Sunday 15 September 2013

केंद्र में मजबूत नेतृत्व की जरूरत: नरेंद्र मोदी

sonamohapatralove
भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किये जाने के बाद अपनी पहली जनसभा में नरेंद्र मोदी ने केंद्र में मजबूत नेतृत्व की पुरजोर वकालत की और नेताओं से कहा कि वे सेना से सच्ची धर्म-निरपेक्षता की सीख लें।
संप्रग सरकार पर कुशासन का आरोप लगाने वाले मोदी ने कहा कि यदि देश को मौजूदा संकट से निकालना है तो उसे मजबूत सरकार की जरूरत है जिसमें कोई व्यक्ति आगे रहकर नेतृत्व कर सके।

युवाओं से मताधिकार का इस्तेमाल करने का आग्रह करते हुए मोदी ने कहा, अगर आप देश को मजबूत देखना चाहते हैं, यदि आप दिल्ली में मजबूत सरकार चाहते हैं तो पता लगाइए कि आपका नाम मतदाता सूची में है या नहीं।

गुजरात के मुख्यमंत्री ने अपने 65 मिनट लंबे भाषण में कई बार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया जिन्हें भाजपा के उदारवादी चेहरे के तौर पर देखा जाता है। मोदी ने भारतीय सशस्त्र बलों में सच्ची धर्म-निरपेक्षता होने की बात भी कही।

मोदी की इस रैली में पूर्व सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह भी शामिल हुए और बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे देश में वोट बैंक की खराब राजनीति हो चुकी है। वोट बैंक की राजनीति के माध्यम से समाज को विभाजित करने की चाह रखने वाले नेताओं को हमारे सशस्त्र बलों से सच्ची धर्म-निरपेक्षता का सबक सीखना चाहिए।

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा कि पाकिस्तान और चीन के साथ सीमाओं पर समस्याएं सेना में किसी कमी की वजह से नहीं बल्कि केंद्र की वजह से हैं। उन्होंने कहा कि समस्या दिल्ली में है। इसलिए इस समस्या का समाधान भी दिल्ली में ही खोजना होगा। समस्या का हल तभी निकलेगा जब केंद्र में एक सक्षम, देशभक्त और जनोन्मुखी सरकार बनेगी।

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