Monday 24 February 2014

क्या सचिन के 200वें टेस्ट के लिए कुर्बान हो जाएगा दक्षिण अफ्रीकी दौरा?

नई दिल्ली। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के 200वें टेस्ट को घर में पूरा करने के लिए बीसीसीआइ ने वेस्टइंडीज को भारत दौरे पर आने का न्योता तो दे दिया लेकिन इसकी वजह से बहुचर्चित भारत का दक्षिण अफ्रीकी दौरा अब संकट में आता दिखने लगा है। इस मसले पर दुबई में बीसीसीआइ सचिव संजय पटेल और क्रिकेट साउथ अफ्रीका के चीफ एक्सक्यूटिव हारून लोर्गट के बीच हुई बातचीत का फिलहाल कोई हल नहीं निकला है और मैचों की संख्या अभी भी संदेह के घेरे में ही है, या यह कहें कि गंभीर स्थिति में इस दौरे पर ही गाज गिरने के आसार हैं। क्रिकेट साउथ अफ्रीका के मुताबिक आखिरी फैसला 29 सितंबर को बीसीसीआइ की वार्षिक बैठक के बाद ही लिया जाएगा।

गौरतलब है कि कुछ ही समय पहले बीसीसीआइ ने अचानक अपनी एक बैठक में वेस्टइंडीज के भारत दौरे का न्योता भेज सभी को चौंका दिया था। मकसद था सचिन तेंदुलकर के एतिहासिक 200वें टेस्ट को भारत में कराना, लेकिन इसके पीछे सीएसए चीफ एक्सीक्यूटिव हारून लोर्गट से भारतीय क्रिकेट बोर्ड के बिगड़े हुए रिश्तों का भी नतीजा बताया गया। अब यह तो कहा नहीं जा सकता कि वेस्टइंडीज के साथ इस अचानक पैदा हुई सीरीज का कारण सिर्फ सचिन ही हैं या फिर इसके पीछे दक्षिण अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड के साथ चल रही छींटाकशी, लेकिन इतना तय है कि इस वजह से क्रिकेट फैंस एक बेहतरीन दक्षिण अफ्रीकी दौरे से महरूम रहने की कगार पर हैं। ताजा खबरों के मुताबिक क्रिकेट साउथ अफ्रीका को उम्मीद है कि इस महीने के आखिर में कुछ फैसला लिया जा सकेगा। खबरें हैं कि अगर एन.श्रीनिवासन अपने सारे पचड़ों से निकलकर बीसीसीआइ के अध्यक्ष पद पर एक साल के लिए फिर बरकरार रहने में सफल रहे तो अक्टूबर में लंदन में होने वाली आइसीसी की बोर्ड मीटिंग में वह सीएसए के अध्यक्ष क्रिस नेन्जानी से इस मुद्दे पर बातचीत कर सकते हैं।

जाहिर है कि क्रिकेट साउथ अफ्रीका ने जुलाई में भारत के दक्षिण अफ्रीकी दौरे का कार्यक्रम घोषित किया था जिसमें तीन टेस्ट, सात वनडे और दो टी20 मैच शामिल थे लेकिन कहीं ना कहीं यही विवादों का कारण बन गया क्योंकि बीसीसीआइ ने इसका विरोध किया था और कहा था कि इस कार्यक्रम को उनसे पूछे बिना तैयार किया गया है। इसके ठीक बाद ही बीसीसीआइ ने वेस्टइंडीज को न्योता देते हुए दक्षिण अफ्रीकी दौरे को 60 दिनों से घटा कर तकरीबन 40 दिनों का कर दिया और 2014 में भारत के न्यूजीलैंड दौरे को भी घोषित कर दिया। अब सवाल कई हैं, लेकिन फिलहाल जवाब किसी ने भी सामने नहीं रखा है, बस देखना यही है कि आइसीसी का एफटीपी और बीसीसीआइ के नियम सिर्फ सचिन के 200वें टेस्ट के लिए ताक पर रख दिए जाते हैं या फिर इस शीत युद्ध को तोड़ते हुए दोनों देशों के क्रिकेट बोर्ड फैंस को उतने ही मैचों का आनंद लेने का मौका देते हैं जितना कि पहले निर्धारित किया गया था।

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