Sunday 27 November 2011

पाकिस्‍तानी सेना ने पहले किया हमला, जवाब में नाटो ने ढेर किए 28 फौजी?



पाकिस्‍तानी सीमा में घुसकर किए गए नाटो के हवाई हमले की जांच शुरू हो गई है। जांच में जुटे अमेरिकी अधिकारी इस संभावना पर विचार करेंगे कि पहले नाटो के हेलीकॉप्‍टरों पर ही हमले हुए हैं। काबुल स्थित गठबंधन सेना के एक अधिकारी ने यह बात कही है। गठबंधन सेना के अधिकारियों ने इस घटना की जांच के सिलसिले में तथ्‍य जुटाना शुरू कर दिया है। यह खबर अमेरिकी मीडिया के हवाले से आई है।
 
अफगानिस्‍तान की बॉर्डर पुलिस में तैनात एक अफसर ने रविवार को बताया कि संयुक्‍त सेनाएं पाकिस्‍तान के कबायली इलाके में तालिबान आतंकियों को निशाना बना रही थीं कि पाकिस्‍तानी सैन्‍य चौकी की तरफ से उन पर हमला हुआ। इसके जवाब में गठबंधन सेना ने पाकिस्‍तानी चौकी पर हमले के लिए सेना के हेलीकॉप्‍टर बुलाए। ‘वॉल स्‍ट्रीट जर्नल’ के मुताबिक अधिकारी ने यह भी बताया कि पाकिस्‍तानी अधिकारियों को इस ऑपरेशन के बारे में पहले ही बता दिया गया था।
 
काबुल में तैनात एक अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि आतंकवादी शनिवार तड़के पाकिस्‍तानी चौकी से सटे अफगान सीमा की ओर फायरिंग कर रहे होंगे जिसके जवाब में गठबंधन सेनाओं ने हमला किया। इस अफसर ने कहा कि यह घटना भी सितंबर 2010 की उसी घटना की तरह है जिसमें नाटो के हेलीकॉप्‍टरों ने पाकिस्‍तानी चौकी पर हमले किए थे। उस वक्‍त दो पाकिस्‍तानी सैनिक मारे गए थे।
 
अधिकारी ने बताया, ‘यह ऐसी स्थिति होती है जब आतंकवा‍दी पाकिस्‍तानी सीमा पर स्थित चौकियों की आड़ में गोलीबारी करते हैं। जब हमने जवाबी कार्रवाई की तो पाकिस्‍तानी सुरक्षा बल के लोग मारे गए। शनिवार को भी कुछ इसी तरह हुआ होगा।’
काबुल में तैनात इस अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि यूएस सेंट्रल कमांड के मुखिया और मरीन कोर के जनरल जेम्‍स मैटिस को शनिवार की घटना से जुड़े तथ्‍य जुटाने की जिम्‍मेदारी सौंपी जा सकती है।
 
इस बीच, इस्‍लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि नाटो हमले से पैदा हुए हालात के बाद सुरक्षा कारणों से वह पाकिस्‍तान के अन्‍य प्रांतों में नियुक्‍त अपने कुछ कर्मचारियों को वापस बुला रहा है। अमेरिकी दूतावास ने पाकिस्‍तान में रहने वाले अमेरिकी नागरिकों को पहले से ज्‍यादा सतर्क रहने की हिदायत दी है।
 
 
नाटो हमले में मारे गए 28 सैनिकों को पेशावर में रविवार को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इस मौके पर जनरल कयानी और सीनियर सैन्‍य अधिकारी मौजूद थे।
 
(फोटो कैप्‍शन: नाटो हमले में मारे गए सैनिकों को पेशावर में रविवार को आखिरी सलाम देते साथी सैनिक।)  
  

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