Thursday 19 September 2013

खाते-पीते पौधे

Image Loadingजब पौधों को जमीन से पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन नहीं मिलता तो वे नॉनवेज खाना शुरू कर देते हैं। सुनकर अजीब सा लग रहा है ना? पर ये सच है। दुनिया भर में इस तरह की करीब 600 पौधों की प्रजातियां पाई जाती हैं। ये पौधे कार्निवोरस यानी कीटभक्षी कहलाते हैं। कीटों को खाकर ये पोषक तत्वों की कमी को पूरा करते हैं। चलो, आज इन्हीं के बारे में जानते हैं आरती मिश्रा से
वीनस फ्लाईट्रैप
यह पौधा अमेरिका में पाया जाता है। यह कीटों को खा जाता है। इस पौधे को देखोगे तो लगेगा जैसे दो फ्लैप लगे हैं। ये फ्लैप खुले होते हैं। इन फ्लैप्स पर बाल होते हैं। जैसे ही कीट इस पौधे के पास आता है तो बाल उसे खींचकर फ्लैप के अंदर डाल देते हैं और फिर फ्लैप बंद हो जाते हैं। जब कीड़ा पूरा खा लिया जाता है, तब पौधे के फ्लैप फिर से खुल जाते हैं। इस पौधे के सेंसर इतने तेज होते हैं कि अगर किसी पेंसिल की नोक या अन्य चीज से तुम फ्लैप को छुओगे तो भी फ्लैप बंद नहीं होंगे, पर हां, एक कीट के स्पर्श करते ही ये बंद हो जाते हैं।

नेपेनथीस
नेपेनथीस को एशियन पिचर प्लांट्स भी कहा जाता है। ये समुद्र के अंदर पाए जाते हैं और ठंडे पहाड़ी प्रदेशों में भी मिलते हैं। इसकी पत्तियों में एक विशेष तरह का तरल पदार्थ होता है, जिससे इसमें गिरने वाला कीट चिपक जाता है और फिर यह उस कीट को खा जाता है। इस पौधे के पत्तों का ऊपरी हिस्सा सुराही के आकार का होता है, और मुंह पर एक ढक्कन रहता है। सुराही की परिधि से एक तरल पदार्थ निकलता है, जो कीट को आकर्षित करता है। जैसे ही कीट इस पर बैठता है तो वो अंदर फिसल जाता है और वहां मर जाता है। सुराही के अंदर के बैक्टीरिया उसे सडमते हैं और तब वह पौधे के द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है।

ब्लैडरवर्ट
इसके पत्ते काफी बारीक होते हैं। ज्यादातर यह पौधा पानी में तैरता है। इसकी कुछ पत्तियां फूलकर एक थैली के आकार की हो जाती हैं। इस थैली के मुंह पर तीन बाल होते हैं, जो पानी में तैरते कीड़े को पकड़कर थैली के अंदर डाल देते हैं। जैसे ही कीड़ा अंदर गिरता है तो थैली का मुंह अपने आप बंद हो जाता है और कीड़ा वहां मर जाता है। इसके बाद पौधा इस कीड़े को खा जाता है। जब कीड़ा खत्म हो जाता है तो थैली का मुंह फिर से खुल जाता है अगले कीड़े की तलाश में।

ड्रोसेरा
इस पौधे में चारों ओर पत्तियां होती हैं। हर पत्ती पर बाल होते हैं। इस पौधे से एक चमकीला पदार्थ निकलता रहता है। कीड़ा इसे देखकर सम्मोहित होता है और पौधे के पास आता है। इसके बाद पौधे के ये बालनुमा रेशे कीड़े को पकड़कर नीचे की ओर ले जाते हैं और वहां पौधे द्वारा कीट को खा लिया जाता है। यह पौधा मुख्य रूप से पानी वाले क्षेत्र के आसपास पाया जाता है।

बूढ़ा पेड़ ये है
दुनिया का सबसे बूढ़ा पेड़ है मेथूसीलाह। इसकी उम्र है 4,845 साल। यह कैलिफोर्निया में है। यह ब्रिस्टलकोन पाइन है। इसके बाद नंबर आता है जोरेस्ट्रियन सर्व का। इसकी उम्र 4,000 साल बताई जाती है और यह ईरान में है।

लंबा पेड़
दुनिया के सबसे लंबे पेड़ अमेरिका के कैलिफोर्निया में हैं। इन्हें रेडवुड्स कहा जाता है। ये पेड़ बड़ी आसानी से 91 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं। रेडवुड्स पेड़ों में से एक है हाईपीरियन ड्वार्फ। इसे साल 2006 में ढूंढ़ा गया था। इस पेड़ की ऊंचाई करीब 115 मीटर है। तब से इसे विश्व का सबसे लंबा पेड़ माना जाता है। दूसरे लंबे रेडवुड्स में हेलिओस है, जो 114 मीटर लंबा है, इसके बाद इकेरस है जो 113 मीटर लंबा है।

सबसे बड़ा पेड़
सबसे बड़ा पेड़ है जाइंट सिकोउआ। यह कैलिफोर्निया के सिकोउआ नेशनल पार्क में है। इसे जनरल शेरमन भी कहा जाता है। इस पेड़ का व्यास 52,500 क्यूबिक फीट है। ऐसा माना जाता है कि यह पेड़ तकरीबन 2,000 साल पुराना है। इसकी लंबाई 83 मीटर है।

ऐसे भी मरता है पेड़
अगर हम किसी पेड़ को काट देते हैं तो वह मर जाता है, यह तो तुम सभी जानते हो। मगर कभी-कभी जब तुम खेलते हुए किसी पेड़ पर ड्राइंग करने लगते हो या फिर उस पर अपना नाम लिखते हो तो उस समय पेड़ को काफी दर्द होता है। दरअसल, ऐसा करके तुम पेड़ का महत्वपूर्ण टिश्यू, जिसे फ्लोअम कहते हैं, उसे काट देते हो। इसी टिश्यू की मदद से पेड़ अपनी पत्तियों और अन्य भागों तक भोजन पहुंचाता है। जब भी कोई उनके तने को रगड़ता है तो इस टिश्यू के नष्ट हो जाने से पेड़ के दूसरे भागों में खाने की सप्लाई रुक जाती है। इससे पेड़ की जड़ सूखना आरंभ हो जाती है। जब जड़ सूख जाती है तो वह पेड़ के अन्य भागों को मिट्टी से प्राप्त खनिज व पानी की सप्लाई नहीं कर पाती। पत्तियों को जब पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिलता तो वे भोजन नहीं बना पातीं और धीरे-धीरे पेड़ सूख जाता है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ इंसान ही पेड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं। दरअसल कई बार जानवर भी ऐसा करते हैं। भूखे खरगोश पेड़ को छीलते हैं। इसी तरह जब हिरण खुद को पेड़ से रगड़ता है तो भी ऐसा ही होता है।

ये भी हैं खतरनाक
सेफालोटस दक्षिण-पश्चिम आस्ट्रेलिया में पाया जाता है। इसे आस्ट्रेलियन पिचर प्लांट के नाम से भी जाना जाता है। यह काफी कीटों को खा जाता है।

बिबलिस को रेनबो प्लांट भी कहा जाता है। यह भी काफी खतरनाक कीटभक्षी पौधों में से एक है।

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