Wednesday 16 November 2011

मलखान-भंवरी की सेक्‍स सीडी भी लगी सीबीआई के हाथ? मदेरणा लाए जा सकते हैं दिल्ली

 राजस्थान में 1 सितंबर से लापता नर्स भंवरी देवी के भंवर में पांच मंत्रियों की कुर्सी चली गई है। मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत ने इनकी छुट्टी कर छह नए चेहरों को लाने का फैसला किया है (ये कौन हैं, रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)। इस कवायद से गहलोत ने अपनी कुर्सी तो बचा ली है, लेकिन उनके खिलाफ नेताओं में असंतोष अब भी है।
इस बीच, राजस्थान के पूर्व मंत्री महिपाल मदेरणा को इलाज के लिए दिल्ली लाया जा सकता है। उन्हें इलाज के लिए दिल्ली लाया जाने की जरूरत है या नहीं इसका फैसला करने के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। इससे पहले खबरें आई थीं कि मदेरणा की आज अस्पताल से छुट्टी हो सकती है। डॉक्टर उनकी सेहत पहले से बेहतर बता रहे हैं। मदेरणा को हल्का बुखार जरूर बताया जा रहा है। अशोक गहलोत ने मंगलवार को अस्पातल जाकर मदेरणा का हाल चाल पूछा। सीबीआई बीते रविवार से पूछताछ के लिए मदेरणा का इंतजार कर रही है।  
 
सीबीआई ने राजस्‍थान मेडिकल बोर्ड ने महिपाल मदेरणा की मेडिकल रिपोर्ट मांगी है। उम्‍मीद है कि बोर्ड शाम चार बजे तक जांच एजेंसी को यह रिपोर्ट सौंप देगी। सीबीआई ने भंवरी मामले में सुराग की तलाश में आज भी आठ जगहों पर छापे मारे। 
 
हालांकि सीबीआई लूणी के विधायक मलखान सिंह पर शिकंजा कसने की तैयारी में है। बताया जाता है कि मलखान और भंवरी की भी अश्‍लील सीडी बनी है और यह सीडी सीबीआई के हाथ  लग गई है (विस्‍तार से रिलेटेड आर्टिकल में पढ़ें)। भंवरी के लापता होने का राज जानने के लिए सीबीआई ने मंगलवार को लूणी से विधायक मलखान सिंह के भाई परसराम विश्नोई के बिलाड़ा स्थित घर और इंद्रा विश्नोई के जोधपुर स्थित घर की तलाशी ली। इंद्रा के घर से कंप्यूटर, हार्ड डिस्क और सिम कार्ड बरामद किया और उसे लेकर बिलाड़ा गई, जहां इंद्रा व परसराम के तीन बैंक लॉकर की भी छानबीन की।
 
उधर, इस मामले के बाद सियासी तूफान भी थम नहीं रहा है। मंगलवार देर रात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी नई कैबिनेट का गठन कर लिया है, जो आज शपथ लेगी। लेकिन गहलोत की नई कैबिनेट पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। राष्ट्रपति पर अभद्र टिप्पणी कर पिछली कैबिनेट में अपनी मंत्री की कुर्सी गंवाने वाले अमीन खां राज्य की नई कैबिनेट में शामिल कर लिए गए हैं। जाट समुदाय से आने वाले महिपाल मदेरणा को कैबिनेट से हटाए जाने पर जाट समुदाय की संभावित नाराजगी से निपटने के लिए सरकार में जाट समुदाय से आने वाले दो नेताओं को मंत्री पद से नवाजा है। 
 
जिन मंत्रियों के ऊपर कोई आरोप नहीं लगे हैं या फिर जो अच्छा काम कर रहे थे, वे इस्तीफे की रणनीति से खासे नाराज हैं। इस्तीफे की बात पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री भरत सिंह का दर्द बाहर आ गया। वे बैठक में ही बिफर पड़े। जैसे ही गृहमंत्री शांति धारीवाल ने इस्तीफे की पेशकश की और अन्य मंत्रियों ने उनका अनुसरण किया तो भरत सिंह बोले, 'इस्तीफा तो मैं भी जेब में लेकर आया हूं, लेकिन पहले ये तो पता चले कि इस्तीफे किसके लिए और किस वजह से लिए जा रहे हैं? इस स्थिति के लिए जिम्मेदार कौन है?' 
गहलोत ने 1 कैबिनेट मंत्री मास्टर भंवरलाल के अलावा 4 राज्यमंत्रियों को बाहर का रास्ता दिखाया। नई कैबिनेट में 6 नए चेहरों को मौका दिया गया है। नए मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 27 मंत्री होंगे। पहले भी यह संख्या 27 ही थी, लेकिन मदेरणा और अमीन खां के हटने के बाद मुख्यमंत्री सहित 26 मंत्री रह गए थे। 
अमीन खां की वापसी
राज्य मंत्री अशोक बैरवा को कैबिनेट का दर्जा दे दिया। इसके अलावा छह नए राज्य मंत्री और सात संसदीय सचिव बनाए गए हैं। अब 13 संसदीय सचिव होंगे। छह नए राज्य मंत्रियों में से तीन को स्वतंत्र प्रभार दिया है। रघु शर्मा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देते हुए सरकारी मुख्य सचेतक और युवा विधायक रतन देवासी को उप मुख्य सचेतक का पद दिया गया है। अभद्र बयान देने और कामकाज से विवादों में आए शिक्षा मंत्री मास्टर भंवरलाल को कैबिनेट से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। मदेरणा के बाद एक और जाट नेता रामलाल जाट भी हटा दिए गए। राष्ट्रपति पर टिप्पणी करने के बाद हटाए गए अमीन खां की वापसी राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में हुई है। 

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