Sunday 9 February 2014

अपनी पहली ही फिल्म से सफलता के झंडे गाड़ने वाले निर्माता-निर्देशक करण जौहर का नाम आज किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। कम समय में ही श्रेष्ठ निर्देशक की सूची में शामिल होने के साथ ही करण एक अंतरराष्ट्रीय सेलेब्रेटी बन चुके हैं। करण जौहर निर्देशक के साथ ही एक लेख
क, निर्माता, टेलीविजन होस्ट और एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर भी हैं।

इन बहुमुखी प्रतिभा के धनी करण का जन्म 25 मई 1972 में हुआ। इनके पिता जाने-माने फिल्म निर्माता स्व. यश जौहर हैं और माता हीरू जौहर। करण ने अपनी स्कूली पढ़ाई ग्रीनलॉन्स हाई स्कूल से की और इसके बाद कॉमर्स और इकॉनोमिक्स के एचआर कॉलेज से आगे की पढ़ाई की। करण ने फ्रेंच में मास्टर डिग्री भी हासिल की है।

फ्रेंच में मास्टर डिग्री लेने के बाद करण मास कम्यूनिकेशन में मास्टर डिग्री लेने के लिए पेरिस जाने वाले थे, लेकिन इसी बीच उनके दोस्त ‍निर्देशक आदित्य चोपड़ा ने करण को फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में उन्हें असिस्ट करने के लिए कहा।

फिल्म 'दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे' में सह निर्देशन के साथ ही करण ने छोटी सी भूमिका भी निभाई। उन्होंने फिल्म में शाहरुख के खास दोस्त की भूमिका निभाई थी जो असल जिंदगी में अब तक बरकरार है। इसके साथ ही उन्होंने शाहरुख के कॉस्ट्यूम चयन की बागडोर भी खुद संभाली और आदित्य की स्क्रीनप्ले लिखने में भी मदद की।। इस फिल्म के साथ ही दिल तो पागल है, डुप्लीकेट, मोहब्बतें, मैं हूं ना, वीर-जारा और ओम शांति ओम में भी शाहरुख की सभी कॉस्ट्यूम करण ने ही डिजाइन कीं।

डीडीएलजे की शूटिंग के दौरान शाहरुख ने ही करण को अपनी खुद की फिल्म डायरेक्ट करने की सलाह दी। शाहरुख की इस सलाह का परिणाम 1998 में आई सुपर हिट फिल्म 'कुछ कुछ होता है'। करण निर्देशित इस पहली फिल्म ने ही करण को सफल निर्देशकों की लिस्ट में शामिल कर दिया। सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के साथ ही कुल आठ फिल्मफेयर अवॉडर्स इस फिल्म ने हासिल किए।

इसके बाद करण की दूसरी निर्देशित फिल्म 'कभी खुशी कभी गम' भी सफल साबित हुई। इस फिल्म ने भी पांच फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते। लगातार दूसरी फिल्म की सफलता ने करण को इंडस्ट्री में एक सफल निर्माता-निर्देशक के रूप में स्थापित कर दिया। बचपन से 'लाइट, कैमरा, एक्शन' सुनकर बड़े हुए करण ने आज अपनी एक अलग पहचान बना ली है। अपने पिता के द्वारा स्थापित किए गए धर्मा प्रोडक्शन के बैनर तले उन्होंने कई फिल्मों का निर्माण किया और उनकी अधिकांश फिल्मों ने सफलता का स्वाद भी चखा है।

बड़े पर्दे के साथ ही छोटे पर्दे पर भी करण ने वाहवाही लूटी। स्टार वर्ल्ड के टॉक शो 'कॉफी विथ करण' से वे एक चर्चित होस्ट बन गए। करण पहले भारतीय फिल्ममेकर हैं जिन्हें मिस इंडिया कॉनटेस्ट को जज करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। फिल्म इंडस्ट्री में इस उभरते सितारे को विदेशों की जाने-माने विश्वविद्यालयों के संस्थानों में स्पीच के लिए आमंत्रित किया जा चुका हैं। इन संस्थानों में हार्वड बिजनेस स्कूल, व्हार्टन स्कूल और न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के नाम शामिल हैं।

सफलता के साथ ही करण को आलोचनाओं का भी सामना किया है, लेकिन इन आलोचनाओं की परवाह न करते हुए करण ने सिर्फ अपने काम पर ध्यान दिया और सफलता की सीढ़ी चढ़ते चले गए। हाल ही में उनके द्वारा अपने पिता की फिल्म 'अग्निपथ' की रीमेक

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