Saturday 26 April 2014

राहुल गांधी

देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल इंडियन नेशनल कांग्रेस (आई) के नए कर्णधार के तौर पर देखे जाने वाले राहुल गांधी युवाओं में अपने मासूम से दिखने वाले चेहरे मोहरे की वजह से खासे लोकप्रिय हो रहे हैं। पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के पुत्र और इन्दिरा गांधी के पौत्र के राहुल का जन्म 19 जून, 1970 को दिल्ली में हुआ था। राहुल ने अपनी माता सोनिया गांधी की छत्र-छाया में रहकर राजनीति की शिक्षा-दीक्षा ली है। राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलम्बस स्कूल और बाद में देहरादून के प्रसिद्ध दून स्कूल में हुई थी।

इन्दिरा गांधी की हत्या के पश्चात जब 1984 में दंगे हुए तो ऐसे हालातों में सुरक्षा के मद्देनजर कुछ समय के लिए राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका की शिक्षा का सारा इंतजाम घर पर ही किया गया। वर्ष 1989 में राहुल गांधी ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रसिद्ध सेंट स्टीफन कॉलेज में दाखिला लिया लेकिन प्रथम वर्ष की परीक्षा देने के बाद वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी चले गए लेकिन वह यहां भी ज्यादा समय तक पढ़ नहीं पाए। 1991 में राजीव गांधी की हत्या के पश्चात सुरक्षा कारणों की वजह से राहुल गांधी फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के रोलिंस कॉलेज चले गए। स्नातक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वह लंदन में ही एक प्रशासनिक फर्म के साथ जुड़ गए। राहुल गांधी ने ट्रिनिटी कॉलेज, कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से विकास अध्ययन के क्षेत्र में एम.फिल की उपाधि प्राप्त की है।

स्वतंत्र भारतीय राजनीति के जनक माने जाने वाले गांधी-नेहरू परिवार से संबंधित होने के कारण राहुल गांधी का सारा जीवन राजनीति के दांव-पेचों को देखते हुए ही बीता है। जिसके परिणामस्वरूप राहुल गांधी का राजनैतिक व्यक्तित्व बहुत अधिक परिष्कृत हो गया है। युवा नेता होने के कारण राहुल गांधी खुले विचारों और प्रगतिशील मानसिकता वाले व्यक्ति हैं। वह एक समझदार और जुझारू नेता हैं।

वर्ष 2003 में जब राहुल चौदह वर्ष बाद पाकिस्तान में हुए भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच देखने गए, तब यह कयास लगने शुरू हो गए कि निःसंदेह राहुल गांधी राजनीति में कदम रखने वाले हैं लेकिन राहुल गांधी ने इस बात की कोई पुष्टि नहीं की वर्ष 2004 में जब प्रियंका और राहुल अपने पिता के पूर्व और माता के तत्कालीन निर्वाचन क्षेत्र अमेठी के दौरे पर गए तो यह अफवाहें और बढ़ गईं कि दोनों भाई-बहन राजनीति में प्रदार्पण करने वाले हैं लेकिन इस समय भी ना तो राहुल ने इस पर प्रतिक्रिया दी और ना ही कांग्रेस के किसी अन्य बड़े सदस्य ने लेकिन 2004 में ही राहुल गांधी ने यह घोषणा कर दी कि वह मई 2004 के चुनावों में पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से ही चुनाव लड़ेंगे। इस समय कांग्रेस की स्थिति उत्तर-प्रदेश में अच्छी नहीं थी।

80 सीटों में से कुल 10 सीटें ही कांग्रेस के पास थीं। राहुल का यह कदम निःसंदेह कांग्रेस विरोधियों और उन लोगों के लिए हैरान करने वाला था जो यह अनुमान लगाए बैठे थे कि प्रियंका गांधी के राजनीति में आने की संभावना बहुत अधिक है बजाए राहुल गांधी के। मई 2004 के चुनावों में जीतकर राहुल गांधी चौदहवीं लोकसभा के सदस्य बने। राहुल गांधी को पार्टी सचिवालय के एक फेरबदल में 24 सितंबर, 2007 को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का सामान्य सचिव नियुक्त किया गया साथ ही भारतीय युवा कांग्रेस और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के प्रभारी पद का भी भार सौंपा गया। वर्ष 2009 में हुए चुनावों में राहुल गांधी पुन: अमेठी सीट पर जीत गए। फिलहाल वह कांग्रेस के उपाध्य क्ष हैं और कांग्रेस के अघोषित प्रधानमंत्री पद के उम्मीमदवार हैं।

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