Friday 25 April 2014

दिल्ली के खिलाफ हैदराबाद को जीत की जरूरत

दुबई
लगातार दो हार से निराशाजनक अभियान शुरू करने वाली सनराइजर्स हैदराबाद कल यहां आईपीएल के मुकाबले में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ वापसी को बेताब होगी। हालांकि विपक्षी टीम केविन पीटरसन की वापसी से मजबूत होगी। हैदराबाद की टीम अपने शुरुआती सत्र में प्ले ऑफ तक पहुंची थी लेकिन इस साल उनका अभियान निराशाजनक रहा है।

पहले मैच में उन्हें राजस्थान रॉयल्स से चार विकेट से पराजय मिली और फिर ग्लेन मैक्सवेल की शानदार पारी से किंग्स इलेवन पंजाब ने उसे 72 रन से शिकस्त दे दी। टीम इससे तालिका में निचले स्थान पर बनी हुई है। वहीं दूसरी ओर दिल्ली का प्रदर्शन उतार-चढ़ाव भरा रहा है।

दिल्ली ने अपने अभियान की शुरुआत रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हाथों आ
ठ विकेट की हार से की। फिर उसने कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ अगले मैच में वापसी की। लेकिन पिछले मैच में चेन्नै से उसे 93 रन की शर्मनाक हार मिली। ऐसा लग रहा था कि दिल्ली का अभियान पीटरसन की अनुपस्थिति से प्रभावित हुआ, जो अंगुली में चोट के कारण अभी तक तीनों मैचों में नहीं खेल पाए हैं।

अब इंग्लैंड के पूर्व कप्तान के दिल्ली की अगुवाई करने की उम्मीद है जिससे उनकी बल्लेबाजी को भी मजबूती मिलेगी। हैदराबाद की टीम भी बल्लेबाजी की परेशानी से जूझ रही है। उनके शुरुआती मैच में शिखर धवन की अगुवाई में टीम राजस्थान के खिलाफ बडा स्कोर नहीं खड़ा कर सकी। दूसरे मैच में उन्हें किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा।

कप्तान धवन ने भी पंजाब के खिलाफ मैच के बाद टीम की बल्लेबाजी में असफलता और क्षेत्ररक्षण संबंधित चिंताओं के बारे में बात की। अगर उन्हें कल दुबई अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में दिल्ली को पस्त करना है तो उन्हें इन मुद्दों से निपटना होगा। आंकड़ों के हिसाब से हैदराबाद में आरोन फिंच और डेविड वॉर्नर जैसे कुछ आक्रामक बल्लेबाज मौजूद हैं लेकिन दोनों ने अपने नाम के मुताबिक प्रदर्शन नहीं किया है।

खुद धवन अभी तक सिर्फ 38 और एक रन ही बना पाए हैं। मध्यक्रम भी असफल रहा है जिसमें लोकेश राहुल और वाई वेणुगोपाल राव बोर्ड में रन जोड़ने में जूझते रहे। उनके गेंदबाजों ने राजस्थान के खिलाफ ठीक-ठाक प्रदर्शन किया लेकिन मैक्सवेल 'वेव' के सामने वे नहीं टिक सके। उनका क्षेत्ररक्षण भी पंजाब के खिलाफ अच्छा नहीं था। तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार और डेल स्टेन अभी तक ठीक रहे हैं।

भुवनेश्वर ने दो मैचों में चार विकेट हासिल किए हैं। अमित मिश्रा ने प्रत्येक मैच में दो-दो विकेट लिए। हालांकि अंतिम मैच में मैक्सवेल ने उन्हें भी धो दिया। कल के मैच में काफी कुछ इस लेग स्पिनर पर निर्भर होगा। दिल्ली के लिये मोहम्मद शमी उनके तेज गेंदबाजी आक्रमण की अगुवाई करेंगे जबकि जयदेव उनादकट ने अभी तक दो मैचों में चार विकेट चटकाकर अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन उन्हें ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज नाथन कोल्टर नाइल की कमी खलेगी, जो मांसपेशियों के खिंचाव के कारण नहीं खेलेंगे।

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