Thursday 3 November 2011

राष्‍ट्रपति से भी ज्‍यादा कड़ी डेरा प्रमुख की सुरक्षा! 600 रुपये जुर्माना लगा

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह पर छह सौ रुपये का जुर्माना लगाए जाने की खबर है। डेरा प्रमुख एक जैसी और एक ही नंबर (DL-5C B-3672) की छह लेक्‍सस गाड़ियों के काफिले में मंगलवार को जयपुर पहुंचे थे। डेरा प्रमुख के काफिले में चलने वाली एक गाड़ी की कीमत 80 हजार अमेरिकी डॉलर (करीब 40 लाख रुपये) है। 

गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं हैं कि एक से अधिक वाहनों का एक ही नंबर हो। हर गाड़ी का अलग अलग रजिस्ट्रेशन होता है इसलिए नंबर भी अलग अलग ही होते हैं।  यहां तक कि राष्‍ट्रपति और प्रधानमंत्री के काफिले में चलने वाली गाड़ियों के नंबर भी अलग-अलग होते हैं।
 
डेरा सच्‍चा सौदा के प्रमुख जिस अंदाज में गाड़ी में बैठे और उतरे, वह भी अनूठा था। उनके काफिल में चलने वाली छह की छह कारों का रंग काला था और उन पर काले शीशे चढ़े हुए थे। डेरा प्रमुख को जब इन गाड़ियों में से एक में बैठना था तो छहों गाड़ियों को काले रंग की विशाल तिरपाल से ढक दिया गया और वह तिरपाल से होते हुए कार में जा बैठे। ऐसे में वहां मौजूद लोग यह अंदाजा नहीं लगा सकते हैं कि डेरा प्रमुख किस कार में बैठ कर गए हैं। डेरा प्रमुख के प्रवक्‍ता ने बताया कि डेरा प्रमुख पर ऐसे कार्यक्रमों के दौरान हमले हो चुके हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया गया। 
 
काफिले में एक ही नंबर की छह गाडि़यां रखने पर प्रवक्‍ता ने कोई सीधा जवाब नहीं दिया। मीडिया के सवाल पर राम रहीम के प्रवक्ता आदित्य इंसां ने कहा कि राम रहीम गरीबों की शादियां कराते हैं, सफाई अभियान चलाते हैं, विधवाओं की शादियां कराते हैं वो मीडिया को नहीं दिखता, कार के नंबर दिख जाते हैं। हालांकि बाद में प्रवक्ता ने कहा कि राम रहीम पर कई जानलेवा हमले हो चुके हैं ऐसे में उनकी सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा किया जाता है।
 
क्‍या है कानून?
 
मोटर वाहन कानून के तहत एक प्रावधान है कि यदि कोई व्‍यक्ति बिना प्रभावी रजिस्‍ट्रेशन या गलत रजिस्‍ट्रेशन के तहत वाहन चलाता है या ऐसा करने की अनुमति देता है तो ऐसे अपराध के लिए कम से कम 2000 रुपये और अधिकतम 5000 हजार रुपये के जुर्माना लगाया जाएगा। 
इसके अलावा वाहन के साथ गैर प्राधिकृत छेड़छाड़ करने के मामले में सिर्फ 100 रुपये तथा बिना नंबर प्‍लेट के वाहन चलाने पर भी 100 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।






जयपुर.पड़ोसी राज्यों से आए सेवादारों ने जयपुर को साफ सुथरा तो बना दिया, लेकिन दूसरे दिन बुधवार तक भी नगर निगम की फौज कचरा उठाने में नाकाम साबित हुई। अभियान के दौरान जहां निगम प्रशासन ने 2020 मीट्रिक टन कचरा उठाया था अगले ही दिन इन्हीं संसाधनों से सिर्फ 740 मीट्रिक टन ही कचरा उठ सका।


निगम के जोन कमिश्नर ने रुटीन की सफाई के राउंड भी नहीं लगाए और न ही वार्डो के भीतरी इलाकों में झाडू लगी। यही नहीं डेरा के सेवादारों ने जिन कालोनियों में सफाई करके कचरा एकत्र किया। निगम के संसाधनों ने वह कचरा डिपो तक भी नहीं पहुंचाया।

हालात यह रहे कि डेरा सच्चा सौदा के सफाई अभियान के मेन पॉइंट रहे त्रिमूर्ति सर्किल के पास एकत्र कचरे के ढेर दूसरे दिन भी नहीं उठाए गए। कचरा परिवहन की व्यवस्था देख रहे गैराज एक्सईएन के.के. नाटानी को रात तक यह जानकारी नहीं मिल सकी कि कचरा परिवहन में लगे संसाधनों ने कितने ट्रिप किए।

क्या रोज आएं सेवादार

डेरा के सेवादारों ने दस घंटे के प्रयास में जो सड़कें साफ कीं और कचरा एक जगह इक्ट्ठा कर दिया निगम द्वारा कचरा नहीं उठाने से वह वापस सड़कों पर फैल गया और साफ की गईं सड़कें फिर से गंदी हो गईं।

टोंक रोड निगम मुख्यालय व एसएमएस स्टेडियम के गेट के बाहर, जेएलएन मार्ग पर जेकेलॉन हॉस्पिटल के पास, बांगड़ हॉस्पिटल के बाहर, चार दरवाजा क्षेत्र में दो तीन जगह, मंडी खटीकान के पास, ब्रह्मपुरी मेन स्टैंड के पास, ब्रह्मपुरी गैटोर रोड, बोहरा जी का चौक (कोली नाका), सुभाष नगर टीवी सैनेटोरियम के पास, बनीपार्क सिंधी कॉलोनी, राजापार्क गली नंबर पांच, आदर्श नगर बीस दुकान के आसपास, धूलेश्वर बाग, अजमेर पुलिया, सी-स्कीम कृष्णा मार्ग, बगड़िया भवन के पीछे का क्षेत्र, सिविल लाइन के आगे बरवाड़ा हाउस, बाइस गोदाम पुलिया के पास शिवाजी नगर, खातीपुरा, वैशाली नगर में सड़कों पर कचरा फैला रहा।

...और निगम की सफाई

"कल भी इन्हीं संसाधनों से कचरा उठाया गया। संसाधनों की कमी नहीं है सिर्फ मॉनिटरिंग व इच्छा शक्ति की कमी से अच्छी व्यवस्था बिगड़ जाती है। नगर निगम की गलतियों को सुधारने की कोशिश करेंगे।"

- ज्योति खंडेलवाल, मेयर

"सुबह आठ बजे ही रुटीन के राउंड के दौरान कचरे के ढेर उठाने के लिए जोन आयुक्त व गैराज को निर्देश दिए थे। अगर लापरवाही हुई है तो कार्रवाई करेंगे।"

- एमपी मीणा, सीईओ

"रुटीन का कचरा तो रोजाना की तरह आया जो एक्सट्रा सफाई हुई उस दौरान एक्सट्रा कचरा भी एकत्र हुआ, इसे उठाने में टाइम तो लगता ही है।"

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