ साहा ओहायो में एडस के अनुसंधानकर्ता हैं। न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति वी गोपाल गौड़ा की पीठ ने अस्पताल से तथा तीनों डॉक्टरों से कहा कि वे आठ सप्ताह के अंदर डॉ साहा को मुआवजा राशि दें।  राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) ने वर्ष 2011 में डॉ साहा को 1.73 करोड़ रुपये दिए जाने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने मुआवजा राशि बढ़ाते हुए अस्पताल से कहा कि वह डॉ साहा को छह फीसदी की दर से ब्याज भी दे। न्यायालय ने कहा कि मुआवजे की कुल राशि में से डॉ बलराम प्रसाद और डॉ सुकुमार मुखर्जी 10-10 लाख रुपये तथा डॉ बैद्यनाथ हलदर 5 लाख रुपये आठ सप्ताह के अंदर डॉ साहा को देंगे। पीठ के अनुसार, शेष राशि का ब्याज सहित भुगतान अस्पताल द्वारा किया जाएगा। साथ ही पीठ ने मुआवजा राशि के भुगतान के बाद अपने समक्ष एक अनुपालन रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश भी दिया। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निबटान आयोग ने शीर्ष अदालत के निर्देश पर मुआवजे की राशि निर्धारित की थी। उच्चतम न्यायलय ने अनुराधा की मत्यु के लिए अस्पताल और उसके तीन चिकित्सकों को चिकित्सीय लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराते हुये साहा की अपील आयोग के पास भेजी थी। अनुराधा खुद भी बाल मनोचिकित्सक थी और वह मार्च 1998 में गर्मी की छुटि्टयों में अपने घर आई थीं। उन्होंने शरीर की त्वचा पर ददोड़े की शिकायत होने पर डा सुकुमार मुखर्जी से परामर्श किया जिन्होंने कोई दवा लिखे बगैर ही उसे कुछ परीक्षण कराने का सुझाव दिया। त्वचा पर ददोड़े फिर से आने पर 7 मई, 1998 को डा मुखर्जी ने अनुराधा को दिन में दो बार 80 एमजी का डेपोमेड्राल इंजेक्शन लगाने की सलाह दी। शीर्ष अदालत में विशेषज्ञों ने इस कदम को ही त्रुटिपूर्ण पाया। यह इंजेक्शन लगाए जाने के बाद से अनुराधा की स्थिति तेजी से बिगड़ने लगी। इस पर उसे डा मुखर्जी की देखरेख में ही एएमआरआई अस्पताल में 11 मई, को दाखिल किया गया।
 कुणाल साहा ने आयोग में दायर अपनी याचिका में 77 करोड़ रुपये के मुआवजे की मांग की थी। आयोग ने पत्नी के निधन के कारण साहा को 1,72,87,500 रुपये का मुआवजा देने का आदेश देते हुये कोलकाता के अस्पताल और उसके तीन चिकित्सकों की लापरवाही में अमेरिकी चिकित्सक की भूमिका को भी जिम्मेदार ठहराया था।
    
आयोग ने इस राशि में से दस फीसदी कटौती के बाद 1.55 करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था। अनुराधा के उपचार से जुड़े एक अन्य चिकित्सक डा अबानी राय चौधरी का इस मामले की सुनवाई के दौरान ही निधन हो गया था। अनुराधा की तबियत में कोई सुधार नहीं होते देख उसे मुंबई के ब्रीच कैन्डी अस्पताल ले जाया गया जहां पता चला कि वह बेहद दुर्लभ किस्म के त्वचा रोग से ग्रस्त है। अनुराधा का 28 मई, 1998 को निधन हो गया था। इसके बाद ही कुणाल साहा ने अस्पताल और डाक्टरों के खिलाफ आपराधिक और दीवानी लापरवाही का मामला दायर किया था। शीर्ष अदालत ने 2009 में चिकित्सकों ओर अस्पताल को मेडिकल लापरवाही के लिए आपराधिक जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया था।

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