Saturday 26 April 2014

जयललिता जयराम

भारतीय राजनीति में जयललिता एक ऐसा नाम है जिनपर तमिलनाडु की जनता जान छिड़कती है। राजनीति में आने से पहले जयललिता फिल्म जगत की जानी मानी हती थीं। जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को मांडया जिले के पांडवपुरा तालुक, जो अब कर्नाटक में है, में हुआ था। इनके पूर्वज मैसूर राजघराने के सर्जन थे। स्राज परिवार से अपना संबंध दर्शाने के लिए इनका परिवार अपने नाम के आगे जय शब्द का प्रयोग करने लगा इसीलिए इनका नाम जयराम जयाललिता पड़ा। वैसे इनको इनकी माता कोमलावल्ली कहकर पुकारती थी।

चुनावी सर्वेक्षण बता रहे हैं कि इस बार के आम चुनाव में जयललिता की पार्टी एआईएडीएमके राज्य की 39 लोकसभा सीटों में से अधिकांश सीटों पर कब्जा जमा सकती हैं। हिंदी, अंग्रेजी,तमिल,तेलगु,कन्नीड़ सहित छह भाषाओं को जानने वाली जयाललिता इस बार पीएम की दौड़ में भी काफी बड़ा नाम है।

जीवन के अहम पड़ाव: साल 1982- जयललिता ने एआईएडीएमके की सदस्यता ग्रहण की और वो राजनीति में आईं। जयललिता के राजनीति में आने की अहम वजह तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन यानी एमजीआर को माना जाता है। साल 1983- इस साल जयललिता की नियुक्ति एआईएडीएमके के प्रचार सचिव के रूप में हुई। साल 1984- जयललिता राज्य सभा की सदस्य बनीं। जब बीमार होने पर पार्टी के संस्थापक एमजीआर देश से बाहर चले गए, उस स्थिति में जयललिता ने पार्टी में उनका स्थान ले लिया। साल 1987- साल 1987 में एमजीआर की मौत के बाद एआईएडीएमके दो धड़ों में बंट गई। साल 1989- पार्टी महासचिव होने के नाते साल 1989 में जयललिता तमिलनाडु के निर्वाचन क्षेत्र बोदिनायकनूर से राज्य विधानसभा चुनावों के लिए खड़ी हुईं। जयललिता चुनाव जीतीं और राज्य विधानसभा की पहली नेता विपक्ष बनीं।

साल 1991- राजीव गांधी की हत्या के बाद पूरे भारत में कांग्रेस गठबंधन सरकार ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया। जयललिता ने भी भारी अंतर के साथ जीत दर्ज की। इन चुनावों के बाद वह राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। तमिलनाडु की अब तक की सबसे कम उम्र और दूसरी महिला मुख्यमंत्री बनने का खिताब भी जयललिता के ही नाम है। साल 2011- जयललिता चौथी बार राज्य की मुख्यमंत्री बनीं। उनका चौथा कार्यकाल 16 मई, 2011 से शुरू हुआ है।

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