Sunday 29 September 2013

मोदी बोले, सरकारों के बोझ तले दब गई दिल्ली

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गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी के रोहिड़ी में एक रैली को सं बोधित करते हुए कहा कि दिल्ली, सरकारों के बोझ के नीचे दब गई है। मोदी ने कहा कि दिल्ली में एक कांग्रेस की सरकार है, उस सरकार में एक मां की सरकार है एक बेटे की सरकार है। नई दिल्ली में संप्रग की सरकार है, उसमें भी मां की सरकार है बेटे की सरकार है और दामाद की सरकार है। इतना ही नहीं गठबंधन सरकार के हर घटक का नेता अपने दल के भीतर प्रधानमंत्री है। सरकार का हर विभाग एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा है। मोदी ने कहा कि गठबंधन सरकार अंकगणित से बनती है, लेकिन केमिस्ट्री से चलती है। केमिस्ट्री के बगैर गठबंधन सरकारें निर्वाचित लोगों का जमघट बनकर रह जाती हैं। सरकार के लोग एक साथ तो हैं, लेकिन साथ-साथ नहीं हैं। संप्रग सरकार में सामंजस्य की कमी है। सभी अपनी अलग-अलग राह पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में सबसे सुखी मुख्यमंत्री दिल्ली सरकार का है। उनको सुबह-शाम केवल फीता काटने के अलावा कोई काम नहीं है। उनको न तो सिंचाई की व्यवस्था देखनी है, न कृषि की और न ही कानून या सड़क की जिम्मेदारी है। मोदी ने कहा कि इतना ही नहीं जब दिल्ली में दुष्कर्म की घटनाए घटती हैं तो मुख्यमंत्री कहती हैं कि उनको बहुत दुख है क्योंकि वह भी एक मां हैं। मां के नाते वह सलाह देती हैं कि शाम को जल्दी घर लौट आओ। ये बात कोई भी मां-बाप कह सकता है। मुख्यमंत्री के नाते आपकी कोई जिम्मेदारी है या नहीं।

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