Sunday 15 September 2013

समस्या सरहद पर नहीं बल्कि दिल्ली में है: नरेंद्र मोदी

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भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने कहा कि सेना वास्तव में धर्मनिरपेक्षता का सच्चा प्रतीक है। मोदी ने कहा कि देश आज कई तरह की समस्याओं से जूझ रहा है। सेना के जवानों का सीमा पर कत्लेआम हो रहा है। वास्तव में समस्या सरहद पर नहीं बल्कि दिल्ली में है।
उन्होंने कहा कि अगर वाजपेयी की सरकार 2004 में बन गई होती, तो सेना में वन रैंक वन पेंशन प्रणाली लागू हो गई होती। उन्होंने इस प्रणाली के प्रति वर्तमान केंद्र की सरकार से भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कहा।

मोदी ने सैन्य साजो-सामान की खरीद में भ्रष्टाचार के मामले को भी उठाया और कहा कि कुछ लोग सैनिकों की समस्या के समाधान निकाले बिना इनकी खरीद में रिश्वत लेने-देने का काम करते हैं। इसे रोका जाना चाहिए।

हरियाणा के रेवाड़ी में पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह शहादत की साधना करने वाले इन वीरों को नमन करते हैं। मोदी ने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री पद की घोषणा के समय उतनी खुशी नहीं हुई, जितना कि इतनी संख्या में लोगों को यहां देखकर हुई है।

मोदी ने कहा कि सेना के जवान वास्तव में देवदूत हैं। वह आपदा के समय पीड़ित लोगों के लिए देवदूत बनकर आते हैं और उन्हें संकट से निकालते हैं।

मोदी ने कहा कि उन्हें हरियाणा में काम करने के काफी अवसर मिले। उन्होंने कहा कि उन्हें हरियाणा के एक एक गांव और गलियों से वह वाकिफ हैं। इस धरती ने आज दिल्ली की गद्दी को ललकारा है। कुरुक्षेत्र की धरती से गीता के संदेश दुनिया के लिए प्रेरणा के स्रोत रहे हैं।

उन्होंने कहा कि हरियाणा में उन्होंने कई सारी जन सभाओं में हिस्सा लिया है, लेकिन इतनी बड़ी जनसभा को वह पहली बार देख और संबोधित कर रहे हैं।

रैली में पूर्व थल सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह ने भी अपनी बातें रखीं। इस रैली में बड़ी संख्या में सेना के पूर्व अधिकारी और सैनिक भाग ले रहे हैं।

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