Sunday 2 February 2014

कैंपस इंटरव्यू सक्सेस के 6 मंत्र

कैंपस इंटरव्यू जॉब पाने की पहली सीढी होती है, लेकिन यह आखिरी सीढी भी नहीं है। कैंपस इंटरव्यू का सीक्रेट है कॉन्फिडेंस, कम्युनिकेशन स्किल्स, एटिकेट्स और पॉजिटिविटी। इसके अलावा कुछ टिप्स और ट्रिक्स हैं, जिन्हें फॉलो करके आप इसमें सक्सेस पा सकते हैं।
फील्ड की नॉलेज
कोई भी पूरी तरह परफेक्ट नहीं है। कुछ न कुछ कमियां सभी में होती हैं। हमें जिस फील्ड में जाना है, उसकी कंप्लीट नॉलेज हो। उससे जुडे स्पेशलाइज्ड एरिया के बारे में भी इनफॉर्मेशन होनी चाहिए। कैंपस इंटरव्यू में इससे रिलेटेड क्वैश्चंस जरूर पूछे जाएंगे। इंटरव्यू में आपके वीक प्वाइंट्स भी पूछे जा सकते हैं। किसी तरह का संकोच न करें, जो भी हो, खुलकर बता दें। कई बार जिन आंसर्स को हम निगेटिव समझते हैं, वही जॉब दिलाने में पॉजिटिव रोल अदा कर देते हैं।
कॉन्फिडेंस का गेम
कैंपस इंटरव्यू कॉन्फिडेंस पर डिपेंड करता है। सब्जेक्ट से रिलेटेड क्वैश्चंस से सामना तो होगा ही, साथ ही यह भी देखा जाएगा कि किस सेक्शन में आप कन्फ्यूज हैं। किसी क्वैश्चन का आंसर देते वक्त कॉन्फिडेंस लूज होता है, तो इंटरव्यूवर समझ जाएगा कि यही आपका वीक प्वाइंट है। जो आंसर न आता हो, उसके लिए सॉरी कह दें।
ब्रेन को करें एनॉलाइज
इंटरव्यू में केवल नॉलेज ही जज नहीं की जाएगी। कैंपस इंटरव्यू में इंटरव्यूवर का मेन फोकस आपके बिहैवियर पर रहेगा। बिहैवियर बेटर करने के लिए खुद ही अपने ब्रेन को एनॉलाइज करें। कहीं आप बहुत एग्रेसिव तो नहीं होते हैं? कम्युनिकेशन के वक्त आंखें शब्दों का साथ देती हैं कि नहीं? जिन शब्दों को यूज करते हैं, वे सोसायटी को स्वीकार हैं भी हैं या नहीं?
क्वैश्चन क्लियर करें
कैंपस इंटरव्यू में क्वैश्चंस को लेकर इंटरव्यूवर सॉफ्ट रहते हैं। वे जानते हैं यह अधिकतर स्टूडेंट्स का पहला इंटरव्यू है। अगर पूछा गया कोई क्वैश्चन क्लियर नहीं हो रहा है, तो उसके बारे में पूछ सकते हैं। देखिएगा वह आपको उस क्वैश्चन से रिलेटेड कोई क्लू दे देगा। जैसे ही क्लू मिले, उस क्वैश्चन का तुरंत राइट आंसर दे दें।
योर बिग अचीवमेंट
आपका सबसे बडा अचीवमेंट क्या है? इस क्वैश्चन के जवाब में अधिकतर लोग एजुकेशन से रिलेटेड एक्सपीरियंस ही बताएंगे। कुछ ही स्टूडेंट्स होंगे जो सोशल एक्टिविटीज या ह्यूमनिटीज जैसे फील्ड से जुडे पहलू पैनल से शेयर करेंगे। गुड और बैड का डिसीजन इस बेस पर होगा कि किस काम से ज्यादा लोगों को बेनिफिट मिला है।
बेसिक्स पर नो कंप्रोमाइज
कैंपस इंटरव्यू में इंटरव्यूवर जानते हैं कि ज्यादातर स्टूडेंट्स इसके लिए पूरी तरह प्रिपेयर नहीं हैं। फिर भी बेसिक्स तो बेसिक्स ही होते हैं। सब्जेक्ट की थ्योरिकल नॉलेज में यहां कंप्रोमाइज नहीं किया जाएगा। खासतौर पर बेसिक्स के आंसर गलत दिए तो मामला बिगड सकता है। प्रैक्टिकल नॉलेज से कुछ कंप्रोमाइज किया जा सकता है।
एक्सपर्ट ओपिनियन
कैंपस सलेक्शन में कैंडिडेट की नॉलेज को अधिक इंपॉर्टेस नहीं दी जाती है। ज्यादातर स्टूडेंट्स का यह पहला या दूसरा चांस ही होता है। वे अन-एक्सपीरियंस्ड होते हैं। यह बात रिक्रूट करने वाली कंपनियां भी जानती हैं। सलेक्शन में स्टूडेंट्स के कॉन्फिडेंस, एटिकेट्स और पॉजिटिव अप्रोच पर मा‌र्क्स दिए जाते हैं। कॉन्फिडेंस नहीं है, तो वे भला कैसे आगे बढेंगे।

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