Sunday 29 September 2013

MOVIE REVIEW : फटा पोस्टर निकला हीरो

फटा पोस्टर निकला हीरो कहानी है विश्वास (शाहिद कपूर) की। विश्वास छोटे शहर में बड़ा हुआ है और उसके सपने बड़े हैं। विश्वास हीरो बनना चाहता है, लेकिन उसकी मां सावित्री (पद्मिनी कोल्हापुरे) चाहती है कि उसका बेटा पुलिस ऑफिसर बने। विश्वास को पुलिस फोर्स में भर्ती होने के लिए मुंबई जाना पड़ता है। वह खुश हो जाता है कि इंटरव्यू की आड़ में वह हीरो बनने का सपना भी पूरा कर लेगा। फिल्मों के लिए कहानी लिखने वाले एक स्ट्रगलर जोगी (संजय मिश्र) की मदद से विश्वास को एक फिल्म में छोटा-सा रोल भी मिल जाता है।

इसके पहले कि विश्वास का सपना पूरा हो, काजल (इलियाना डी’क्रूज) उसकी जिंदगी में आ जाती है। काजल के कारण विश्वास का सपना तो पूरा नहीं हो पाता, लेकिन वह अपने आपको ऐसे गैंगस्टर के गैंग में पाता है, जो मुंबई को बरबाद कर देना चाहता है। अनचाहे ही विश्वास राव  को लोग पुलिस इंस्पेक्टर समझना शुरू कर देते हैं। विश्वास किसी भी तरह से हीरो बनना चाहता है और इसके लिए उसे मजबूरी में कई झूठ भी बोलने पड़ते हैं। और इसी के चलते फिल्म कॉमेडी से सीरियस मोड में चली जाती है। कई हिस्सों में फिल्म में बेवजह ज्यादा नाटकीयता भरी गयी है। फिल्म में कई ऐसे सीन हैं, जो अस्सी के दशक की फिल्मों में अकसर देखने को मिलते थे, जैसे कि बच्चाे के बचपन में ही बाप का गुम हो जाना और अचानक उसकी जवानी में बहुत बड़ा डॉन बनकर वापस आ जाना।

‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ फिल्म को लेकर शाहिद को अपने करियर में सहारा मिलने की आस है, जिसके लिए उन्होंने जी-तोड़ मेहनत भी की है और उनकी एक्टिंग और कॉमेडी ही है, जो फिल्म के इंटरवल से पहले आपको हंसाएगी। शाहिद ने अपने रोल के साथ पूरी मेहनत की है, जो पर्दे पर यकीनन आपको दिखायी देगी। मां के नाम पर बदतमीजी से  कॉमेडी से अचानक सीरियस रोल में घुसना आपको तालियां बजाने पर मजबूर कर सकता है।

वहीं ‘बर्फी’ के बाद दूसरी फिल्म कर रहीं इलियाना डी’क्रूज एक्टिंग  के स्तर पर कोई खास प्रभाव नहीं डाल पायी हैं। अगर आपने ‘बर्फी’ देखी है तो इलियाना से कुछ उम्मीदें भी हो सकती हैं, लेकिन कॉमेडी रोल में इलियाना इस फिल्म में कहीं से भी फिट नहीं बैठी हैं। वैसे  तो उनके लिए फिल्म में कुछ करने को नहीं था, लेकिन जहां चांस मिला भी, वहां वह ओवर एक्टिंग करती दिखायी दे रही हैं। फिल्म के एकाध गानों में इलियाना को बतौर ग्लैमर गर्ल देखकर हो सकता है उनके दीवानों को थोड़ा अच्छा लगे। वैसे फिल्म में आइटम नंबर करने वाली नरगिस फाखरी का डांस आपके लिए रिफ्रेशमेंट का काम करेगा, तो वहीं फिल्म में गेस्ट भूमिका में सलमान खान का आना भी रोचक है।

काफी वक्त बाद बड़े पर्दे पर नजर आ रहीं पद्मिनी कोल्हापुरे मां का किरदार निभाने में कड़ी मशक्कत करती नजर आती हैं। फिर भी कहीं-कहीं फिल्म के कॉमेडी सीन में उनकी डायलॉग डिलीवरी हंसाती है। गीत-संगीत के मामले में भी फिल्म का  एक गाना ‘तू मेरे अगल-बगल है..’ आपको हॉल से निकलने के बाद भी याद रहेगा। इस गाने में शाहिद ने‘डांस इंडिया डांस’ के कई बेहतरीन डांसरों को भी पीछे छोड़ दिया है। फिल्म से शाहिद को उम्मीदें है, तो यह फिल्म उनके चाहने वालों को भी निराश नहीं करेगी, लेकिन अगर फुल टाइम एंज्वाय करने का मन है तो ये फिल्म आपको निराश कर सकती है।

निर्देशक राजकुमार संतोषी जो ‘अंदाज अपना-अपना’ और ‘अजब प्रेम की गजब कहानी’ जैसी बेहतरीन कॉमेडी फिल्में दर्शकों के सामने ला चुके हैं, वो इस फिल्म के इंटरवल के बाद शायद भूल गए कि वो कॉमेडी फिल्म बना रहे हैं और रह-रहकर अनायास बीच-बीच में कॉमेडी का तड़का लगाने की असफल कोशिश की है। महज राजकुमार संतोषी के नाम पर फिल्म देखने वालों को ये उनके औसत से कम दर्जे
की लगेगी।

यूं तो फिल्म के आखिर में शाहिद यह कह कर  कि ‘मैंने इस फिल्म में सब कुछ कर लिया, सच्च बेटा बन गया, बाप से फाइटिंग कर ली, रोमांस कर लिया, गैंग को पकड़वा दिया, तो अब मैं पोस्टर हीरो नहीं बनना चाहता, क्योंकि अब मैं रीयल लाइफ हीरो बन गया हूं’ फिल्म को बैलेंस बताने कि कोशिश करते नजर आते हैं। कॉमेडी जगत के मशहूर सितारे संजय मिश्र ने छोटे रोल में भी अच्छी कॉमेडी और एक्टिंग की है।
अगर आप टाइम पास मूवी देखना चाहते हैं तो ‘फटा पोस्टर निकला हीरो’ देखने जा सकते हैं, नहीं तो बाहर आकर यही कहेंगे कि खोदा पहाड़ और निकली..


सितारे : शाहिद कपूर, इलियाना डी’क्रूज, पद्मिनी कोल्हापुरे, दर्शन जरीवाला, नरगिस फाखरी (आइटम नंबर), निर्देशक : राजकुमार संतोषी, निर्माता : रमेश एस. तौरानी, संगीत : प्रीतम चक्रवर्ती

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