Sunday 2 February 2014

करियर विद द आरबीआई

आरबीआई का ऑनलाइन एग्जाम 20 जुलाई से शुरू हो रही है। बैंकों का बैंक होने की वजह से इसमें प्रत्येक स्टूडेंट जॉब करना चाहता है, लेकिन सीट कम होने की वजह से इसका एग्जाम काफी टफ होता है। आरबीआई एग्जाम में उन्हीं स्टूडेंट्स का सलेक्शन हो सकता है, जो प्लान बनाकर बचे हुए टाइम का यूज करेंगे।
स्कीम ऑफ सलेक्शन
200 अंकों का ऑनलाइन एग्जाम होगा, जो ऑब्जेक्टिव टाइप होगा। इसमें रीजनिंग, मैथ्स, अंग्रेजी, जनरल अवेयरनेस और कंप्यूटर नॉलेज से संबंधित क्वैश्चंस पूछे जाएंगे। सभी सब्जेक्ट्स के समान अंक होंगे और सभी विषयों में अलग-अलग क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स लाना भी जरूरी होगा। गलत आंसर देने पर वन फोर्थ मा‌र्क्स कट जाएंगे। इसमें पास होने के बाद इंटरव्यू होगा।
टाइम मैनेजमेंट है सक्सेस-की
कॉन्सेप्ट कोचिंग के डायरेक्टर परवीन कुमार कहते हैं कि एग्जाम ऑनलाइन होगा, इस कारण ऑप्शन बदलने का ऑप्शन नहीं मिलेगा। आपके लिए जरूरी है कि आप सोच-समझकर प्रश्नों को सॉल्व करें। आरबीआई एग्जाम इतना भी टफ नहीं होता कि स्टूडेंट इसे सॉल्व न कर सके, असली चैलेंज निर्धारित समय-सीमा के अंदर सभी क्वैश्चंस को सही सॉल्व करने की है। इस एग्जाम में टाइम मैनेजमेंट से ही सक्सेस मिल सकती है।
जनरल अवेयरनेस है टफ
परवीन कहते हैं कि बैंक के अन्य एग्जाम्स की तुलना में जनरल अवेयरनेस के क्वैश्चंस काफी डिफरेंट और टफ होते हैं। इसमें आरबीआई और बैंकिंग से जुडे क्वैश्चंस काफी संख्या में होते हैं, लेकिन एग्जाम में यही ऐसा सेक्शन है, जिसमें कम मेहनत से बेहतर स्कोर लाया जा सकता है। इकोनॉमिक्स एंड सोशल इशूज के अंतर्गत ग्रोथ एंड डेवलपमेंट, नेशनल इनकम एंड पर कैपिटल इनकम, एंप्लॉयमेंट जेनरेशन ऑफ इंडिया, इकोनॉमिक रिफॉर्म इन इंडिया, फाइनेंस एंड मैनेजमेंट के अंतर्गत यूनियन बजट, डीटी एंड आईडीटी, मनी मार्केट एंड फॉरेन एक्सचेंज मार्केट, स्टॉक एक्सचेंज, सेबी आदि पर अधिक फोकस करें। अगर आप एक इकोनॉमी पेपर के साथ ही इकोनॉमी से रिलेटेड न्यूज और कुछ सालों में बैंक में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस की डीप स्टडी करते हैं, तो बेहतर मा‌र्क्स ला सकते हैं।
प्रैक्टिस से बनेगी बात
मैथ्स और रीजनिंग के सभी क्वैश्चंस कॉन्सेप्ट बेस्ड होते हैं। इस तरह के क्वैश्चंस को आप तभी सॉल्व कर सकते हैं, जब आपके बेसिक स्ट्रॉन्ग होंगे। इसके लिए प्रैक्टिस अहम है। जरूरी है कि आप रीजनिंग और मैथ्स के क्वैश्चंस को रेगुलर सॉल्व करने की कोशिश करें। अंग्रेजी में एसे, पे्रसिस राइटिंग, कॉम्प्रिहेंशन, कॉमन एरर, क्लोज टेस्ट पर फोकस करें। परवीन कहते हैं कि अंग्रेजी के क्वैश्चंस को सॉल्व करने से पहले कुछ सेक्शन बांट लें और उसे पहले सॉल्व करें। इंग्लिश में क्लोज टेस्ट और कॉमन एरर में अपेक्षाकृत कम समय लगता है। आप चाहें तो इसे सबसे पहले सॉल्व कर सकते हैं। जरूरी नहीं कि आप इसी आइडिया को एग्जाम में फॉलो करें। आप अपनी सुविधा और एबिलिटी के अनुसार क्वैश्चंस को सॉल्व करने की स्ट्रेटेजी बना सकते हैं।
सिक्योर करें क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स
इस परीक्षा में सभी सब्जेक्ट्स में अलग-अलग क्वॉलिफाइंग मा‌र्क्स लाना जरूरी है। आप सबसे पहले सभी सेक्शन में मिनिमम क्वालिफाइंग मा‌र्क्स का चक्रव्यूह तोडें। यह तभी संभव हो सकेगा, जब सभी सेक्शन्स को बराबर समय देंगे। आप सभी सेक्शन के लिए कितना समय देंगे, इसे पहले ही निर्धारित कर लें।

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