Sunday 29 September 2013

आप को अभी तक चंदे में मिले 12 करोड़ रुपये

Image Loading अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा किया है कि उसे एक भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन को लाने और अगला दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए रिक्शा चलाने वालों, कारोबारियों और अप्रवासी भारतीयों की ओर से दस रुपये से लेकर लाखों रुपये तक का चंदा मिला है।
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि उसे समाज के विभिन्न तबकों से 12 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिल चुका है और इनमें बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्होंने जिंदगी में पहली बार किसी राजनीतिक दल को चंदा दिया है। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 20 करोड़ रुपये जुटाने का दावा करने वाली आप को भारत में लोगों से 6.20 करोड़ रुपये और बाकी रकम अमेरिका, हांगकांग, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, स्विट्जरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यहां तक कि सउदी अरब जैसे देशों में बसे अप्रवासी भारतीयों से चंदे के रूप में मिली है। आप के एक कार्यकर्ता ने कहा कि हमें अपने सभी स्रोतों से प्रतिदिन करीब दस लाख रुपया मिल रहा है और जल्द ही हमें 20 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल होने की उम्मीद है। चुनाव से पहले हमारे पास अभी समय है। इसके अलावा हमारा घर घर जाकर चंदा एकत्र करने का कार्यक्रम काफी सफल रहा है। इससे हमें लोगों के साथ संपर्क बनाने का भी मौका मिल रहा है। आप नेता ने बताया कि बाकी धन रेडियो, एसएमएस और इंटरेक्टिव वायस रिस्पोंस (आईवीआर) सिस्टम के जरिए विज्ञापनों पर खर्च किया जाएगा। केजरीवाल ने बताया कि हम प्रकाशित विज्ञापनों के खिलाफ हैं और जब आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी, तब हमें केवल पेड होर्डिंग के जरिए ही विज्ञापन करना होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि इस सब पर कुल करीब 10 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पार्टी ने एक निर्वाचन क्षेत्र को गोद लेने का अनोखा विचार शुरू किया है जिसके तहत लोगों को एक निर्वाचन क्षेत्र का खर्चा उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। नकद चंदे और चेक के अलावा पार्टी ने एक क्रेडिट कार्ड स्वाइपिंग मशीन भी खरीदी है जिससे दानदाताओं को क्रेडिट कार्ड के जरिए दान करने की सुविधा है। हाल ही में राज्यसभा सदस्य और कारोबारी राजीव चंद्रशेखर ने आम आदमी पार्टी को पांच लाख रुपये का चंदा दिया था और कहा था, जो लोग प्रशासन के असली मुद्दों तथा लोगों की सेवा की राजनीति की चिंता करते हैं, उनके लिए दिल्ली चुनाव में आप का प्रदर्शन महत्वपूर्ण है। अब हालात पर मूक दर्शक बनकर या चुप्पी साध कर बैठे रहना ठीक नहीं है। फैसला लीजिए। केजरीवाल ने कहा कि कई ऐसे उदाहरण हैं जब लोगों ने, मौके पर उनकी जेब में जो कुछ था, वह दान दे दिया। उन्होंने सवाल किया कि कांग्रेस और भाजपा भारी चंदा हासिल करती हैं। क्या वे दानदाताओं की सूची प्रकाशित कर सकती हैं इससे भी अधिक महत्वपूर्ण है कि यदि वे अपने आंतरिक फंड के बारे में साफ-सुथरी सामने नहीं आ सकती तो उनसे कैसे उम्मीद की जा सकती है कि वे भ्रष्टाचार को खत्म करेंगी।

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