Sunday 9 February 2014

हंसा के फंसाएगी परिणीति चोपड़ा

2009 में जब परिणीति चोपड़ा ने ‘यशराज फिल्म्स’ में मार्केटिंग और पीआर कंसल्टेंट के रूप में काम करना शुरू किया था तो सपने में भी नहीं सोचा होगा कि एक दिन ‘यशराज फिल्म्स’ उन्हें अपने ही बैनर की फिल्म में अभिनय करने का मौका देगा।
इशकजादे में परिणीति ने यह साबित कि
या कि वह जबरदस्त एक्टिंग कर सकती हैं। इस सप्ताह रिलीज हुई फिल्म ‘हंसी तो फंसी’ में वह एक वैज्ञानिक मीता के किरदार में नजर आ रही हैं। हंसमुख और मस्त परिणीति से एक दिलचस्प बातचीत अब तक के करियर को किस तरह से देखती हैं?
मुझे लगता है कि मेरा करियर बहुत सही जा रहा है। मेरा प्रयास यही रहता है कि लोग मुझ से बोर न होने पाएं। अब तक किसी भी फिल्म में मुझे अनदेखा नहीं किया गया। मुझे उम्मीद है कि इसी तरह भविष्य में भी हर फिल्म में मेरे काम को पसंद किया जाता रहेगा। पर आपकी पिछली फिल्म ‘शुद्ध देसी रोमांस’ को उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली थी?
किसने कहा? फिल्म हिट रही और अब तो मैं ‘हंसी तो फंसी’ से हैट्रिक लगाने वाली हूं। ‘हंसी तो फंसी’ को लेकर तो आप काफी उत्साहित हैं?
इसकी इकलौती वजह यह है कि मैंने ‘हंसी तो फंसी’ में भी बहुत ही अलग तरह का किरदार निभाया है। कुछ लोग उसे थोड़ा-सा पागल भी समझ लेते हैं। मजेदार बात यह है कि निजी जिंदगी में मैं मीता जैसी नहीं हूं। सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ आपकी कैमिस्ट्री कैसी रही?
सेट पर पहुंचने से पहले मेरे मन में शक था कि इसके साथ मेरी जमेगी या नहीं? लेकिन सिद्धार्थ तो सुलझा हुआ, ठंडे दिमाग का प्रतिभाशाली कलाकार है। बाद में हम काफी अच्छे दोस्त बन गए। पर आप हर फिल्म में एक जैसी टोन में बोलते हुए नजर आती हैं।
क्योंकि अब तक मैंने हर फिल्म में उत्तर भारतीय चरित्र ही निभाए हैं। ‘लेडीज वर्सेज रिक्की बहल’ में पंजाबी लडम्की, ‘इशकजादे’ में लखनऊ की आक्रामक लड़की और ‘शुद्ध देसी रोमांस’ में जयपुर की सेंसिबल लड़की बनी थी। इसी तरह मैं आगे भी विविधतापूर्ण चरित्र निभाती रहूंगी। आपको नहीं लगता कि फिल्म लाइन में असुरक्षा की भावना बहुत ज्यादा होती है?
आपकी बात सही है, मगर सबसे बड़ा सच यह है कि हम कलाकारों का करियर हमारे हाथ में नहीं, बल्कि दर्शकों के हाथ में होता है। अगर दर्शक हमारी परफॉर्मेस को पसंद करते हैं, तभी हमारा करियर आगे बढ़ता है। तभी मैंने कहा कि मेरा प्रयास रहता है कि दर्शक मुझ से बोर न होने पाएं। जब लोग आपकी तुलना बहन प्रियंका चोपड़ा के साथ करते हैं तो कैसा लगता है?
प्रियंका चोपड़ा के साथ मेरी तुलना नहीं की जानी चाहिए। मैं तो उनकी बहुत बड़ी प्रशंसक हूं। मैं यह बात बहन होने के नाते नहीं, बल्कि एक कलाकार की हैसियत से कह रही हूं। एक कलाकार के तौर पर मैं बहुत स्वार्थी हूं और अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहती हूं। आपके अभिनय की तुलना रानी मुखर्जी और काजोल के साथ की जाती है।
यह बात मुझे गर्व का अहसास कराती है, क्योंकि ये दोनों ऐसी कलाकार हैं, जिनके बारे में हर निर्देशक की राय रही है कि वे दोनों किसी भी चरित्र को बखूबी निभा सकती हैं। मैं भी रानी मुखर्जी, काजोल, दीपिका पादुकोण और अपनी बहन प्रियंका चोपड़ा की तरह एक सफल कमर्शियल एक्ट्रेस बनना चाहती हूं। चर्चा है कि आप डाइटिंग करने लगी हैं?
जी हां! मुझे अपना वजन कम करना है। पिज्जा मेरी सबसे बड़ी कमजोरी है। मैंने डाइटिंग किसी फिल्म के किरदार के लिए शुरू नहीं की है, बल्कि मोटापे पर लोगों की बातें सुनते-सुनते थक गयी थी। मैं स्लीवलेस शर्ट, शॉर्ट ड्रेस, स्कर्ट पहनना चाहती हूं। आपने अक्षय की ‘गब्बर’ क्यों छोड़ी?
मुझे किरदार पसंद नहीं आता तो मैं काम नहीं कर सकती। ‘गब्बर’ में एक कलाकार के तौर पर मेरे पास करने के लिए कुछ था ही नहीं। मैं अक्षय कुमार के साथ भविष्य में जरूर काम करना चाहूंगी, बशर्ते अच्छा किरदार हो, अच्छी स्क्रिप्ट हो।

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