Saturday 19 November 2011

राजस्थान मंत्रिमंडल में हुआ बड़ा उलटफेर, जानिए किसने क्या पाया क्या खोया


मंत्रियों में गुरुवार को विभाग बंट गए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह में विभागों की बागवानी लहलहा उठी, पर छितराई हुई। इस विस्तार से सर्वाधिक कद बढ़ा बीना काक का। उन्हें पर्यटन के साथ वन और पर्यावरण भी सौंप दिया गया है। अब पर्यटन विभाग को जमीन चाहिए तो वन विभाग हाथ जोड़े खड़ा रहेगा। सबै भूमि गोपाल की। लेकिन अब वन और पर्यावरण को खान से अलग कर दिया गया है।
राजस्थान में जिसका सबसे ज्यादा संकट है, उस पानी के टुकड़े कर दिए गए हैं। मुंह में जाने वाला पानी अब आंखों से निकलेगा। डॉ. जितेंद्रसिंह की जो ऊर्जा बिजली पहले से मंदी चल रही थी, उस पर अब पानी और डाल दिया गया। भूजल और पीएचईडी डॉ. जितेंद्रसिंह को दिया गया है। गिरते भू-जल स्तर के लिए बिजली विभाग को कोसा जाता है कि वह कुओं के लिए बिजली कनेक्शन देता ही क्यों है? ये धर्म संकट भी अब जितेंद्र के पसीने छुड़ाएगा।
स्थानीय शासन पर कब्जा धारीवाल का ही रहेगा। वे ही ऐसे पहले मंत्री हंै, जो गृह विभाग पास होते हुए भी यूडीएच मिनिस्टर ही कहे जाते थे।गृह के झमेले में वे वैसे भी पड़ना नहीं चाहते थे। भरतसिंह के विभाग का बदलाव चौंकाने वाला है।
वे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने वाली सोशल ऑडिट पर रोक लगाने की सरपंचों की मांगों के खिलाफ लड़ते रहे तो उन्हें पीडब्लूडी सौंप दिया गया है। विवादों का खाद्य अब सहकारिता वाले परसादीलाल मीणा के पास चला गया है।महेंद्रजीतसिंह मालवीय के ट्रायबल एरिया में अब पंचायती राज और ग्रामीण विभाग भी आ गए हैं। मनरेगा सहित कितनी ही ग्रामीण विकास की योजनाएं इस विभाग में हैं। अब तक उद्योग और आबकारी राजेंद्र पारीक के पास थे, लेकिन खान भी उनके पास आ गया।
लेकिन पेंच ये है कि खनन पट्टों के वे अकेले कर्ताधर्ता नहीं रहेंगे। वन और पर्यावरण संबंधी मंजूरियां अब दूसरे मंत्री से लेनी होंगी। पहले ये सब एक ही मंत्री के पास थे। शिक्षा की बगिया में सोशल इंजीनियरिंग की बेल लगाई गई है। पहले उच्च शिक्षा गुर्जर जितेंद्रसिंह और स्कूल शिक्षा दलित भंवरलाल के पास थी।
अब स्कूल शिक्षा ब्राrाण ब्रजकिशोर शर्मा को दे दी गई है और उच्च शिक्षा एसटी दयाराम परमार को। परिवहन का पहिया अब वीरेंद्र बेनीवाल को थमा दिया गया है। सामाजिक न्याय अब तक मुख्यमंत्री खुद कर रहे थे, अब यह जिम्मेदारी अशोक बैरवा को सौंपी गई है।

जो नए छह राज्य मंत्री हैं, उनमें वीरेंद्र बेनीवाल को परिवहन का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है। उनके पास गृह भी रहेगा। विनोदकुमार लीलांवाली ग्रामीण विकास और पंचायती राज और कृषि भी देखेंगे।नसीम अख्तर इनसाफ को स्कूल शिक्षा में लगाया गया है। मंजु मेघवाल महिला और बाल विकास विभाग देखेंगी।दयाराम परमार के पास उच्च शिक्षा विभाग का स्वतंत्र प्रभार रहेगा।अमीन खां की फिर से वापसी हुई है और उन्हें अल्पसंख्यक और वक्फ विभाग का स्वतंत्र प्रभार सौंपा गया है।
इनका कद बढ़ा
कैबिनेट मंत्री
महेंद्रजीत मालवीय : ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग मिला। 6000 करोड़ से ज्यादा के बजट वाला विभाग। टीएडी भी मिला। राजेंद्र पारीक : उद्योग और आबकारी सहित पूरे विभाग पहले की तरह ही। खान भी मिला। बीना काक : रामलाल जाट के इस्तीफे से खाली वन, पर्यावरण विभाग मिला। पर्यटन, महिला-बाल विकास पहले से ही है। डॉ. जितेंद्रसिंह : ऊर्जा विभाग पहले ही था, पीएचईडी और भूजल के साथ-साथ डीपीआर भी मिला। उच्च शिक्षा और आईटी छिना। परसादीलाल मीणा : बाबूलाल नागर से उनसे छिना खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग मिला। सहकारिता पहले से ही है। हेमाराम चौधरी : महिपाल मदेरणा के बर्खास्त होने से खाली हुआ सिंचाई विभाग मिला। राजस्व पहले से ही है। ब्रजकिशोर शर्मा : प्राइमरी और सैकंडरी एजुकेशन विभाग मिला। परिवहन छिना, देवस्थान और संस्कृत शिक्षा बरकरार। अशोक बैरवा : राज्य मंत्री रहे बैरवा को कैबिनेट में लेकर सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग सौंपा गया है। राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार ब्रजेंद्रसिंह ओला : सहकारिता लेकर सैनिक कल्याण, आईजीएनपी, सामान्य प्रशासन दिया। आपदा प्रबंधन पहले से ही है। मांगीलाल गरासिया : युवा और खेल के साथ अब श्रम और नियोजन तथा फैक्टरी और बॉयलर निरीक्षण विभाग का भी स्वतंत्र प्रभार। रामकिशोर सैनी : जेल के अलावा जनअभाव अभियोग, तकनीकी और इंजीनियरिंग शिक्षा का स्वतंत्र प्रभार। देवस्थान विभाग भी। वीरेंद्र बेनीवाल : सरकारी मुख्य सचेतक थे, परिवहन (स्वतंत्र प्रभार) और गृह दिया।
इनका कद घटा
कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल : गोपालगढ़ विवाद के बाद गृह विभाग छिना। शहरी विकास विभाग पहले से है। भरतसिंह : जनप्रतिनिधियों से टकराव के चलते पंचायती राज व ग्रामीण विकास छिना। पीडब्ल्यूडी मिला।
राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार
बाबूलाल नागर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों का विभाग छिना। डेयरी और खादी ग्रामोद्योग मिला। संसदीय सचिवों को शपथ
सातों नए संसदीय सचिवों गजेंद्र सिंह शक्तावत, जयदीप सिंह डूडी, कन्हैया लाल झंवर, ममता भूपेश, राजेंद्र सिंह विधूड़ी, रामस्वरूप कसाना तथा जाहिदा को गुरुवार सुबह शपथ दिलाई गई।

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