Wednesday 30 November 2011

रातभर बेटियों ने बताई पीड़ा, कहते-कहते रो पड़े पिता जी भी!


एक छात्रा के पिता की तो पीड़ा बताते-बताते रुलाई फूट पड़ी। निजी शिकायतों के अलावा कमोबेश सभी छात्राओं का कहना था कि शहर में जो कुछ हो रहा है, उससे पुलिस, कोचिंग संचालक और शहरवासी अनभिज्ञ नहीं हैं। पुलिस सिर्फ कुछ चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात कर अपनी ड्यूटी पूरी कर रही है। ज्यादातर शिकायतें तो दर्ज ही नहीं की जाती। अब तक सामूहिक तौर पर ऐसी कोई पहल नहीं हुई जिससे इन घटनाओं की रोकथाम हो।

कोटा.पुलिस के आंकड़े, कोचिंग संस्थानों की वेलफेयर सोसायटी तथा हेल्प लाइन पर दर्ज शिकायतें कुछ भी बयां करें, लेकिन हकीकत यह है कि कोटा में बेटियों के साथ छेड़छाड़ की वारदातें लगातार बढ़ रही है। सोमवार को दिनभर छात्राओं और उनके अभिभावकों ने भास्कर को फोन कर अपनी पीड़ा बताई।

छात्राओं का कहना था कि अधिकांश केवल इसलिए चुप हैं कि उन्हें अपना कॅरियर बनाना है और वे पुलिस अथवा शिकायत के चक्कर में पड़कर समय खराब करना नहीं चाहती। कुछ का कहना था कि यदि इस बात की भनक भी उनके परिजनों को लग गई तो वे पढ़ाई अधूरी छुड़वाकर घर ले जाएंगे जबकि, वे यहां आईआईटीयन, इंजीनियर और डॉक्टर बनने का सपना लेकर आई हैं।

छेड़छाड़ से नहीं चूकते

कोचिंग के छात्र वेल अपटूडेट होने का फायदा उठाकर विवाह समारोह में भी बिन बुलाए मेहमान की हैसियत से घुस जाते हैं। वहां पर बारात अथवा डीजे पर नाचते समय छेड़छाड़ करते है और बाद में खाना खाकर लौट जाते हैं। इंद्रविहार क्षेत्र में रविवार को आयोजित एक विवाह समारोह में ऐसे ही कोचिंग छात्र बिना बुलाए शरीक हो गए।

वहां पर परिवार के ही सदस्य का पर्स गिर गया जिसमें 8 हजार रुपए थे। इन युवकों ने वह पर्स खुद का बताकर रख लिया। बाद में जब पर्स की तलाश हुई तो शादी के वीडियो व फोटोग्राफी देखी गई।

उसमें पर्स ले जाने वाले युवकों की पहचान तो हो गई लेकिन, वे कौन हैं इस बारे में दोनों ही तरफ के परिवार वाले नहीं जानते थे। सोमवार को फोटोग्राफर ने उन युवकों को तलवंडी क्षेत्र में पकड़ लिया और उनके बीच जमकर झड़प भी हो गई।

फोन पर बेटियों ने बयां की पीड़ा

कभी दोस्ती के लिए पीछे पड़ना तो कभी अश्लील एसएमएस, कभी पीछा करना तो कभी कट मारकर गिरा देना। बेटियां हर रोज अलग-अलग तरीकों से परेशान हो रही है। बेटियों ने बताया कैसे कुछ शैतान उन्हें परेशान करते हैं।

आप भी नजर रखें---

स्टंट के नाम पर छेड़छाड़ होती है

सिटी मॉल के पास संडे शाम 5 से 7 बजे तक 15-20 लड़के बाइक पर स्टंट करते हैं। आती-जाती लड़कियों का कभी दुपट्टा खींच ले जाते हैं तो कभी पीठ पर मारकर निकल जाते हैं।

साइकिल के पीछे बाइक

मध्यप्रदेश की एक छात्रा को इंदिरा विहार क्षेत्र के ही युवकों ने पीछा करके परेशान कर रखा है। जब भी छात्रा क्लास में आती-जाती है वह युवक उसकी साइकिल के पीछे-पीछे बाइक चलाने लगते हैं। उसने जब इसका विरोध किया तो कट मारकर उसे गिरा दिया। हद पार कर दी।

मोबाइल पर परेशान करते हैं

निकटवर्ती जिले से पढ़ने आई एक छात्रा को 3 अलग-अलग मोबाइल नंबर से युवक परेशान कर रहा है।

कभी वह गाली-गलौज करता है तो कभी अश्लील बातें करता है।

भाई ने भी समझाया

हरियाणा से आई छात्रा अश्लील फोन कॉल्स के कारण काफी तनाव में हैं। वह मिलने के लिए ऑफर करता है, कभी अश्लील एसएमएस का जवाब मांगता है।

छात्रा ने कॉल डायवर्ट कर अपने भाई से बात करवा दी। भाई ने भी उसे समझा दिया लेकिन, वह नहीं मान रहा।

बार-बार अश्लील कॉल से परेशान हो गई तो उसने नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल दिया। युवक ने दूसरे नंबर से फोन करना शुरू कर दिया। अब तक वह 5 नंबरों को बदल चुका है।

मुकाबला करें छात्राएं भी

कोटात्न भास्कर ने छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की बढ़ रही घटनाओं को लेकर सोमवार को महिला थाने की इंचार्ज चंद्रज्योति शर्मा, जूड़ो की अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रेखा राठौड़ और कुछ एनसीसी कैडेट्स से बात की। उनका कहना था कि आत्मविश्वास मजबूत रखकर ऐसी घटनाओं का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सकता है।

>कोई टीज करता है तो पलटकर ऊंची आवाज में जवाब देना चाहिए, चुप्पी नहीं साधें, ऐसा करने से और लोग भी आपकी मदद को आ सकते हैं।

>किसी भी वारदात के बारे में पुलिस को, परिजनों को या अपने संस्था प्रधान को अवगत कराएं। >मिर्च पाउडर भी साथ रखा जा सकता है, मुश्किल वक्त में इसे फेंककर बचाव किया जा सकता है।

>अभिभावक भी बच्चियों को मानसिक तौर पर इतनी मजबूत बनाएं कि वे ऐसी स्थितियों का डटकर सामना कर सकें।

>शार्टकट नहीं मुख्य मार्ग से जाएं

>सुनसान-अंधेरे रास्तों में जाने से बचें।

>कोचिंग संस्थान या हॉस्टल में अपने मोबाइल नंबर नोट करवाएं ताकि जरूरत पड़ने पर मदद मिल सके।

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