Wednesday 16 November 2011

फोटो फीचर: इस गन की खासियत पढ़ने के बाद कहेंगे, 'इट्स पर्फेक्ट'!




अमेरिकी कंपनी द्वारा तैयार की गई टेजर गन (इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल डिवाइस वेपन) का मंगलवार को नंदनवन में लाइव डिमास्ट्रेशन किया गया। इलेक्ट्रो मैगनेटिक वेव से मनुष्य और जानवरों को बेसुध कर देने वाले इस हथियार का इस्तेमाल कई देशों में हो रहा है। एक लाख रुपए की ऐसी 25 टेजर गन राज्य का फारेस्ट डिपार्टमेंट खरीदने की तैयारी कर रहा है। विभाग का दावा है कि इससे बाघ समेत अन्य जंगली जानवरों को काबू करने में आसानी होगी। हालांकि जानकारों को इसकी उपयोगिता को लेकर शक है।


क्या है टेजर गन



टेजर गन (इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल डिवाइस वेपन) को अमरीका की टेजर इंटरनेशनल कंपनी ने डिजाइन किया है। केंद्रीय गृहमंत्रालय ने भी इसे मंजूरी दी है।


कैसे करती है काम


कंपनी के परमजीत सिंह ने भास्कर को बताया कि टेजर गन में गोली की जगह छोटा सा तीर चलाया जाता है, जो केबल से जुड़ा होता है। तीर लगते ही हैंडगन से जुड़ी यूनिट से निकली विद्युत चुंबकीय तरंगें तार से होती हुईं जानवर के शरीर में पहुंच जाती हैं। तरंगों से जानवर के शरीर के तंत्रिका तंत्र के जरिए मस्तिष्क तक पहुंचने वाले सिग्नल जाम हो जाते हैं। इससे जानवर अचेत हो जाता है। वेव से शरीर में किसी तरह का साइड इफेक्ट नहीं होता है। 


हुआ डिमांस्ट्रेशन


नंदनवन में ट्रेनिंग के बाद मंगलवार दोपहर 12 बजे लाइव डिमास्ट्रेशन हुआ। ट्रेनर ने चारा देकर हिरण को पास बुलाया। 10 मीटर दूर से टेजर गन चलाई। तीर लगते ही हिरण अचेत होकर गिर गया। बाद में एक वन कर्मी पर भी टेजर गन का प्रयोग किया गया। वन विभाग की ओर से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को नंदनवन में किया गया। 


उपद्रवियों पर भी कारगर


इसका इस्तेमाल उपद्रवी लोगों की भीड़ या जानवरों को इस गन से बिना घायल किए पकड़ा जा सकता है। यूएस, फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी जैसे कई देशों में टेजर गन का प्रयोग मानव पर भी सफलतापूर्वक किया जा रहा है। असम राइफल्स को भी इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। आने वाले दिनों में सेना के साथ ही प्रदेश की पुलिस को भी यह हथियार दिए जाने की योजना है।

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