Wednesday 25 September 2013

कोर्ट के फैसले के मुताबिक सांसदों पर अध्यादेश: सिब्बल

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केंद्रीय विधि मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा कि सांसदों के दोषी ठहराए जाने पर उन्हें अयोग्य घोषित करने के मामले में लाया गया अध्यादेश उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक है। अध्यादेश को कैबिनेट ने कल मंजूरी दी थी।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं करने का भाजपा नेता सुषमा स्वराज द्वारा अनुरोध किए जाने पर सिब्बल ने कहा कि यदि भाजपा नहीं समझती है तो मैं क्या कह सकता हूं। सुषमा जी एक वकील हैं और यदि उन्होंने इसे पढ़ा है तो उन्हें पता होगा कि इसका चुनाव से कोई संबंध नहीं है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय परिसर में न्यू बार काम्पलेक्स एक्सटेंशन का उद्घाटन करने के बाद यहां एक कार्यक्रम से इतर सिब्बल मीडियाकर्मियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने अध्यादेश में जो कुछ किया है, वह उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक है। दरअसल, उनसे एक संवाददाता ने पूछा था कि क्या अध्यादेश से न्यायपालिका के साथ तकरार होगी। सिब्बल ने कहा कि अभी के कानून के मुताबिक कोई सांसद या यदि वह सांसद नहीं भी है तो, क्या उसे जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 81, 82, 83 तहत दोषी ठहराते हुए दो साल से अधिक की सजा दी जाती है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है और अध्यादेश यह नहीं कहता कि वह चुनाव लड़ सकता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को धारा 81, 82, 83 के तहत दो साल से अधिक की सजा दी जाती है तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता है। जहां तक मौजूदा सांसदों की बात है यदि उन्हें दोषी ठहराया जाता है और दो साल या इससे अधिक सजा दी जाती है तो उच्चतम न्यायालय के फैसले के मुताबिक यदि अदालत इस सजा पर रोक लगा देती है तो उसकी अयोग्यता खत्म हो जाएगी।

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