Monday 23 September 2013

आज का नेता जो ऑटो से चलता है


आज का नेता जो ऑटो से चलता है!

बेंगलूरू। जहां एक ओर नेता हर जगह अपनी पॉवर का इस्तेमाल करते हुए,विलासिता की जिंदगी जीते हुए और बड़ी-बड़ी लग्जरी कारों से चलते हुए दिखाई देते हैं वहीं कर्नाटक के कडू
र विधायक वाईएसवी दत्ता कहीं भी जाने के लिए ऑटो का इस्तेमाल करते हैं। क्योंकि उनके पास अपना चौपहिया तो दूर निजी दुपहिया वाहन तक नहीं है। पेशे से प्राइवेट टीचर दत्ता जनता दल सेक्यूलर से ताल्लुक रखते हैं।


क्यों करते हैं ऑटो का इस्तेमाल


वाईएसवी का कहना है, मेरे पास कोई अपना साधन नहीं है। इसलिए मैं ऑटो का इस्तेमाल अपनी यात्रा के लिए करता हूं। मुझसे कई लोग इस बारे में बात करते हैं। स्थानीय मीडिया भी कई बार इस बारे में पूछता है लेकिन मैं दूर रहता हूं। कहीं लोग यह नहीं समझ ले कि मीडिया में बने रहने के लिए ऎसा करता हूं। ये सब अपनी प्रसिद्धी के लिए नहीं कर रहा हूं।


बैंक अकाउंट तक नहीं!

जहां देश के नेता भ्रष्ट होते जा रहे हैं और करोड़ों रूपयों के घोटला कर रहे हैं, वहीं वाईएसवी दत्ता का अपना कोई बैंक अकाउंट नहीं था। इलेक्शन के दौरान अपनी संपत्ति की घोषणा की वक्त इन्होंने बताया था कि इनके पास इनका अपना कोई बैंक अकाउंट नहीं है। पारिवारिक सम्पत्ति के नाम पर पांच एकड़ जमीन है जिस पर 160 नारियल के पेड़ उगे हैं। दत्ता के पास अपने दो घर जो एक इनके नाम से है और दूसरा इनकी पत्नी के नाम से।


पत्नी निर्मला ने अपना यह घर 2001 में अपनी बचत से खरीदा था। इसके अलावा इनके पास 25 हजार रूपये केश और पत्नी के पास 30 हजार रूपये नकद हैं। 1 लाख 20 हजार रूपये की दो एलआईसी पॉलिसी हैं। अपनी बेटी के नाम से दो लाख रूपये के किसान विकास पत्र खरीदे हैं। साथ ही बेटी की 2.5 लाख रूपये की पॉलिसी और 1 लाख रूपये डिपोजिट हैं। ना ही परिवार के सदस्य के पास कोई साधन और बैंक लोन है।


2013 चुनाव में आठ विरोधियों को हराया


2001 से 2007 तक विधानपरिषद के सदस्य रह चुके वाईएसवी दत्ता ने 2013 के विधानसभा चुनाव में 42433 वोटों से विजय पाई थी। इनके नजदीकी प्रतिद्वंदी को केवल 26,300 वोट ही मिल पाये थे। वाईएसवी ने अपनी जीत को जनता की जीत बताया था। चुनाव के परिणाम घोषित होते ही इन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि मेरी जीत यह दिखाती है कि यह जीत पैसे, बाहुबल और कास्ट फेक्टर से नहीं बल्कि जनता के सपोर्ट की वजह से हुई है। इस चुनाव में इन्होंने आठ लोगों को हराकर जीत हासिल की थी। इन्होंंने वर्ष 2008 में भी विधानसभा चुनवा लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं कर पाए।

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